पटना: देश में भले ही बीजेपी सबसे अमीर पार्टी हो लेकिन बिहार में बीजेपी से ज्यादा अमीर जदयू (JDU Is Richest Party In Bihar) है. जदयू के कोषाध्यक्ष और विधान पार्षद ललन सर्राफ का कहना है कि नीतीश कुमार पर लोगों का विश्वास है. इसी कारण लोग जदयू को चंदा दे रहे हैं. नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता का जो महत्वपूर्ण काम शुरू किया है उसके कारण भी लोग नीतीश कुमार पर विश्वास कर मदद कर रहे हैं.
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जदयू अभियान से धन संग्रहः जदयू के कोषाध्यक्ष ने बताया कि जदयू की ओर से 73 लाख से ज्यादा पार्टी के सदस्य बनाए गए हैं और सभी से 5 रुपये सदस्यता अभियान के रूप में जमा कराया गया है. पार्टी के विधायक और सांसदों से भी एक महीने का वेतन लिया गया है. इसके अलावा चेक और बांड के रूप में भी बड़ी संख्या में लोगों ने मदद की है. हालांकि पार्टी के पास कितना धन है, यह खुलकर बताने से जदयू के कोषाध्यक्ष बच रहे हैं. लेकिन यह जरूर कह रह रहे हैं कि पार्टी को धन मिला है. जदयू के द्वारा चलाए गए अभियान से 2022 में 70 से 80 करोड़ की राशि पार्टी कोष में आयी है, जो 2020-21 में मिले 66 करोड़ से अधिक है.
"नीतीश कुमार पर लोगों का विश्वास है. इसी कारण लोग जदयू को चंदा दे रहे हैं. नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता का जो महत्वपूर्ण काम शुरू किया है उसके कारण भी लोग नीतीश कुमार पर विश्वास कर मदद कर रहे हैं. जदयू की ओर से 73 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए गए हैं और सभी से 5 रुपये सदस्यता अभियान के रूप में जमा कराया गया है"- ललन सर्राफ, कोषाध्यक्ष, जदयू
बीजेपी को केंद्रीय संगठन से उम्मीदः जहां तक दूसरी पार्टियों की बात करें तो बीजेपी धन के मामले में सबसे अमीर पार्टी देश में होगी, लेकिन बिहार में बीजेपी के कोष में 51 लाख ही जमा है. बीजेपी में भी पांच रुपये सदस्यता अभियान के रूप में लिया जाता है. सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों से राशि ली जाती है. अन्य माध्यमों से भी पार्टी को राशि मिलती है. सबसे अधिक बीजेपी केंद्रीय संगठन से राशि मिलती है. राजद फिलहाल सत्ता में जरूर है लेकिन 15 सालों तक सत्ता से बाहर रही.
दूसरी पार्टियों को खर्च चलाना मुश्किलः बिहार में विधायकों की संख्या के हिसाब से राजद आज सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन धन के मामले में पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. पार्टी का खर्च चलाना भी नेताओं के अनुसार आसान नहीं है. कांग्रेस वामदलों की स्थिति कमोबेश एक जैसी है. सभी अपने विधायकों और पार्टी के नेताओं से धन इकट्ठा कर पार्टी का खर्च चला रहे हैं. छोटी पार्टियों के लिए सदस्यता अभियान के माध्यम से धन संग्रह एक बड़ा माध्यम है लेकिन जदयू उस मामले में अलग दिख रहा है.
जदयू को मिल रहा सबसे ज्यादा धन: पिछले साल जब जदयू की ओर से सदस्यता अभियान और स्वैच्छिक धन संग्रह अभियान चल रहा था तो उस समय 100 करोड़ के आसपास धन मिलने की बात कही जा रही थी. हालांकि पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग को जानकारी दी गई है, लेकिन आधिकारिक रूप से अब तक इसकी घोषणा नहीं की गई है. लेकिन पार्टी के नेता भी मान रहे हैं कि बिहार में सबसे ज्यादा धन जदयू को मिल रहा है और इसका बड़ा कारण नीतीश कुमार ही हैं.