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गुंडा बैंक विवाद में पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के ठिकाने पर 84 घंटे बाद IT की जांच पूरी

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Published : Aug 28, 2022, 11:48 AM IST

भागलपुर में गुंडा बैंक को लेकर पूर्व डिप्टी मेयर राय वर्मा के यहां 84 घंटे के बाद आयकर विभाग की जांच पूरी हो गई है. जानकारी के मुताबिक आयकर के अधिकारी रातभर काम करते रहे. पूरे दिन अधिकारी घरवालों से पूछताछ करते रहे.

भागलपुर में 84 घंटे तक इनकम टैक्स की रेड
भागलपुर में 84 घंटे तक इनकम टैक्स की रेड

भागलपुर: पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा (former deputy mayor Rajesh Verma in Bhagalpur) के ठिकाने पर लगभग 84 घंटे के बाद आयकर विभाग ने गुंडा बैंक को लेकर अपनी जांच पूरी कर ली है. आयकर विभाग को अलग-अलग जगह से 63 लाख रुपए कैश मिले हैं. इस बीच आयकर विभाग की जांच पूरी हो गई है. पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के घर 84 घंटे तक जांच-पड़ताल चली. चार दिन की जांच के बाद जांच अधिकारी वहां से निकल गए हैं.

ये भी पढ़ें: भागलपुर में पूर्व डिप्टी मेयर के यहां चौथे दिन भी IT की रेड, मेटल डिटेक्टर की मदद से जेवरात की तलाश

बुधवार को अचानक इनकम टैक्स की टीम पहुंची: आयकर विभाग के अधिकारी ने जिस बुक्स में बिजनेस की एंट्री की जाती थी, उस दोनों बुक्स में काफी ज्यादा रुपए का आंसर मिला है. शनिवार दोपहर रवि जालान को राजेश के घर बुलाया गया और दोनों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई. पूर्व डिप्टी मेयर के घर मेटल डिटेक्टर मंगाया गया. अधिकारियों ने शनिवार को भी जमीन का भौतिक सत्यापन जारी रखा. मेटल डिटेक्टर के साथ भौतिक सत्यापन भी किया.

चौथे दिन आयकर विभाग के अधिकारियों ने तलाशी को और सघन किया. शनिवार दोपहर में आयकर अधिकारियों ने राजेश वर्मा के घर की तलाशी के लिए मेटल डिटेक्टर भी मंगवा लिया था. घर में इधर-उधर कहीं छिपाकर, आभूषण या अन्य मेटल से संबंधित चीजें छुपा कर रखी गई होगी तो मेटल डिटेकटर उसे खोज निकालेगा.

सूत्रों की माने तो कि भागलपुर स्थित हरिओम ज्वेलर्स दुकान में दो सॉफ्टवेयर यूज किए जा रहे थे. एक आरम और दूसरा टेली. जिसमें 40 से 50 करोड़ का अंतर आ रहा है. वहीं 28 लाख रुपए सीज किए गए हैं. साथ ही इनके घर से 200 किलो से ज्यादा चांदी बरामद की गई है. जिनका कोई कागजात इनके द्वारा नहीं दिखाया गया है. अगर कागजात नहीं दिखाए जाते हैं तो टीम उन्हें भी सीज कर लेगी. वहीं कंप्यूटर के सीपीयू को भी टीम अपने साथ ले जा रही है. जमीन के कागजात को जमा करने के लिए राजेश वर्मा को दिए 5 से 6 दिनों का समय मिला है. अगर जमीन के कागजात दुरुस्त नहीं मिले तो वह जमीन बेनामी संपत्ति मान ली जाएगी.

वहीं पूर्व डिप्टी मेयर को टीम के द्वारा 5 से 6 दिन के अंदर इनकी जमीन कहां कहां है बताने का निर्देश दिया है. अगर यह सही से नहीं बता पाते हैं और इनकम टैक्स की टीम को बाद में पता चलता है तो ऐसे बेनामी संपत्तियों को इनकम टैक्स सीज कर लेगी. वहीं सूत्रों ने बताया कि कोलकाता, पूर्णिया और देवघर के प्रतिष्ठानों में भी हिसाब में काफी अंतर मिला है. माना जा रहा है कि रेड की भनक पूर्व डिप्टी मेयर को पहले ही लग चुकी थी. ये भी एक वजह रही कि टीम को जितनी चीजें मिलने की उम्मीद थी, वह नहीं मिल पाई. हालांकि डिप्टी मेयर की मुश्किल अभी कम होने वाली नहीं है क्योंकि गुंडा बैंक की जांच में अब आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम भी भागलपुर में दस्तक दे चुकी है शनिवार की शाम ईओयू पटना की टीम भागलपुर पहुंची है.

गुंडा बैंक मामले की जांच: गलत तरीके से सूद पर लगाये पैसे और इसकी वसूली गुंडा बैंक के नाम से चर्चे में रहा. इसमें जिन लोगों का नाम उछला उनमें राजेश वर्मा समेत कई धनाढ्य शामिल थे. हाइकोर्ट के निर्देश पर चल रही जांच में अचानक थानेदार ने राजेश वर्मा को क्लीन चीट दे दी. ऐसा कुछ अखबारों में छपा. जिसके बाद मुख्यालय बेहद नाराज हुआ और थानेदार पर कार्रवाई की बात कही. इस बीच अचानक इनकम टैक्स ने छापेमारी शुरू कर दी और अब इसकी रडार पर आए लोग अधिक मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: भागलपुर में गुंडा बैंक को लेकर लगातार तीसरे दिन भी IT की रेड

भागलपुर: पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा (former deputy mayor Rajesh Verma in Bhagalpur) के ठिकाने पर लगभग 84 घंटे के बाद आयकर विभाग ने गुंडा बैंक को लेकर अपनी जांच पूरी कर ली है. आयकर विभाग को अलग-अलग जगह से 63 लाख रुपए कैश मिले हैं. इस बीच आयकर विभाग की जांच पूरी हो गई है. पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के घर 84 घंटे तक जांच-पड़ताल चली. चार दिन की जांच के बाद जांच अधिकारी वहां से निकल गए हैं.

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बुधवार को अचानक इनकम टैक्स की टीम पहुंची: आयकर विभाग के अधिकारी ने जिस बुक्स में बिजनेस की एंट्री की जाती थी, उस दोनों बुक्स में काफी ज्यादा रुपए का आंसर मिला है. शनिवार दोपहर रवि जालान को राजेश के घर बुलाया गया और दोनों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई. पूर्व डिप्टी मेयर के घर मेटल डिटेक्टर मंगाया गया. अधिकारियों ने शनिवार को भी जमीन का भौतिक सत्यापन जारी रखा. मेटल डिटेक्टर के साथ भौतिक सत्यापन भी किया.

चौथे दिन आयकर विभाग के अधिकारियों ने तलाशी को और सघन किया. शनिवार दोपहर में आयकर अधिकारियों ने राजेश वर्मा के घर की तलाशी के लिए मेटल डिटेक्टर भी मंगवा लिया था. घर में इधर-उधर कहीं छिपाकर, आभूषण या अन्य मेटल से संबंधित चीजें छुपा कर रखी गई होगी तो मेटल डिटेकटर उसे खोज निकालेगा.

सूत्रों की माने तो कि भागलपुर स्थित हरिओम ज्वेलर्स दुकान में दो सॉफ्टवेयर यूज किए जा रहे थे. एक आरम और दूसरा टेली. जिसमें 40 से 50 करोड़ का अंतर आ रहा है. वहीं 28 लाख रुपए सीज किए गए हैं. साथ ही इनके घर से 200 किलो से ज्यादा चांदी बरामद की गई है. जिनका कोई कागजात इनके द्वारा नहीं दिखाया गया है. अगर कागजात नहीं दिखाए जाते हैं तो टीम उन्हें भी सीज कर लेगी. वहीं कंप्यूटर के सीपीयू को भी टीम अपने साथ ले जा रही है. जमीन के कागजात को जमा करने के लिए राजेश वर्मा को दिए 5 से 6 दिनों का समय मिला है. अगर जमीन के कागजात दुरुस्त नहीं मिले तो वह जमीन बेनामी संपत्ति मान ली जाएगी.

वहीं पूर्व डिप्टी मेयर को टीम के द्वारा 5 से 6 दिन के अंदर इनकी जमीन कहां कहां है बताने का निर्देश दिया है. अगर यह सही से नहीं बता पाते हैं और इनकम टैक्स की टीम को बाद में पता चलता है तो ऐसे बेनामी संपत्तियों को इनकम टैक्स सीज कर लेगी. वहीं सूत्रों ने बताया कि कोलकाता, पूर्णिया और देवघर के प्रतिष्ठानों में भी हिसाब में काफी अंतर मिला है. माना जा रहा है कि रेड की भनक पूर्व डिप्टी मेयर को पहले ही लग चुकी थी. ये भी एक वजह रही कि टीम को जितनी चीजें मिलने की उम्मीद थी, वह नहीं मिल पाई. हालांकि डिप्टी मेयर की मुश्किल अभी कम होने वाली नहीं है क्योंकि गुंडा बैंक की जांच में अब आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम भी भागलपुर में दस्तक दे चुकी है शनिवार की शाम ईओयू पटना की टीम भागलपुर पहुंची है.

गुंडा बैंक मामले की जांच: गलत तरीके से सूद पर लगाये पैसे और इसकी वसूली गुंडा बैंक के नाम से चर्चे में रहा. इसमें जिन लोगों का नाम उछला उनमें राजेश वर्मा समेत कई धनाढ्य शामिल थे. हाइकोर्ट के निर्देश पर चल रही जांच में अचानक थानेदार ने राजेश वर्मा को क्लीन चीट दे दी. ऐसा कुछ अखबारों में छपा. जिसके बाद मुख्यालय बेहद नाराज हुआ और थानेदार पर कार्रवाई की बात कही. इस बीच अचानक इनकम टैक्स ने छापेमारी शुरू कर दी और अब इसकी रडार पर आए लोग अधिक मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं.

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