ETV Bharat / state

बिहार के मछली पालक प्रशिक्षण के लिए जाएंगे कोलकाता, सीखेंगे फिशरी के नए गुर

author img

By

Published : Sep 14, 2021, 3:07 PM IST

बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग मत्स्य प्रशिक्षण योजना के तहत भागलपुर के मछली पालकों को कोलकाता में 7 दिनों की ट्रेनिंग के लिए भेज रहा है. जहां रहना, खाना और ट्रेनिंग मटेरियल सब फ्री दिया जाएगा.

मत्स्य संसाधन
मत्स्य संसाधन

भागलपुरः बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ( Animal and Fish Resources department ) मछली पालन से जोड़ें लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम( Training Program) चलाती है. इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार बेरोजगार लोगों खासकर मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वालों को विशेष प्रशिक्षण देती है. इस बार भागलपुर जिले से मछली पालक को कोलकाता ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः औरंगाबाद : बायोफ्लॉक विधि से मछली पालन कर बेरोजगार युवा बने आत्मनिर्भर

भागलपुर के मछुआरों को कोलकाता के शॉटलेक और बैरकपुर में भारत सरकार के मछली पालन केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहां मछली पालक को वैज्ञानिक विधि से मछली पालन के तरीके बताए जाएंगे. जिससे वो बेहतर तरीके से मछली पालन कर ज्यादा मुनाफा कमा सके और मछली को उद्योग के रूप में स्थापित कर सकें. इस योजना के अंतर्गत युवक और युवतियों को भी प्रशिक्षत किया जाता है.

देखें वीडियो

'इस योजना के तहत मछली पालक को स्वरोजगार की प्रोत्साहित किया जाता है. प्रशिक्षण के दौरान बताया जाता है कि कैसे वैज्ञानिक विधि अपना करें मछली पालन करें जिससे कि ज्यादा मुनाफा कमा सके. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछली पालन को बिहार में उद्योग के रूप में स्थापित करना, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देना जिससे कि मछली पालन के आय में वृद्धि हो जिसका सीधा असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा'- राजकुमार, जिला मत्स्य विकास पदाधिकारी

जिला मत्स्य विकास पदाधिकारी ने बताया कि भागलपुर से मछली प्रशिक्षण के लिए 15 और 20 सितंबर को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा. इससे ट्रेनिंग प्रोग्राम में राज्य सरकार 100% सब्सिडी देता है. प्रशिक्षण के लिए जाने वाले मछली पालन या युवा किसी को भी पैसा नहीं देना है. एक 100 रुपये का रजिस्ट्रेशन कराना है. ट्रेनिंग में रहना, खाना फ्री और ट्रेनिंग मटेरियल भी सरकार द्वारा दिया जाता है.

ट्रेनिंग में मछली पालन के लिए तालाब निर्माण करना है, कब पानी डालना है, कब बिया डालना है और कौन सा मछली को खाना देना है. बीमारी होने पर कैसे उपचार करना है. इन सारी बातों को विस्तार पूर्वक बताया जाता है. 7 दिनों का ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है. इस योजना के अंतर्गत मछली पालक ना केवल बिहार बल्कि दूसरे राज्य में भी ट्रेनिंग हासिल करते हैं.

ये भी पढ़ेंः भागलपुर: एकलव्य सेंटर नहीं खुलने से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने में हो रही बाधा, अब तक इतने आ चुके हैं मेडल

बिहार राज्य में केवल बिहार के मूल निवासियों को ही मत्स्य प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत मुक्त में ट्रेनिंग प्रदान की जाती है. मत्स्य पालक जो ट्रेनिंग करना चाहते हैं, तो उनके पास आधार कार्ड होना आवश्यक है. भूमि के रसीद से संबंधित प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है. तभी उन्हें इस योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसके पास भूमि पट्टी से संबंधित प्रमाण पत्र नहीं है. उन्हें इस योजना के तहत मुफ्त में ट्रेनिंग नहीं दी जाती है.

भागलपुरः बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ( Animal and Fish Resources department ) मछली पालन से जोड़ें लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम( Training Program) चलाती है. इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार बेरोजगार लोगों खासकर मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वालों को विशेष प्रशिक्षण देती है. इस बार भागलपुर जिले से मछली पालक को कोलकाता ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः औरंगाबाद : बायोफ्लॉक विधि से मछली पालन कर बेरोजगार युवा बने आत्मनिर्भर

भागलपुर के मछुआरों को कोलकाता के शॉटलेक और बैरकपुर में भारत सरकार के मछली पालन केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहां मछली पालक को वैज्ञानिक विधि से मछली पालन के तरीके बताए जाएंगे. जिससे वो बेहतर तरीके से मछली पालन कर ज्यादा मुनाफा कमा सके और मछली को उद्योग के रूप में स्थापित कर सकें. इस योजना के अंतर्गत युवक और युवतियों को भी प्रशिक्षत किया जाता है.

देखें वीडियो

'इस योजना के तहत मछली पालक को स्वरोजगार की प्रोत्साहित किया जाता है. प्रशिक्षण के दौरान बताया जाता है कि कैसे वैज्ञानिक विधि अपना करें मछली पालन करें जिससे कि ज्यादा मुनाफा कमा सके. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछली पालन को बिहार में उद्योग के रूप में स्थापित करना, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देना जिससे कि मछली पालन के आय में वृद्धि हो जिसका सीधा असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा'- राजकुमार, जिला मत्स्य विकास पदाधिकारी

जिला मत्स्य विकास पदाधिकारी ने बताया कि भागलपुर से मछली प्रशिक्षण के लिए 15 और 20 सितंबर को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा. इससे ट्रेनिंग प्रोग्राम में राज्य सरकार 100% सब्सिडी देता है. प्रशिक्षण के लिए जाने वाले मछली पालन या युवा किसी को भी पैसा नहीं देना है. एक 100 रुपये का रजिस्ट्रेशन कराना है. ट्रेनिंग में रहना, खाना फ्री और ट्रेनिंग मटेरियल भी सरकार द्वारा दिया जाता है.

ट्रेनिंग में मछली पालन के लिए तालाब निर्माण करना है, कब पानी डालना है, कब बिया डालना है और कौन सा मछली को खाना देना है. बीमारी होने पर कैसे उपचार करना है. इन सारी बातों को विस्तार पूर्वक बताया जाता है. 7 दिनों का ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है. इस योजना के अंतर्गत मछली पालक ना केवल बिहार बल्कि दूसरे राज्य में भी ट्रेनिंग हासिल करते हैं.

ये भी पढ़ेंः भागलपुर: एकलव्य सेंटर नहीं खुलने से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने में हो रही बाधा, अब तक इतने आ चुके हैं मेडल

बिहार राज्य में केवल बिहार के मूल निवासियों को ही मत्स्य प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत मुक्त में ट्रेनिंग प्रदान की जाती है. मत्स्य पालक जो ट्रेनिंग करना चाहते हैं, तो उनके पास आधार कार्ड होना आवश्यक है. भूमि के रसीद से संबंधित प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है. तभी उन्हें इस योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसके पास भूमि पट्टी से संबंधित प्रमाण पत्र नहीं है. उन्हें इस योजना के तहत मुफ्त में ट्रेनिंग नहीं दी जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.