भागलपुर : सिल्क सिटी के रूप में मशहूर भागलपुर में एक बार फिर हुए बम धमाके (bomb blasts in Bhagalpur) ने पुलिस प्रशासन के कान खड़े कर दिएा हैं. भागलपुर नाथनगर थाना क्षेत्र में कांस्टेबल ट्रेनिंग सेंटर (सीटीएस) परिसर में शुक्रवार की शाम चार बजे हुई विस्फोट की घटना से दहशत फैल गई. यह घटना पूर्वी बैरक के गेट पर हुई. विस्फोट तब हुआ जब कैंपस में बोतलबंद पानी पहुंचाने आए तीन पहिया वाहन का चक्का इसके ऊपर से गुजर गया. इस घटना में कोई घायल या हताहत नहीं हुआ है. घटनास्थल पर एफएसएल और बम स्क्वायड की टीम (FSL and Bomb Squad team)जांच में जुट गई हैं. जांच के दौरान मौके से कुछ कीलें मिली हैं. जांच के बाद ही कहा जा सकता है कि जो विस्फोट हुआ है उसकी डेंसिटी क्या थी. प्रशासन इस जानकारी में जुटी है कि आखिर कहां से और किस मकसद से ट्रेनिंग सेंटर के पास बन रखा गया था.
पहले भी कई बार हुए हैं बम बरामद : ये कोई पहली बार नहीं है कि नाथनगर ट्रेनिंग सेंटर के पास बमनुमा सामान मिला है. विगत 8 अप्रैल को भी सीटीएस परिसर के अंदर चार बमनुमा वस्तुएं मिली थीं. बम निरोधक दस्ते की जांच में उसके अंदर सिर्फ कांटी ही मिली थी. इसके अलावा कोई विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला था. भागलपुर में इससे पहले भी कई बार बम बरामद हुआ है. यहां तक कि बम विस्फोट भी हो चुका है. 17 फरवरी की रात नाथनगर स्टेशन की प्लेटफॉर्म संख्या 02 पर खंबा नंबर 19 के पास रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर रख कर बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश की गई थी. रात के वक्त ही नाथनगर पुलिस के अलावा तत्कालीन एसएसपी निताशा गुड़िया समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी व रेल पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे थे. वहीं, देर रात जमालपुर से पहुंची बम निरोधक दस्ता की टीम ने बम को सुरक्षित जगह पर ले जाकर डिफ्यूज कर दिया था. इस मामले में गिरफ्तारी को लेकर अब तक रेल पुलिस के हाथ खाली ही हैं.
जा चुकी है जान भी : नाथनगर स्टेशन से महज दो सौ मीटर की दूरी पर बीते 9 दिसंबर 2021 को रेलवे ट्रैक से 10 फीट की दूरी पर बम विस्फोट की घटना में एक अधेड़ की मौत हो गई थी. जीआरपी थाना में रेलवे पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था. लेकिन, अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. नाथनगर थाना क्षेत्र के मोमिन टोला में 11 दिसंबर को बम विस्फोट की घटना में दो बच्चे आंशिक रूप से जख्मी हुए थे. मामले में पुलिस ने कुख्यात चांद मियां को आपराधिक वारदात को अंजाम देने के मकसद से बम छिपा कर रखने के आरोप में नामजद किया था, जिसने इस साल 31 जनवरी 2022 को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था. बाद में नाथनगर पुलिस ने रिमांड पर लेकर उससे कड़ी पूछताछ भी की थी. वही नाथनगर थाना क्षेत्र के मकदूम शाह दरघाट घाट पर 13 दिसंबर 2021 को टिफिन को खोलने के दौरान बम विस्फोट में सात साल के एक मासूम की जान चली गई थी. बम निरोधक दस्ता ने मौके पर पहुंच पांच टीपिन बम को डिफ्यूज भी किया था. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपित सन्नी तांती को आपराधिक वारदात को अंजाम देने की मंशा से बम छिपा कर रखने के आरोप नामजद किया था.
ये भी पढ़ें :- धमाकों से दहल रही बिहार की 'सिल्क सिटी', चार महीन में हो चुकी हैं 20 मौतें
पुलिस के हाथ खाली : पहले के वर्षों में विस्फोट की घटना भागलपुर में घट चुकी है. 16 दिसंबर 2017 मधुसूदनपुर ओपी क्षेत्र के रामपुरखुर्द हरिजन टोला में खेलने के दौरान बम फटने से एक बच्चा घायल हो गया था. लेकिन, बम रखने वाले की अब तक पहचान नहीं की जा सकी है. 02 जनवरी 2018 वार्ड नंबर चार की पार्षद नीतू कुमारी के नाथनगर थाना क्षेत्र स्थित जमीन की सफाई के क्रम में बम फटने से एक मजदूर घायल हो गया था. बम रखने वाले अब तक नहीं पकड़े गए हैं. 03 जनवरी 2018 फिर दूसरे दिन भी वार्ड 04 की पार्षद की जमीन पर ही बम मिला था. इसमें भी शामिल बदमाश अब तक पुलिस की पकड़ से दूर ही हैं. 21 मार्च 2018 सुखराज राय हाई स्कूल के पास खंडहर में झाड़ी में बम विस्फोट की घटना हुई थी. 12 मार्च 2019 ललमटिया ओपी क्षेत्र के कबीरपुर इलाके में अर्धनिर्मित मकान की चारदीवारी के अंदर झाड़ी के बीच खेल रहे दो बच्चों की अचानक हुए बम विस्फोट की घटना में मौत हो गई थी. इस कांड में पुलिस अब तक खाली हाथ है.
ये भी पढ़ें :- भागलपुर बम ब्लास्ट के पीछे आतंकी साजिश! पुलिस मुख्यालय गंभीर.. तो रक्षा विशेषज्ञ ने दी ये सलाह
पुलिस नहीं हो पा रही सतर्क: बिहार में इन दिनों चाहे भागलपुर हो, छपरा हो या कोई और जिला हो, विस्फोट जैसी घटनाएं लगातार घट रही हैं. मार्च में ही आईबी ने अवैध पटाखा फैक्ट्री या इस तरह के बम विस्फोट जैसी घटना को लेकर राज्य पुलिस मुख्यालय को अलर्ट किया था. इसके बावजूद बिहार पुलिस आखिर क्यों नहीं उचित एक्शन ले पा रही है. सवाल यह उठ रहा है कि बार-बार आखिर क्यों और कहां से भागलपुर के नाथनगर में और उसके आसपास लगातार छोटी ही सही विस्फोट की घटना क्यों हो रही है ? कहीं ना कहीं यह कहा जा सकता है कि स्थानीय प्रशासन की चौकसी में कमी की वजह से इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं और यही स्थिति रही तो कहीं न कहीं बड़ी घटना को भी अंजाम देने से नहीं रोका जा सकता है.