भागलपुर: जिले के पहले बाल मित्र थाने की शुरुआत होते ही उसमें ताला लग गया. बाल मित्र थाने में न तो कोई कर्मी आते हैं, न ही कोई इसकी देखरेख करने वाला है. बता दें कि 15 अगस्त 2019 को जिलाधिकारी प्रणव कुमार और एसएसपी आशीष भारती ने थाने की शुरुआत की थी. इस थाने का उद्देश्य अपराध की तरफ मुड़ रहे बच्चे को सुधार कर मुख्यधारा से जोड़ना था. थाने में रह रहे बच्चों की काउंसिलिंग करने की भी बात कही गई थी.
बच्चों को मिले थाने में फ्रेंडली माहौल
बालमित्र थाने को बनाने में लायंस क्लब आफ भागलपुर स्मार्ट सिटी ने पुलिस का सहयोग किया. क्लब की ओर से थाने में कारपेट बिछाए गए, दीवारों पर कार्टून बनाए गए, खिलौने भी दिए गए थे. जिससे बच्चों को थाने में फ्रेंडली माहौल मिले. लेकिन बाल अपराध से जुड़े कोई भी मामले यहां पर दर्ज नहीं किए गए.
'जानकारी लेकर बताने की बात कही'
इस संबंध में जब यहां के एसएसपी आशीष भारती से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने जानकारी लेकर बताने की बात कही है. थाने में जुवेनाइल से संबंधित मामले को देखा जाना था. कानून के खिलाफ बच्चे जिनका केस में नाम था, उनके लिए थाने की शुरुआत की गई थी.