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साइबर अपराधियों के हाथ लगा इंटर और मैट्रिक के छात्रों का डाटा, पास कराने के बदले मांग रहे पैसे

मैट्रिक और इंटर की परीक्षा होने के बाद अब साइबर अपराधी छात्रों को ब्लैकमेल कर रहे हैं. फोन करने वाला व्यक्ति खुद को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का कर्मचारी बता रहा है. मैट्रिक और इंटर परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन से पास कराने का प्रलोभन दिया जा रहा है और इसके एवज में पैसा मांगा जा रहा है. छात्रों को बैंक अकाउंट नंबर भी दिया जा रहा है और कहा जा रहा है कि उसमें जल्द पैसा जमा करो तभी पास किए जाओगे.

Bhagalpur
भागलपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी
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Published : Mar 2, 2021, 9:12 PM IST

भागलपुर: साइबर फ्रॉड गिरोह के हाथ इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का डाटा लग गया है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षा होने के बाद अब साइबर अपराधी छात्रों को ब्लैकमेल कर रहे हैं. पैसे उगाही करने के लिए उन्हें प्रलोभन दिया जा रहा है. इसके लिए छात्रों को फोन आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- BJP को हराने के लिए RJD का बिना शर्त TMC को समर्थन, कांग्रेस-वामदलों को झटका

फोन करने वाला व्यक्ति खुद को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का कर्मचारी बता रहा है. मैट्रिक और इंटर परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन से पास कराने का प्रलोभन दिया जा रहा है और इसके एवज में पैसा मांगा जा रहा है. छात्रों को बैंक अकाउंट नंबर भी दिया जा रहा है और कहा जा रहा है कि उसमें जल्द पैसा जमा करो तभी पास किए जाओगे. एक विषय में पास करने के लिए 5-7 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

भागलपुर में दर्जनों छात्र-छात्राओं को आया कॉल
भागलपुर में दर्जनों छात्र-छात्राओं को कॉल आ चुके हैं. अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत पुलिस सहित शिक्षा विभाग से की है. जिले में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा पास कराने के लिए छात्रों के परिजनों को भी फोन किए जा रहे हैं. फोन करने वाले पुरुष और महिला दोनों हैं. उनके पास संबंधित परीक्षार्थियों के बारे में पूरी जानकारी है. परीक्षार्थी का नाम, स्कूल, पिता का नाम और घर का पता जैसी जानकारी साइबर अपराधी के पास है.

cyber crime
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक

ऐसे फोन कॉल पर न दें ध्यान
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा "भ्रामक कॉल पर बच्चों को ध्यान नहीं देना चाहिए और ना ही अभिभावक को. इस बार कोई भी काम मैनुअल तरीके से नहीं हो रहा है. पूरा काम बार कोडिंग सिस्टम से हो रहा है. कौन सी कॉपी कहां गई यह किसी को पता नहीं. कौन कॉपी किसकी है इसकी जानकारी मूल्यांकन करने वाले शिक्षक और कर्मचारी को नहीं है."

cyber crime
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक

"किसी भी परीक्षार्थी या अभिभावक को कोई फोन कॉल आए तो उसकी जानकारी पुलिस और शिक्षा विभाग को दें. मामला साइबर क्राइम से जुड़ा है. बच्चों का डाटा लीक साइबर कैफे से हुआ होगा. क्योंकि फॉर्म भरते समय सारी जानकारी साइबर कैफे वाले को दिया जाता है."- संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर

गौरतलब है कि फोन उन नंबरों पर आ रहे हैं जो ऑनलाइन आवेदन के वक्त अभ्यर्थियों ने फॉर्म में दर्ज किए थे. फोन करने वालों तक यह डाटा पहुंचा कैसे यह सबसे बड़ा सवाल है. साइबर एक्सपर्ट डाटा लीक को गंभीर बात मानते हैं.

भागलपुर: साइबर फ्रॉड गिरोह के हाथ इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का डाटा लग गया है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षा होने के बाद अब साइबर अपराधी छात्रों को ब्लैकमेल कर रहे हैं. पैसे उगाही करने के लिए उन्हें प्रलोभन दिया जा रहा है. इसके लिए छात्रों को फोन आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- BJP को हराने के लिए RJD का बिना शर्त TMC को समर्थन, कांग्रेस-वामदलों को झटका

फोन करने वाला व्यक्ति खुद को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का कर्मचारी बता रहा है. मैट्रिक और इंटर परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन से पास कराने का प्रलोभन दिया जा रहा है और इसके एवज में पैसा मांगा जा रहा है. छात्रों को बैंक अकाउंट नंबर भी दिया जा रहा है और कहा जा रहा है कि उसमें जल्द पैसा जमा करो तभी पास किए जाओगे. एक विषय में पास करने के लिए 5-7 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

भागलपुर में दर्जनों छात्र-छात्राओं को आया कॉल
भागलपुर में दर्जनों छात्र-छात्राओं को कॉल आ चुके हैं. अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत पुलिस सहित शिक्षा विभाग से की है. जिले में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा पास कराने के लिए छात्रों के परिजनों को भी फोन किए जा रहे हैं. फोन करने वाले पुरुष और महिला दोनों हैं. उनके पास संबंधित परीक्षार्थियों के बारे में पूरी जानकारी है. परीक्षार्थी का नाम, स्कूल, पिता का नाम और घर का पता जैसी जानकारी साइबर अपराधी के पास है.

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ऐसे फोन कॉल पर न दें ध्यान
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा "भ्रामक कॉल पर बच्चों को ध्यान नहीं देना चाहिए और ना ही अभिभावक को. इस बार कोई भी काम मैनुअल तरीके से नहीं हो रहा है. पूरा काम बार कोडिंग सिस्टम से हो रहा है. कौन सी कॉपी कहां गई यह किसी को पता नहीं. कौन कॉपी किसकी है इसकी जानकारी मूल्यांकन करने वाले शिक्षक और कर्मचारी को नहीं है."

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"किसी भी परीक्षार्थी या अभिभावक को कोई फोन कॉल आए तो उसकी जानकारी पुलिस और शिक्षा विभाग को दें. मामला साइबर क्राइम से जुड़ा है. बच्चों का डाटा लीक साइबर कैफे से हुआ होगा. क्योंकि फॉर्म भरते समय सारी जानकारी साइबर कैफे वाले को दिया जाता है."- संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर

गौरतलब है कि फोन उन नंबरों पर आ रहे हैं जो ऑनलाइन आवेदन के वक्त अभ्यर्थियों ने फॉर्म में दर्ज किए थे. फोन करने वालों तक यह डाटा पहुंचा कैसे यह सबसे बड़ा सवाल है. साइबर एक्सपर्ट डाटा लीक को गंभीर बात मानते हैं.

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