भागलपुर: पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने कई राज्यों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के बाद टिड्डी दल ने बिहार की तरफ रुख किया है. इसको देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में अलर्ट जारी किया है. वहीं इसको लेकर भागलपुर जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गई है.
जिस तरह से टिड्डी दलों ने राजस्थान और यूपी में फसलों की बर्बादी की है, उससे उत्तर बिहार के आम, लीची, मक्का, सब्जी, केला आदि उत्पादक किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी है. इनकी झुंड इतनी बड़ी हैं कि ये मिनटों में कई खेतों की फसलें चट कर जाती हैं. ये टिड्डियां किसी भी फसल पर बैठते ही उसे खा जाते हैं और इनके हटते ही फसल सूखने लगती है. अगर यह टिड्डी दल जिले में प्रवेश करता है तो यहां बड़े पैमाने पर आम, केला, लीची, मक्का और सब्जी को भारी नुकसान हो सकता है. टिड्डियों के संभावित हमले को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है .
अग्निशमन विभाग की ली जाएगी मदद
गुरुवार को टिड्डी दल के बचाव को लेकर किसानों के बीच दिशा निर्देश जारी किए गए. साथ ही प्रखंड स्तर पर चलने वाले सभी कृषि कार्यालय छुट्टी के दिन भी खुले रखने का निर्देश जारी किया गया है. जिले के अधिकारी यूपी की सीमा से जुड़े अधिकारियों के संपर्क में भी रहेंगे और पल-पल की जानकारी देते रहेंगे. स्थानीय स्तर पर भी अधिकारियों ने इससे बचाव के लिए अभी से काम शुरू कर दिया है. जिला प्रशासन कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव के लिए अग्निशमन विभाग की गाड़ियों का भी प्रयोग किया जाएगा.
टिड्डियों को लेकर जिले में हाई अलर्ट
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने बताया कि टिड्डी झुंड बनाकर हजारों की संख्या में आगे बढ़ते हैं. अभी मौसम इनके प्रजनन करने के अनुकूल है. इसको देखते हुए किसानों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया गया है. टिड्डियों के दल को रोकने के लिए जिले में सभी तैयारियां की जा रही है. उन्होंने बताया कि जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है. यहां पर यदि टिड्डी दल के आगमन की सूचना होती है तो उस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रसायनिक दवाइयों का छिड़काव करवाया जाएगा. इसके लिए अग्निशामक विभाग से मदद ली जाएगी.
करोड़ों की संख्या में होता है इनका हमला
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इन्हें रोकने के लिए पारंपरिक तरीका भी है. ध्वनि विस्तारक यंत्र या थाली, ढोल, ड्रम पीटकर भी इन्हें भगा सकते हैं. लेकिन इससे यह भागता है मरता नहीं है. इसलिए भारी मात्रा में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करवाया जाना जरूरी है. उन्होंने बताया कि टिड्डी दल करोड़ों की संख्या में लगभग दो ढाई इंच लंबे कीट होते हैं. ये कुछ ही घंटे में किसान के खेत को चट कर जाते हैं.
किसानों के बीच जागरूकता अभियान शुरू
वहीं प्रधान सचिव के निर्देश के बाद जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. टिड्डियों से बचाव को लेकर किसानों के बीच प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया है. जागरूकता अभियान के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय से भी मदद लिया गया है. साथ ही ग्रीन रेडियो और अखबारों के माध्यम से सूचना किसानों के बीच पहुंचाई जा रही है.