भागलपुर: जिले में भू-माफियाओं का आतंक कुछ ऐसा है कि सरकारी तंत्र भी इनके आगे नतमस्तक हो चुका है. तभी तो जिस जगह को कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक धरोहर बताया था और इस जगह की खुदाई करवाने का निर्देश दिया था, वहीं जमीन भू-माफियाओं की निकली है. बता दें कि सीएम नीतीश इसे देखने 20 दिसंबर 2020 को खुद पहुंचे थे और इसे दार्शनिक और ऐतिहासिक स्थल के रुप में विकसित करने की बात कही थी.
इसे भी पढ़े: भागलपुर : ऐतिहासिक विक्रमशिला खंडहर की सुरक्षा अब बीएमपी के हवाले
रिपोर्ट तैयार के क्रम में मामला आया सामने.
सीएम तो टीले को दार्शनिक और ऐतिहासिक स्थल बनाने की बात कह कर चले गए. लेकिन किसी को पता नहीं था कि जिस जमीन को सरकारी जमीन मान जा रहा है वो असल में भू-माफियाओं की जमीन पहले ही हो चुकी है. भू-माफिया ने इस सरकारी जमीन की जमाबंदी तक अपने नाम पर करा ली है. ये मामला उस समय उजागर हुआ है जब सीएम नीतीश कुमार के ही आदेश पर स्थानीय प्रशासन इस टीले को लेकर आगे की रिपोर्ट बना रहा था. रिपोर्ट बनाने के क्रम में ही भू-माफियाओं के इस कारनामे से परदा उठा है.
जिंदा कोसी नदी की जमीन भी भू-माफियाओं के नाम पर
दरअसल, टीले को दार्शनिक और ऐतिहासिक स्थल में बदलने को लेकर सीएम ने रिपोर्ट तैयार करने का आदेश अधिकारियों को दिया था. निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्यवाही जिला प्रशासन ने शुरू की. जब जमीन की रिपोर्ट तैयार की जाने लगी तो पता चला कि टीले की जमाबंदी किसी व्यक्ति के नाम से दर्ज है. इसके बाद अपर समाहर्ता के कोर्ट में यह मामला प्रशासन ने दर्ज कराया, ताकि इस टीले को लेकर की गई जमाबंदी रद्द की जा सके. कोर्ट में सुनवाई के दौरान पता चला 3 एकड़ 2 डिसमिल जमीन में सिर्फ टीेले की ही जमीन नहीं है बल्कि इसमें से 1 एकड़ 20 डिसमिल जमीन कोसी नदी की है. जिसपर अभी भी नदी बह रही है. इसी जमाबंदी जयरामपुर गांव के रहनेवाले किसी व्यक्ति के नाम पर हो रखी है.
कोर्ट ने जमाबंदी को कर दिया खारिज
इस मामले के सामने आने के बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोनों जमाबंदियों को रद्द कर दिया है. कुल 4 एकड़ 82 डिसमिल जमीन का हिस्से की जमाबंदी रद्द कर इसे सरकारी जमीन घोषित कर दिया गया है. वहीं अंचल अधिकारी को आदेश दिया गया है कि जल्द से जल्द अंचल के अंतर्गत आनेवाली सभी सरकारी जमीनों की रिपोर्ट तैयार की जाए और उसे जमा कराया जाए.
बताते चलें कि भागलपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक गुवारीडीह टीला बिहपुर अंचल में आता है. इस टीले के बगल से कोसी नदी बहती है. यह नदी अभी भी जिंदा है, जिसकी 4 एकड़ 82 डिसमिल जमीन को स्थानीय गांव के ही कुछ लोगों ने अपने नाम करा लिया था.