भागलपुर : बिहार के भागलपुर में डेंगू के कहर के बीच स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. इसी कड़ी में मंगलवार को डीएम सुब्रत कुमार सेन ने भी जेएलएनएमसीएच का निरीक्षण किया. इस अस्पताल में न सिर्फ भागलपुर, बल्कि आसपास के अन्य जिलों से भी मरीज इलाज कराने आते हैं. वहीं यहां की हालत इतनी खराब है कि लोगों का फर्श पर इलाज किया जा रहा है. मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा.
डेंगू मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी : बता दें कि मायागंज अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए करीब 50 बेड सुरक्षित हैं, लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण लोग नीचे फर्श पर चादर बिछाकर इलाज करवा रहे हैं. कई लोग तो यहां रिपोर्ट आने के इंतजार में भी पड़े हुए हैं. यहां रिपोर्ट लेने में भी खासी परेशानियों का सामना करता है. 24 घंटे के बाद भी रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है. जब तक डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की रिपोर्ट नहीं आती है, उन्हें बेड नहीं मिल पाता है.
"डेंगू के केस भागलपुर जिले में बढ़ रहे हैं. सदर अस्पताल में 25 बेड की व्यवस्था की गई है और मायागंज में भी 100 बेड की व्यवस्था करने को कहा गया था. लेकिन यहां आने पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यहां बेड की संख्या कम पड़ गई है. इस कारण हमलोगों ने निर्णय लिया है कि यहां कैंसर के इलाज के लिए जो प्री फैब्रिकेटेड वार्ड है. उसमें 100 बेड का डेंगू वार्ड आज शाम से शुरू कराया जाए". - सुब्रत कुमार सेन, डीएम भागलपुर
जेएलएनएमसीएच में की जा रही अतिरिक्त व्यवस्था : डीएम सुब्रत कुमार सेन ने मायागंज अस्पताल एवं सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसके लिए जिला प्रशासन भी अलर्ड मोड में है. डेंगू से बचाव के लिए हमारे सदर अस्पताल और मायागंज अस्पताल के डॉक्टर ने पूरी तैयारी कर रखी है. जेएलएनएमसीएच में 100 से ज्यादा बेड की तैयारी है, लेकिन मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं.
लक्षण दिखे तो अविलंब डाॅक्टर से दिखाएं : तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर के त्वचा पर लाल धब्बा होना, नाक से उल्टी के साथ खून निकलना, मसूड़े से खून आना आदि लक्षण डेंगू के हैं. अगर ऐसा कोई भी लक्षण किसी में मिलता है तो उसे तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और डेंगू की जांच करानी चाहिए.