भागलपुर: लॉक डाउन का असर हर क्षेत्र पर पड़ा है. इसका असर किताब दुकान पर भी देखने को मिल रहा है. ऐसे समय में लोग दुकान की जगह ऑनलाइन किताब मंगा रहे हैं. लोगों की इंटरनेट पर निर्भरता जिस तरीके से बढ़ रही है उसी तरीके से ऑनलाइन कारोबार भी बढ़ रहा है. लॉकडाउन में किताबों के बाजार को भी ऑनलाइन मार्केटिंग ने प्रभावित कर दिया है.
ऑनलाइन किताबों की बढ़ी मांग
दुकानदारों के मुताबिक लॉकडॉउन के पहले तक हर दिन दुकानों से हजारों किताब बिक जाती थी. उसी हिसाब से हजारों किताबों की ऑनलाइन खरीदारी की जा रही थी. भागलपुर के स्टेशन चौक पर दर्जनों पुस्तक की दुकान बरसों पुरानी है. जहां पर मार्च-अप्रैल महीने में स्कूल और कॉलेज के बच्चों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन इस बार दिन भर में 5 से 7 बच्चे ही दुकान पर पहुंच रहे हैं.
लॉकडाउन से पड़ा असर
किताब दुकानदार कृष्ण मुरारी कहते हैं कि लॉकडाउन लगने के कारण सड़क पर लोग दिखाई नहीं दे रहे हैं. जिस वजह से दुकान में भीड़ नहीं है. उन्होंने कहा कि किताब के लिए लोग फोन करते हैं. अंग्रेजी स्कूल के बच्चे ऑनलाइन पुस्तक मंगा रहे हैं. हमारे पास भी आर्डर आ रहा है. लेकिन स्टाफ नहीं होने की वजह से डिलीवर नहीं कर पा रहे हैं. दुकानदार ने कहा कि ट्रांसपोर्टेशन नहीं होने की वजह से बहुत सारी किताबें नहीं आ पा रही है.
ऑनलाइन किताबों पर भारी छूट
एनसीईआरटी की किताबों को छोड़कर लगभग सभी विषयों की किताबें अब ऑनलाइन उपलब्ध है. वह भी 20 से 40 फीसदी की छूट के साथ है. इससे छात्रों को किताब खरीदने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर उन्हें किताबों पर भारी छूट भी मिल जा रही है. ऑनलाइन बाजार ने दुकान से किताब की खरीदारी को प्रभावित किया है. आंकड़ों की मानें तो इससे बाजार पर करीब 40 फीसदी का असर पड़ा है.