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भागलपुर: कटाव के कारण कई घर गंगा में समाए, करीब 20 परिवार हुए बेघर

गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कटाव होने लगा है. इस कटाव के कारण तौफिल दियारा, अंठावन दियारा और टपुआ गांव के 20 घरों के लोग बेघर हो गए हैं. वहीं, प्रशासन की तरफ से कोई राहत कार्य नहीं किया जा रहा है.

कटाव के कारण नदी में बहा घर
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Published : Aug 14, 2019, 9:04 AM IST

भागलपुर: बारिश का मौसम आते ही गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो जाती है. इसके कारण तेजी से कटाव शुरू हो गया है. इस कटाव के चपेट में जिले के पीरपैंती, कहलगांव, खरीक बिहपुर प्रखंड आ गया है. नदी के कटाव में तटवर्ती गांवों के खेती वाले जमीन समेत लोगों के घर समाए जा रहे हैं. इस कटाव के कारण लोगों को काफी डर लग रहा है. लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित है.

bhagalpur news
बढ़ा नदी जलस्तर

कई घरों पर मंडरा रहा कटाव का खतरा

पिछले 5 दिनों में पिरपैंती प्रखंड के रानी दियारा के टपुआ गांव में निताई मंडल, बटनी देवी ,मनोज यादव का घर गंगा में समा चुका है. दर्जनों घर के ऊपर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. करीब 3 किलोमीटर के दायरे में कटाव जारी है. तौफिल दियारा, अंठावन दियारा और टपुआ गांव गंगा नदी के तेज कटाव के चपेट में है. अब तक 20 घर बेघर हो गए हैं. सभी बेघर हुए लोग अपने रिश्तेदार के घर आश्रय लिए हुए हैं. वहीं, प्रशासन की ओर से लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई जा रही है. प्रशासन के अधिकारी इलाके का जायजा लेकर खानापूर्ति कर देते हैं, लेकिन कटाव रोकने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं करवाते हैं.

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कटाव में बहा घर

कटाव रोकने का नहीं है पर्याप्त व्यवस्था

टपुआ दियारा के ग्रामीण मुकेश मंडल ने बताया कि नदी में 5 साल से ही कटाव हो रहा है. लेकिन बारिश के समय में ज्यादा कटाव होने लगता है. लेकिन तब से लेकर आज तक प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं गया है. सूचना मिलने पर प्रशासन के अधिकारी गांव आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. प्रशासन की तरफ से कोई भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं की जाती है.

कटाव के कारण परेशान लोग

सरकार से मदद की गुहार

ग्रामीण विकास कुमार ने बताया कि कटाव रोकने के लिए बालू का बोरा लाकर गंगा किनारे रख दिया गया है, लेकिन उसे नीचे पानी के पास नहीं डाला गया है. वहीं, काम करने वाले मजदूरों की भी कमी है. गंगा में कटाव को रोकने के लिए काम करवाने के लिए ठेकेदारों का कहना है कि ऊपर से आदेश मिलने के बाद ही काम जारी रखा जायेगा. ग्रामीण गंगा देवी ने बताया कि कटाव के कारण उनका बेटा रात में अपने दोस्तों के साथ गंगा किनारे जगा रहता है. जिससे कि किसी तरह का खतरा होने पर गांव में लोगों को जगाया जा सके. उन्होंने बताया कि एक बार में दो से 3 एकड़ जमीन गंगा में समा जाती है. इन लोगों ने सरकार से रहने के लिए घर के साथ भोजन के लिए अन्न की भी मांग की है.

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कटाव के कारण परेशान लोग

भागलपुर: बारिश का मौसम आते ही गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो जाती है. इसके कारण तेजी से कटाव शुरू हो गया है. इस कटाव के चपेट में जिले के पीरपैंती, कहलगांव, खरीक बिहपुर प्रखंड आ गया है. नदी के कटाव में तटवर्ती गांवों के खेती वाले जमीन समेत लोगों के घर समाए जा रहे हैं. इस कटाव के कारण लोगों को काफी डर लग रहा है. लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित है.

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बढ़ा नदी जलस्तर

कई घरों पर मंडरा रहा कटाव का खतरा

पिछले 5 दिनों में पिरपैंती प्रखंड के रानी दियारा के टपुआ गांव में निताई मंडल, बटनी देवी ,मनोज यादव का घर गंगा में समा चुका है. दर्जनों घर के ऊपर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. करीब 3 किलोमीटर के दायरे में कटाव जारी है. तौफिल दियारा, अंठावन दियारा और टपुआ गांव गंगा नदी के तेज कटाव के चपेट में है. अब तक 20 घर बेघर हो गए हैं. सभी बेघर हुए लोग अपने रिश्तेदार के घर आश्रय लिए हुए हैं. वहीं, प्रशासन की ओर से लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई जा रही है. प्रशासन के अधिकारी इलाके का जायजा लेकर खानापूर्ति कर देते हैं, लेकिन कटाव रोकने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं करवाते हैं.

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कटाव में बहा घर

कटाव रोकने का नहीं है पर्याप्त व्यवस्था

टपुआ दियारा के ग्रामीण मुकेश मंडल ने बताया कि नदी में 5 साल से ही कटाव हो रहा है. लेकिन बारिश के समय में ज्यादा कटाव होने लगता है. लेकिन तब से लेकर आज तक प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं गया है. सूचना मिलने पर प्रशासन के अधिकारी गांव आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. प्रशासन की तरफ से कोई भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं की जाती है.

कटाव के कारण परेशान लोग

सरकार से मदद की गुहार

ग्रामीण विकास कुमार ने बताया कि कटाव रोकने के लिए बालू का बोरा लाकर गंगा किनारे रख दिया गया है, लेकिन उसे नीचे पानी के पास नहीं डाला गया है. वहीं, काम करने वाले मजदूरों की भी कमी है. गंगा में कटाव को रोकने के लिए काम करवाने के लिए ठेकेदारों का कहना है कि ऊपर से आदेश मिलने के बाद ही काम जारी रखा जायेगा. ग्रामीण गंगा देवी ने बताया कि कटाव के कारण उनका बेटा रात में अपने दोस्तों के साथ गंगा किनारे जगा रहता है. जिससे कि किसी तरह का खतरा होने पर गांव में लोगों को जगाया जा सके. उन्होंने बताया कि एक बार में दो से 3 एकड़ जमीन गंगा में समा जाती है. इन लोगों ने सरकार से रहने के लिए घर के साथ भोजन के लिए अन्न की भी मांग की है.

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कटाव के कारण परेशान लोग
Intro:बारिश का मौसम आते ही गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो जाती है ,जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही गांगा मे तेज बहाव भी शुरू हो जाती है जिस कारण तेजी से कटाव शुरू हो जाता है । जिसके चपेट में भागलपुर जिले का कई पीरपैंती ,कहलगांव ,खरीक बिहपुर प्रखंड है । कटाव धीरे धीरे तटवर्ती गांवों के कृषि जमीन समेत घरेलू जमीन को लिल रही है । पिछले 5 दिनों में पिरपैंती प्रखंड के रानी दियारा के टपुआ गांव में निताई मंडल , बटनी देवी मनोज यादव के घर को गंगा अपनी समा कर ली है और दर्जनों घर के ऊपर कटाव की तलवार लटक रही है । करीबन 3 किलोमीटर के दायरे में कटाव चल रहा है । गांव में रहने वाले लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं । तौफिल दियारा ,अंठावन दियारा और टपुआ गंगा नदी के तेज कटाव के चपेट में है ,अब तक 20 घर बेघर हो गए हैं सभी अपने अपने रिश्तेदार के घर आश्रय लिए हैं । बीते 5 वर्षों से सैकड़ों परिवार बेघर हो गए है । 15 दिनों से इस क्षेत्र में गंगा नदी में कटाव जारी है ,अगर गंगा शांत नहीं हुई तो स्थिति और विकराल रूप धारण कर लेगी , प्रशासन की ओर से कोई तत्परता नहीं दिखाई जा रही है । प्रशासन के अधिकारी इलाके का जायजा लेकर खानापूर्ति कर देते हैं , लेकिन कटाव रोकने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की जा रही है , कटाव रोकने को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है ।


Body:टपुआ दियारा के ग्रामीण मुकेश मंडल ने बताया कि प्रशासन 5 साल से ही से गांव में कटाव जारी है , लेकिन तब से लेकर आज तक प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दिया है । सूचना मिलने पर प्रशासन के अधिकारी गांव आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं , कहा जाता कटा रोकने के लिए काम किया जाएगा लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ है ,जिसके कारण अब हम लोग कटाव के चपेट में हैं । पूरा गांव गंगा में समाने जा रही है । उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से कोई भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है । अधिकारी आते हैं देख सुन कर चले जाते हैं मगर कुछ नहीं होता ।

ग्रामीण विकास कुमार ने बताया कि कटाव रोकने के लिए बालू का बोरा लाकर गंगा किनारे रख दिया है लेकिन उसे नीचे नहीं डाला गया है , मजदूर की कमी है । अधिकारी के सामने ठेकेदार काम का तेजी दिखाते हैं लेकिन अधिकारी के जाते ही आराम से बैठ जाते हैं । ग्रामीण द्वारा ठेकेदार को जब कहा जाता है काम करने तो ठेकेदार द्वारा कहा जाता है कि ऊपर से आदेश मिलेगा तब काम करेंगे ।

ग्रामीण गंगा देवी ने बताया कि उनका बेटा रात में अपने दोस्तों के साथ गंगा किनारे जगा रहता है जिससे कि कटाव होने पर गांव में लोगों को छोड़कर जगाया जा सके उन्होंने बताया कि एक बार में दो से 3 एकड़ जमीन गंगा में समा जाती है ।

देवी देवी ने बताया कि जब शादी हो करी इसे गांव में आई थी तो गंगा करीब 10 किलोमीटर दूर थी , लेकिन अब गंगा उनके गांव में आ गई है। पूरा गांव कटाव के मुख पर खड़ी है और कितने घर को गंगा अपने गोद में समा ली है । उन्होंने बताया कि कटाव दिन में या रात में कभी भी शुरू हो जाता है । उनका घर भी गंगा में समा गया है। वह अभी दूसरे के घर आश्रय लिए हुए हैं । उनके पास रहने और खाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है ।


Conclusion:visual
byte - मुकेश मंडल ( ग्रामीण )
byte - नीतीश कुमार ( ग्रामीण )
byte - गंगा देवी ( ग्रामीण )
byte - बेबी देवी ( पीड़ित ग्रामीण )
PTC
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