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मिलिए भोले की भक्त 'कृष्णा बम' से, 70 की उम्र में भी दौड़कर जाती हैं बाबाधाम

जिस उम्र में लोगों को चलने फिरने में भी परेशानी होती है उस उम्र में कृष्णा बम (70 साल) डाक बम बनकर भागलपुर से देवघर तक का सफर तय करती हैं. कोरोना काल को छोड़कर हर साल वे श्रावणी मास में भोलेनाथ का जलाभिषेक करती आईं हैं और इस बार फिर से ये बुजुर्ग महिला (Bhagalpur Krishna Bam) पूरी भक्ति भाव के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगी.

Krishna Bam journey as dak bam from Bhagalpur to Deoghar
Krishna Bam journey as dak bam from Bhagalpur to Deoghar
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Published : Jul 22, 2022, 5:56 PM IST

भागलपुर: भगवान भोलेनाथ की भक्त कृष्णा बम आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है. उनकी शिव भक्ति की वजह से डाक बम (Krishna Bam journey as dak bam ) बनकर भागलुपर से देवघर तक की यात्रा करने वाली 70 साल की कृष्णा बम के दर्शन के लोग अभिलाषी रहते हैं. जैसे ही लोगों को पता चला कि कृष्णा बम 26 जुलाई को बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करेंगी, उनकी एक झलक पाने के लिए लोग अभी से ही उत्साहित हैं. इस उम्र में भी बिना रुके भागलपुर से देवघर तक का सफर तय करने के कारण कृष्णा बम की अपनी पहचान बनी हुई है. हालांकि देवघर प्रशासन द्वारा सुरक्षा मुहैया नहीं करवाए जाने के कारण कृष्णा सिर्फ एक सोमवार (25 जुलाई) ही भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगी.

पढ़ें- 'मां कृष्णा बम' ने 39वें साल बाबा भोलेनाथ को चढ़ाया जल, बोली- शिवशंकर की महिमा अपरंपार

कौन हैं कृष्णा बम?: 70 वर्षीय कृष्णा बम भागलपुर की रहने वाली हैं. वर्ष 2013 में प्रधानाध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त हुईं. सावन के प्रत्येक सोमवार को कृष्णा बम सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा से जल उठाकर देवघर तक का सफर 12 से 14 घंटे में पूरा कर बाबा के दरबार में पहुंचकर जलाभिषेक करती हैं. कोरोना काल में पिछले दो सालों से जलाभिषेक नहीं कर पाने के कारण इस बार का उनका सफर काफी खास रहने वाला है. पिछले कई वर्षों से मिल रहे देवघर प्रशासन की सुरक्षा को 2019 से प्रशासन ने बंद कर दिया है. इसी बात से नाराज होकर उन्होंने इस साल सिर्फ एक बार 25 जुलाई के सोमवारी को बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने का मन बनाया है.

कृष्णा बम के दर्शन के लिए उमड़ती है भीड़: कृष्णा बम का दर्शन कर उनके पैर छूने के लिए लोग लालायित रहते हैं. खासकर सुलतानगंज, मासूमगंज, असरगंज, तारापुर, रामपुर, कटोरिया, सुइया, दर्शनियां, गोडिय़ारी, दुम्मा से लेकर देवघर तक यही नजारा होता है. सुलतानगंज से लेकर रामपुर तक तो उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ होती है और कांवरिया पथ के दोनों ओर कांवरियों व स्थानीय लोगों की लंबी लाइन लग जाती है.

क्या होते हैं डाक बम: डाक बम ऐसे कांवड़िए होते हैं, जो एक बार यात्रा शुरू करने के बाद शिव का अभिषेक करने तक कहीं आराम नहीं करते. यात्रा में विराम लेने पर माना जाता है कि डाक बम का गंगाजल अपवित्र हो जाता है और उनकी संकल्प और यात्रा खंडित हो जाती है. सुल्तानगंज से देवघर की दूरी करीब 105 किलोमीटर है. कृष्णा बम अपने पैरों से इस दूरी को कई सालों तक सावन के हर सोमवार को नापती रहीं हैं.

साइकिल से 11 बार वैष्णो देवी की कर चुकीं हैं यात्रा: वहीं, मुजफ्फरपुर निवासी कृष्णा बम लगातार 38 वर्षो तक प्रत्येक सोमवार को डाक कांवड़ चढ़ाने का संकल्प लेकर लगातार आगे बढ़ रहीं थीं. इस दौरान उनकी प्रसिद्धि एक देवी के रुप में कांवरिया पथ पर हो चुका था. विगत 27 मार्च 2006 को उसने सुल्तानगंज से बाबा धाम की दूरी दंड देकर भी पूरा किया था. बता दें, कृष्णा बम मुजफ्फरपुर से साइकिल पर सवार होकर 11 बार वैष्णो देवी और एक बार कामाख्या देवी की यात्रा भी पूरी कर चुकीं हैं.

कोरोना काल में लगा था यात्रा पर विराम: कोरोना काल ने कई लोगों की जिंदगी पिछले दो सालों में बदल कर रख दी थी. मंदिरों को बंद करने के फैसले तक सरकार को लेने पड़े थे ताकि संक्रमण ना फैले. ऐसे में कृष्णा बम की यात्रा पर भी विराम लग गया था. इस बार सावन के प्रत्येक सोमवार को किसी भी परिस्थिति में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने वाली कृष्णा की यात्रा पूरी होगी. हालांकि सिर्फ 25 जुलाई को वे शंकर भगवान का जलाभिषेक करेंगी.


22 जुलाई को आएंगी मुजफ्फरपुर: वर्ष 2019 में देवघर प्रशासन ने उनकी सारी सुविधाओं को समाप्त कर दिया था. जिस कारण महिला ने गर्भगृह में प्रवेश किये बिना ही भोलेनाथ को जल अर्पण कर वापस लौट आईं थीं. वर्ष 2018 तक कृष्णा बम ने अपना 38 वां साल देवघर में पूरा किया था. जिसके बाद उन्होंने कहा कि इस सावन में एक बार 25 जुलाई की सोमवारी को उत्तरवाहिनी गंगा घाट से जल उठाकर 26 जुलाई मंगलवार को जल अर्पण करेंगी. इस बात की जानकारी देते हुए कृष्णा बम ने बताया कि वो अभी उज्जैन यात्रा पर हैं. वहां महाकाल की पूजा के बाद 22 जुलाई को मुजफ्फरपुर लौटेंगी.


भागलपुर: भगवान भोलेनाथ की भक्त कृष्णा बम आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है. उनकी शिव भक्ति की वजह से डाक बम (Krishna Bam journey as dak bam ) बनकर भागलुपर से देवघर तक की यात्रा करने वाली 70 साल की कृष्णा बम के दर्शन के लोग अभिलाषी रहते हैं. जैसे ही लोगों को पता चला कि कृष्णा बम 26 जुलाई को बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करेंगी, उनकी एक झलक पाने के लिए लोग अभी से ही उत्साहित हैं. इस उम्र में भी बिना रुके भागलपुर से देवघर तक का सफर तय करने के कारण कृष्णा बम की अपनी पहचान बनी हुई है. हालांकि देवघर प्रशासन द्वारा सुरक्षा मुहैया नहीं करवाए जाने के कारण कृष्णा सिर्फ एक सोमवार (25 जुलाई) ही भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगी.

पढ़ें- 'मां कृष्णा बम' ने 39वें साल बाबा भोलेनाथ को चढ़ाया जल, बोली- शिवशंकर की महिमा अपरंपार

कौन हैं कृष्णा बम?: 70 वर्षीय कृष्णा बम भागलपुर की रहने वाली हैं. वर्ष 2013 में प्रधानाध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त हुईं. सावन के प्रत्येक सोमवार को कृष्णा बम सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा से जल उठाकर देवघर तक का सफर 12 से 14 घंटे में पूरा कर बाबा के दरबार में पहुंचकर जलाभिषेक करती हैं. कोरोना काल में पिछले दो सालों से जलाभिषेक नहीं कर पाने के कारण इस बार का उनका सफर काफी खास रहने वाला है. पिछले कई वर्षों से मिल रहे देवघर प्रशासन की सुरक्षा को 2019 से प्रशासन ने बंद कर दिया है. इसी बात से नाराज होकर उन्होंने इस साल सिर्फ एक बार 25 जुलाई के सोमवारी को बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने का मन बनाया है.

कृष्णा बम के दर्शन के लिए उमड़ती है भीड़: कृष्णा बम का दर्शन कर उनके पैर छूने के लिए लोग लालायित रहते हैं. खासकर सुलतानगंज, मासूमगंज, असरगंज, तारापुर, रामपुर, कटोरिया, सुइया, दर्शनियां, गोडिय़ारी, दुम्मा से लेकर देवघर तक यही नजारा होता है. सुलतानगंज से लेकर रामपुर तक तो उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ होती है और कांवरिया पथ के दोनों ओर कांवरियों व स्थानीय लोगों की लंबी लाइन लग जाती है.

क्या होते हैं डाक बम: डाक बम ऐसे कांवड़िए होते हैं, जो एक बार यात्रा शुरू करने के बाद शिव का अभिषेक करने तक कहीं आराम नहीं करते. यात्रा में विराम लेने पर माना जाता है कि डाक बम का गंगाजल अपवित्र हो जाता है और उनकी संकल्प और यात्रा खंडित हो जाती है. सुल्तानगंज से देवघर की दूरी करीब 105 किलोमीटर है. कृष्णा बम अपने पैरों से इस दूरी को कई सालों तक सावन के हर सोमवार को नापती रहीं हैं.

साइकिल से 11 बार वैष्णो देवी की कर चुकीं हैं यात्रा: वहीं, मुजफ्फरपुर निवासी कृष्णा बम लगातार 38 वर्षो तक प्रत्येक सोमवार को डाक कांवड़ चढ़ाने का संकल्प लेकर लगातार आगे बढ़ रहीं थीं. इस दौरान उनकी प्रसिद्धि एक देवी के रुप में कांवरिया पथ पर हो चुका था. विगत 27 मार्च 2006 को उसने सुल्तानगंज से बाबा धाम की दूरी दंड देकर भी पूरा किया था. बता दें, कृष्णा बम मुजफ्फरपुर से साइकिल पर सवार होकर 11 बार वैष्णो देवी और एक बार कामाख्या देवी की यात्रा भी पूरी कर चुकीं हैं.

कोरोना काल में लगा था यात्रा पर विराम: कोरोना काल ने कई लोगों की जिंदगी पिछले दो सालों में बदल कर रख दी थी. मंदिरों को बंद करने के फैसले तक सरकार को लेने पड़े थे ताकि संक्रमण ना फैले. ऐसे में कृष्णा बम की यात्रा पर भी विराम लग गया था. इस बार सावन के प्रत्येक सोमवार को किसी भी परिस्थिति में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने वाली कृष्णा की यात्रा पूरी होगी. हालांकि सिर्फ 25 जुलाई को वे शंकर भगवान का जलाभिषेक करेंगी.


22 जुलाई को आएंगी मुजफ्फरपुर: वर्ष 2019 में देवघर प्रशासन ने उनकी सारी सुविधाओं को समाप्त कर दिया था. जिस कारण महिला ने गर्भगृह में प्रवेश किये बिना ही भोलेनाथ को जल अर्पण कर वापस लौट आईं थीं. वर्ष 2018 तक कृष्णा बम ने अपना 38 वां साल देवघर में पूरा किया था. जिसके बाद उन्होंने कहा कि इस सावन में एक बार 25 जुलाई की सोमवारी को उत्तरवाहिनी गंगा घाट से जल उठाकर 26 जुलाई मंगलवार को जल अर्पण करेंगी. इस बात की जानकारी देते हुए कृष्णा बम ने बताया कि वो अभी उज्जैन यात्रा पर हैं. वहां महाकाल की पूजा के बाद 22 जुलाई को मुजफ्फरपुर लौटेंगी.


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