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बाढ़ पर भारी पड़ी श्रद्धालुओं की आस्था, मंदिर के बाहर नाव पर ही की मां मनसा की पूजा

भागलपुर सबौर प्रखंड में बाढ़ के बावजूद लोगों पर आस्था भारी है. बाढ़ के बीच श्रद्धालु नाव पर ही मां मनसा विषहरी के कलश और मंजूषा स्थापित कर सारे विधि-विधान पूजा अर्चना कर रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट...

Devotees arrived amidst water to offer prayers in Bhagalpur
Devotees arrived amidst water to offer prayers in Bhagalpur
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Published : Aug 19, 2021, 10:58 AM IST

भागलपुर: भागलपुर में इन दिनों लोक आस्था का पर्व मां मनसा विषहरी ( Maa Mansa Vishhari ) पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है. लेकिन जिले में हो रहे लगातार बारिश के कारण अधिकांश मंदिर बाढ़ के पानी में डूब ( Temple Submerged In Flood ) गया है. इसके बावजूद बाढ़ पर भक्तों की आस्था भारी है. मां मनसा के प्रति भक्तों की ऐसी आस्था है कि मंदिर में पानी भर जाने के कारण मंदिर में पूजा नहीं कर सका, तो मंदिर परिसर में नाव पर ही मां मनसा विषहरी के कलश और मंजूषा स्थापित कर सारे विधि-विधान कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें - VIDEO: हर-हर महादेव! पटना में 'बाबा बर्फानी' से भक्तों ने लिया आशीर्वाद

भागलपुर अंतर्गत सबौर प्रखंड के राजंदीपुर लालूचक मां मनसा दोवी का मंदिर है. यहां मां मनसा पर लोगों की भारी आस्था है. मंदिर के पानी में डूबने और बाढ़ के रौद्र रूप लेने पर भी श्रद्धालुओं की आस्था नहीं डिगी. मां मनसा के भक्त 3 से 4 फीट पानी में चलकर पूजा पाठ कर रहे हैं. हालांकि, मंदिर में भीड़ नहीं थी. मंदिर में मेढपती और उनके परिवार के ही सदस्य सारे विधि-विधान कर रहे है.

देखें वीडियो

बता दें कि इस गांव के सैकड़ों की संख्या में परिवार बाढ़ के कारण ऊंचे स्थान पर चले गए हैं, लेकिन आस्था के कारण मेढपति अपने परिवार के सदस्य के साथ मां मनसा की पूजा करने के लिए अपने घर के छत पर ही रुक गए और पूजा कर रहे हैं. वहीं, भागलपुर में भी आज मंजूषा विसर्जन धूमधाम से किया गया. भक्त नाचते झूमते गंगा घाट पहुंचे, जहां मंजूषा को गंगा में प्रवाहित किया. इस दौरान दर्जनों की संख्या में महिलाएं माथे पर कलश लेकर विसर्जन शोभायात्रा में शामिल हुई.

मंदिर से पूजा कर लौट रहे सुषमा देवी ने बताया कि उन्होंने मां मनसा बिसहरी से जो मन्नतें मांगी थी, वह पूरी हो गई. इसलिए बाढ़ के पानी में भी मंदिर जाकर पूजा की है. उन्होंने कहा कि मां विषहरी हम लोगों को इस विपदा से छुटकारा दिलाएगी.

रजंदीपुर लालूचक बड़ी विषहरी स्थान के भक्त राजू मंडल ने बताया कि मंदिर पानी से भर गया है. ऐसे में प्रतिमा स्थापित नहीं कर सके तो सांकेतिक रूप से मंजूषा और कलश का स्थापना किए हैं. मंदिर परिसर में ही नाव को साफ सुथरा कर लगा दिया है और उसी पर सारा विधि विधान से पूजा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांव के अधिकतर लोग बाढ़ के कारण ऊंचा स्थान पर चले गए हैं, लेकिन इस मंदिर का पुजारी होने के नाते हम अपने परिवार के साथ यहीं रुक गए. उन्होंने कहा कि मां मनसा विषहरी के प्रति हमारी बहुत आस्था है, इसलिए मां मनसा की पूजा करना आवश्यक है.

बता दें कि क्षेत्र के लोक गाथा पर आधारित पावन पर्व विषहरी पूजा का शुभारंभ हो गया है. भागलपुर, बांका, गोड्डा, मुंगेर, खगड़िया और सहरसा में विषहरी पूजा धूमधाम से मनाई जाती है. इस दौरान मां मनसा विषहरी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. यह पूजा सावन भादो माह के पूर्णिमा और अमावस्या में अलग-अलग जगहों पर मनाया जाता है.

यह भी पढ़ें - VIDEO: ' मां गंगा अब शांत हो जाइं, अब नहीं सह पाएंगे आपका कहर'

भागलपुर: भागलपुर में इन दिनों लोक आस्था का पर्व मां मनसा विषहरी ( Maa Mansa Vishhari ) पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है. लेकिन जिले में हो रहे लगातार बारिश के कारण अधिकांश मंदिर बाढ़ के पानी में डूब ( Temple Submerged In Flood ) गया है. इसके बावजूद बाढ़ पर भक्तों की आस्था भारी है. मां मनसा के प्रति भक्तों की ऐसी आस्था है कि मंदिर में पानी भर जाने के कारण मंदिर में पूजा नहीं कर सका, तो मंदिर परिसर में नाव पर ही मां मनसा विषहरी के कलश और मंजूषा स्थापित कर सारे विधि-विधान कर रहे हैं.

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भागलपुर अंतर्गत सबौर प्रखंड के राजंदीपुर लालूचक मां मनसा दोवी का मंदिर है. यहां मां मनसा पर लोगों की भारी आस्था है. मंदिर के पानी में डूबने और बाढ़ के रौद्र रूप लेने पर भी श्रद्धालुओं की आस्था नहीं डिगी. मां मनसा के भक्त 3 से 4 फीट पानी में चलकर पूजा पाठ कर रहे हैं. हालांकि, मंदिर में भीड़ नहीं थी. मंदिर में मेढपती और उनके परिवार के ही सदस्य सारे विधि-विधान कर रहे है.

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बता दें कि इस गांव के सैकड़ों की संख्या में परिवार बाढ़ के कारण ऊंचे स्थान पर चले गए हैं, लेकिन आस्था के कारण मेढपति अपने परिवार के सदस्य के साथ मां मनसा की पूजा करने के लिए अपने घर के छत पर ही रुक गए और पूजा कर रहे हैं. वहीं, भागलपुर में भी आज मंजूषा विसर्जन धूमधाम से किया गया. भक्त नाचते झूमते गंगा घाट पहुंचे, जहां मंजूषा को गंगा में प्रवाहित किया. इस दौरान दर्जनों की संख्या में महिलाएं माथे पर कलश लेकर विसर्जन शोभायात्रा में शामिल हुई.

मंदिर से पूजा कर लौट रहे सुषमा देवी ने बताया कि उन्होंने मां मनसा बिसहरी से जो मन्नतें मांगी थी, वह पूरी हो गई. इसलिए बाढ़ के पानी में भी मंदिर जाकर पूजा की है. उन्होंने कहा कि मां विषहरी हम लोगों को इस विपदा से छुटकारा दिलाएगी.

रजंदीपुर लालूचक बड़ी विषहरी स्थान के भक्त राजू मंडल ने बताया कि मंदिर पानी से भर गया है. ऐसे में प्रतिमा स्थापित नहीं कर सके तो सांकेतिक रूप से मंजूषा और कलश का स्थापना किए हैं. मंदिर परिसर में ही नाव को साफ सुथरा कर लगा दिया है और उसी पर सारा विधि विधान से पूजा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांव के अधिकतर लोग बाढ़ के कारण ऊंचा स्थान पर चले गए हैं, लेकिन इस मंदिर का पुजारी होने के नाते हम अपने परिवार के साथ यहीं रुक गए. उन्होंने कहा कि मां मनसा विषहरी के प्रति हमारी बहुत आस्था है, इसलिए मां मनसा की पूजा करना आवश्यक है.

बता दें कि क्षेत्र के लोक गाथा पर आधारित पावन पर्व विषहरी पूजा का शुभारंभ हो गया है. भागलपुर, बांका, गोड्डा, मुंगेर, खगड़िया और सहरसा में विषहरी पूजा धूमधाम से मनाई जाती है. इस दौरान मां मनसा विषहरी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. यह पूजा सावन भादो माह के पूर्णिमा और अमावस्या में अलग-अलग जगहों पर मनाया जाता है.

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