भागलपुर: बाजार में उड़ीसा और सिलीगुड़ी से तरबूज आ गए हैं. लेकिन इस साल इसे खरीदने वाले कोई ग्राहक नहीं मिल रहा है. गिरधारी, सावटिया, जीरोमाइल, घंटाघर चौक सहित अन्य चौक चौराहों के पास हर साल की तरह तरबूज बिक रहे हैं. लेकिन मुश्किल से प्रतिदिन 30 से 40 किलो ही बिक रहा है. व्यापारियों की समस्या यह है कि तरबूज अगर अगले 5 से 6 दिनों में नहीं बिके तो वे सड़ जाएंगे. ऐसी स्थिति में लाखों रुपए का नुकसान होने की संभावना है. बता दें क लॉक डाउन के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जो लोग बाजार तरबूज लेने के लिए आ रहे हैं, वह मोलभाव अधिक कर रहे हैं. व्यापारी मजबूरी में तरबूज को सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर हैं.
'नहीं मिल रहे ग्राहक'
इस बाबत तरबूज विक्रेता शंभू साह ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है. लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. जिस वजह से तरबूज के लिए ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. इस मौसम में तरबूज काफी बिकता था. लेकिन इसबार बिक्री कम है. महंगे दामों पर तरबूज ला कर सस्ते दामों में बेचना पड़ रहा है. बावजूद ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. वहीं, विक्रेता गिरेंद्र दास ने बताया कि पहले के मुकाबले इस बार बिक्री न के बराबर है. लॉक डाउन घोषित किया गया है. ग्राहक घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, हमलोग पेट के कारण बेच रहे हैं. महंगे दाम पर तरबूज को लाए हैं. लेकिन बहुत ही कम लोग बाजार निकलते हैं. जो लोग भी बाजार आते हैं वह मोल भाव अधिक करते हैं. मजबूरी में हम लोग जो ग्राहक आते हैं उन्हें औने-पौने दाम में तरबूज को बेच रहे हैं.
लागू लॉकडाउन का असर
गौरतलब है कि लागू लॉकडाउन के कारण इस साल लोग अपने घरों में ही रही है. लोग वायरस संक्रमण के भय से घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं. ऐसे में तरबूज समेत अन्य फलों के बिक्री पर भी असर पड़ा है. बताया जा रहा है कि बिहार में बाहर के राज्यों से तरबूज बिक्री के लिए मंगाए जाते हैं. कोरोना वायरस के भय के कारण लोगों के मन में कई संशय है. जिस वजह से लोग तरबूज ही नहीं अन्य फलों को खरीदने से भी परहेज कर रहे हैं.