भागलपुर: दुर्गा पूजा के दसवें दिन मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन का सिलसिला दोपहर बाद से शुरू हो गया. श्रद्धालुओं ने नम आंखों से मां को विदाई दी. जिस गली से मां दुर्गा की प्रतिमा गुजर रही थी, वहां भक्तिमय माहौल हो जा रहा था. विभिन्न पूजा समितियों और श्रद्धालुओं ने धार्मिक रीति-रिवाज का पालन करते हुए मां दुर्गा की प्रतिमा को शहर के अलग-अलग तालाब और पोखर में प्रवाहित किया.
महिलाओं ने गायी विदाई गीत
दोपहर बाद शहर के विभिन्न पूजा समितियों की प्रतिमा विसर्जन के लिए मंदिर से निकली और शाम 7 बजे तक विसर्जन होता रहा. विसर्जन के लिए नगर निगम ने रविवार की रात को ही सारी तैयारी तालाब और पोखर पर कर ली थी. पूजा पंडालों में महिलाओं ने विदाई के पहले देवी दुर्गा को खोईचा दिया. महिलाओं ने विदाई गीत भी गाया.
आयोजकों के चेहरे पर मायूसी
पंडालों से प्रतिमाओं को निकलने के समय आयोजकों के चेहरे पर मायूसी छाई थी. इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर पूजा समितियों को कई नियमों में जिला प्रशासन ने बांध दिया था. जिस कारण प्रतिमा विसर्जन के दौरान भीड़ कम दिखाई दी. दुर्गा मां की विसर्जन शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ विसर्जन स्थल पर पहुंची.
तालाबों पर पर्याप्त व्यवस्था
प्रशासन की ओर से शहर के मुसहरी घाट, बरारी सीढी घाट, पुल घाट सहित विभिन्न तालाबों और पोखरों पर पर्याप्त व्यवस्था किए गये थे. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. दो मोटर बोट और 3 गोताखोर की व्यवस्था की गई थी. प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विसर्जन होने तक घाट पर मौजूद थे.
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
देवी दुर्गा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ विसर्जन स्थल पर उमड़ पड़ी. वहीं पर्वती और कंपनी बाग की प्रतिमा का विसर्जन भैरवा तालाब में किया गया. जोगसर मेन रोड और ग्वालटोली की प्रतिमा जब बूढ़ानाथ घाट पहुंची तो, वहां गंदगी देखकर श्रद्धालु भड़क गए.
मौके पर पहुंचे महासचिव जय नंदन आचार्य ने लोगों को समझाया कि महासमिति और पुलिस प्रशासन के बीच पानी की कमी को लेकर मौके पर विवाद भी हुआ. काफी समझाने के बाद प्रतिमा को विसर्जन किया गया.