भागलपुरः कोरोना वायरस के चलते सरकार की ओर से लगाए गए लॉक डाउन के कारण गरीब लाचार जरूरतमंद लोगों के साथ-साथ कामगार लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.
लॉक डाउन के कारण गरीबों के सामने भुखमरी की समस्या
भागलपुर के जीरो माइल के पास राजस्थान के जोधपुर के एक परिवार पीओपी से बने मूर्ति को बेचकर अपना घर परिवार चलाते थे. लेकिन कोरोना वायरस के कारण लगे लॉक डाउन ने इनकी रोजी रोटी को प्रभावित किया है. अब परिवार के सामने खाने-पीने की संकट उत्पन्न हो गई है. मजबूरी में परिवार के सभी सदस्य अगल बगल से खाना मांग कर खा रहे हैं. दूसरे राज्य के होने की वजह से इन्हें भी नहीं मील रहा किसी तरह का सरकारी लाभ. यह परिवार सड़क किनारे तंबू गाड़ कर गुजर बसर करता है.
तंबू गाड़ कर करते है गुजर बसर
वहीं, आंधी तूफान में इनके तंबू भी उजड़ जाते हैं और बने बनाई मूर्ति भी टूट जाते हैं. मूर्ति के कोई खरीदार नहीं मिल रहा है. जिस वजह से इनकी कमाई भी नहीं हो पा रही है. दो वक्त की रोटी के लिए इन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है. लॉक डाउन के कारण सारे काम बंद है, जिस वजह से मूर्ति की बिक्री नहीं हो रही है. अब परिवार के मुखिया अंबालाल को परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. इनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
लॉक डाउन के कारण परिवार चलाना मुश्किल
मगनी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉक डाउन के कारण बाजार नहीं खुल रहे हैं. जिस वजह से सामानों की बिक्री नहीं हो रही है. परिवार को खाना पीना नहीं मिल पा रहा है. आस पास के घरों से मांग कर खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग पिछले 2 वर्षों से यहां तंबू गाड़ कर रह रहे हैं. बारिश और आंधी तूफान के कारण सारा सामान भीग जाता है. जिसमें मुर्ती भी भीग जाता है और टुट जाता है. मूर्तियों को दोबारा बनाना पड़ता है, दोबारा मेहनत करना पड़ता है, बरसात के मौसम में सामानों की बिक्री होती थी. अभी वर पूजा आने वाला है. लेकिन बाजार नहीं खुल रहे हैं, जिस वजह से बिक्री नहीं हो रही है. जिसके कारण परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है.
राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले 7 परिवार के मुखिया अब परिवार चलाने में असमर्थता जाहिर कर दिए हैं. वे जीरोमाइल थाने से बच्चों के लिए खाना मांग कर लाते हैं और खुद खाते हैं और परिवार को भी खिलाते हैं. 7 परिवार में पति पत्नी समेत पांच लड़की है.