भागलपुरः जहां एक ओर आए दिन पति-पत्नी के बीच होने वाले घरेलू हिंसा और तलाक सामान्य बात हो गई है. वहीं, भागलपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुन लोग आश्चर्य कर रहे हैं. दरअसल, कहलगांव के एकचारी पंचायत में पत्नी अंचला देवी की मौत की खबर सुनकर पति रामस्वरूप को गहरा सदमा लगा और कुछ ही घंटों बाद उनकी भी मौत हो गई. लोगों का कहना है कि रामस्वरूप पत्नी की मौत के सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए.
दोनों के बीच था अपार प्रेम
इस मामले के बारे में घर वालों ने बताया कि दोनों का विवाह वर्ष 1962 में हुआ था. उसी समय से दोनों में अपार प्रेम था. पत्नी अंचला देवी दिव्यांग थीं और कुछ दिनों से वो बीमार चल रही थीं. वहीं, रामस्वरूप दास पूरी तरह स्वस्थ थे. लेकिन पत्नी की मौत का गम वह नहीं सह सके और दो घंटे बाद उनकी भी सांसें रुक गयीं.
अंतिम संस्कार एक साथ
खबर सुनकर इलाके में मातम छा गया. घर पर अंतिम दर्शन के लिए पंचायत के लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. दोनों शवों को एक साथ दो अर्थी पर लेकर गंगा घाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. जहां उनके बेटे राजेश श्रीवास्तव ने माता-पिता को मुखाग्नि दी. बता दें कि रामस्वरूप दास की पहचान पंचायत के अच्छे मुखिया के रूप में होती थी.
मिलनसार स्वभाव के थे रामस्वरूप
परिजनों का कहना है कि रामस्वरूप दास दूसरे लोगों की हमेशा मदद करते थे. वह स्वभाव से काफी मिलनसार व्यक्ति थे. अंचला देवी अपंग रहते हुए भी अपने पति के सेवा में लगी रहती थी. ग्रामीण सुबोध पासवान इनके राजनीतिक कार्यकाल के बारे में बताते हैं कि जब वो मुखिया थे, तब अपने घर का ख्याल नहीं रख कर पंचायत के लोगों का रखा करते थे. उन्होंने कई लोगों को इंदिरा आवास योजना का लाभ दिलाया और सड़क का निर्माण कराया.