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लॉकडाउन के अच्छे परिणाम: भागलपुर में साफ हुई गंगा तो झांकने लगी डॉल्फिन

डॉल्फिन देख नहीं पाती है, वह आवाज की दिशा में ही भोजन के लिए दौड़ती है, इस कारण अक्सर डॉल्फिन नाव में टकराकर या जाल से टकराकर चोटिल हो जाती थी. लेकिन अभी ऐसी हालत नहीं है. जिसकी वजह से डॉल्फिन नजर आ रही है.

भागलपुर
गंगा
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Published : Apr 27, 2020, 11:55 AM IST

Updated : Apr 27, 2020, 1:44 PM IST

भागलपुर: कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन जारी है. लोग घरों में बंद हैं. ऐसे में अब जीव-जंतु बाहर आने लगे हैं. लॉकडाउन ने यह अहसास भी कराया है कि प्रकृति किस तरह से सिकुड़ सी गई थी. जिस गंगा का पानी मटमैला हो चुका था, अब उसकी निर्मलता भी देखते ही बनती है. गंगा में आवाजाही बंद है तो डॉल्फिन भी अपने घरों से निकलकर झांक रही है. यह दृश्य अरसे बाद देखने को मिल रहा है.

नदी में बेखौफ हैं डॉल्फिन
जिले में फैली गंगा में लगभग 150 बड़ी डॉल्फिन है. नदी की बेहतर हालत देख पर्यावरणविद् मान रहे हैं कि इनकी संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है. इस समय डॉल्फिन के बच्चे भी नदी में अठखेलियां करते देखे जा सकते हैं. इससे इनकी संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है. चूंकि अभी गंगा नदी में नाव की आवाजाही नहीं है, मछुआरे जाल भी नहीं डाल रहे हैं. जिसकी वजह से डॉल्फिन बरारी इलाके में बेखौफ विचरण कर रहे हैं. यही वजह है कि अब डॉल्फिन नजर आने लगा है.

पेश है एक रिपोर्ट

कचरा कम होने पर दिख रही डॉल्फिन
डॉल्फिन संरक्षण के लिए काम करने वाले सुरेंद्र मालदार कहते हैं कि अभी गंगा में कोई गंदगी नहीं फैला रही है. जिस वजह से गंगा साफ हो गई है. ये डॉल्फिन के विचरण के लिए अनुकूल है. इसलिए मुख्य धार में डॉल्फिन को देखा जा रहा है. डॉल्फिन खाने की तलाश में आ रही है और अठखेलियां भी कर रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण लोग नहाने भी नहीं आ रहे हैं. शहर का कचरा भी गंगा में नहीं आ रहा है, इसलिए गंगा स्वच्छ हो गई है. जिसकी वजह से गंगा में डॉल्फिन को देखा जा रहा है.

गंगा हुई साफ
गंगा हुई साफ

नाव की आवाजाही नहीं होने से राहत
सुरेन्द्र मालदार का कहना है कि डॉल्फिन का भोजन मुख्य रूप से छोटी मछली ही होती है. जिसे मछुआरे जाल लगाकर निकाल लेते थे. चूंकी डॉल्फिन देख नहीं पाती है, वह आवाज की दिशा में ही भोजन के लिए दौड़ती है, इस कारण अक्सर डॉल्फिन नाव में टकराकर या जाल से टकराकर चोटिल हो जाती थी. लेकिन अभी ऐसी हालत नहीं है. जिसकी वजह से डॉल्फिन नजर आ रही है.

भागलपुर: कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन जारी है. लोग घरों में बंद हैं. ऐसे में अब जीव-जंतु बाहर आने लगे हैं. लॉकडाउन ने यह अहसास भी कराया है कि प्रकृति किस तरह से सिकुड़ सी गई थी. जिस गंगा का पानी मटमैला हो चुका था, अब उसकी निर्मलता भी देखते ही बनती है. गंगा में आवाजाही बंद है तो डॉल्फिन भी अपने घरों से निकलकर झांक रही है. यह दृश्य अरसे बाद देखने को मिल रहा है.

नदी में बेखौफ हैं डॉल्फिन
जिले में फैली गंगा में लगभग 150 बड़ी डॉल्फिन है. नदी की बेहतर हालत देख पर्यावरणविद् मान रहे हैं कि इनकी संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है. इस समय डॉल्फिन के बच्चे भी नदी में अठखेलियां करते देखे जा सकते हैं. इससे इनकी संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है. चूंकि अभी गंगा नदी में नाव की आवाजाही नहीं है, मछुआरे जाल भी नहीं डाल रहे हैं. जिसकी वजह से डॉल्फिन बरारी इलाके में बेखौफ विचरण कर रहे हैं. यही वजह है कि अब डॉल्फिन नजर आने लगा है.

पेश है एक रिपोर्ट

कचरा कम होने पर दिख रही डॉल्फिन
डॉल्फिन संरक्षण के लिए काम करने वाले सुरेंद्र मालदार कहते हैं कि अभी गंगा में कोई गंदगी नहीं फैला रही है. जिस वजह से गंगा साफ हो गई है. ये डॉल्फिन के विचरण के लिए अनुकूल है. इसलिए मुख्य धार में डॉल्फिन को देखा जा रहा है. डॉल्फिन खाने की तलाश में आ रही है और अठखेलियां भी कर रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण लोग नहाने भी नहीं आ रहे हैं. शहर का कचरा भी गंगा में नहीं आ रहा है, इसलिए गंगा स्वच्छ हो गई है. जिसकी वजह से गंगा में डॉल्फिन को देखा जा रहा है.

गंगा हुई साफ
गंगा हुई साफ

नाव की आवाजाही नहीं होने से राहत
सुरेन्द्र मालदार का कहना है कि डॉल्फिन का भोजन मुख्य रूप से छोटी मछली ही होती है. जिसे मछुआरे जाल लगाकर निकाल लेते थे. चूंकी डॉल्फिन देख नहीं पाती है, वह आवाज की दिशा में ही भोजन के लिए दौड़ती है, इस कारण अक्सर डॉल्फिन नाव में टकराकर या जाल से टकराकर चोटिल हो जाती थी. लेकिन अभी ऐसी हालत नहीं है. जिसकी वजह से डॉल्फिन नजर आ रही है.

Last Updated : Apr 27, 2020, 1:44 PM IST
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