भागलपुर: जिले के नाथनगर ललमटिया थाना क्षेत्र के अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास (Girls Hostel) में छात्राओं ने जमकर प्रदर्शन (Protest) किया. इस दौरान छात्राओं ने अधीक्षिका (Superintendent) पर कई आरोप लगाए और कहा कि वह मानसिक तौर पर परेशान और प्रताड़ित करती हैं. इसलिए उन्हें जल्द से जल्द यहां से हटाया जाये. वहीं हॉस्टल परिसर में हंगामे की सूचना मिलने पर पहुंची अंचलाधिकारी और पुलिस ने विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी.
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जानकारी के मुताबिक अल्पसंख्यक बालिका हॉस्टल की छात्राओं ने हाथों में तख्ती लेकर अधीक्षिका को हटाने को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि अधीक्षिका के द्वारा वहां रहने वाली छात्रों को बेवजह तंग किया जाता है और छात्रावास से निकालने के लिए प्रताड़ित किया जाता है. प्रदर्शन की जानकारी होने पर नाथनगर अंचलाधिकारी स्मिता झा, ललमटिया ओपी और विश्वविद्यालय थाने की पुलिस महिला बल के साथ पहुंची और छात्राओं को समझाने-बुझाने का प्रयास किया. लेकिन वे नहीं मानी और अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए कुलपति से मिलने चली गईं.
छात्रा द्रक्षा अनवर ने बताया कि मैं टीएमबीयू की पीजी सेकेंड समेस्टर की छात्रा हूं. कोरोना के चलते विश्वविद्यालय के द्वारा परीक्षा आयोजित नहीं करायी गयी. मैं हॉस्टल में रह रही हूं, तो अधीक्षिका मानसिक रूप से प्रताड़ित करती हैं. वह कहती हैं कि तुम्हारा बाप गुंडा है, तुम्हारे कारण हॉस्टल का माहौल खराब हो रहा है.
वहीं, छात्रा नगमा अनवर ने बताया कि अधीक्षिका नाहिदा नसरीन बेवजह हम लोगों पर अभद्र टिप्पणी करती रहती हैं. वह कभी भी छात्रा के पक्ष में नहीं रहती, हमेशा मेस वाली की पक्ष में रहती हैं.
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इस संबंध में छात्रावास की अधीक्षिका नाहिदा नसरीन ने बताया कि गुरुवार को प्रभारी अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार छात्रावास आए थे. उन्होंने द्रक्षा और नगमा अनवर को कहा कि आप दोनों का कोर्स पूरा हो गया है, आप हॉस्टल खाली कर दीजिए.
उसी दिन रात को नौ बजे द्रक्षा मेरे कक्ष के पास पहुंची और भद्दी भद्दी गालियां देने लगी. मैंने इसकी सूचना पदाधिकारी को दी तो उन लोगों ने कहा अभी आप वहां से निकल जाइए. अगर मैं वहां से नहीं निकलती तो मेरे साथ कोई अप्रिय घटना भी घट सकती थी. दोनों बहनों ने हमको जान से मारने की भी धमकी दी थी. इन लोगों का सत्र समाप्त हो गया है इसलिए इन लोगों को छात्रावास खाली करने को कहा जा रहा था.