भागलपुरः लोक आस्था का महापर्व छठ आज उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ संपन्न हुआ. गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए पहुंची. छठ व्रतियों ने अपने परिवार समेत जगत कल्याण को लेकर भगवान भास्कर से प्रार्थना और अर्घ्य समर्पित किया.
घाट पर रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़
पर्व के मौके पर रविवार की सुबह सभी छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भगवान भास्कर के उदयीमान होने की प्रतीक्षा कर रही थी. भागलपुर की पूर्व डिप्टी मेयर प्रीति शेखर भी छठ घाट पर पहुंची. उन्होंने बताया कि भारत की संस्कृति ही ऐसी है कि हम डूबते हुए सूर्य और उदयीमान सूर्य को पूजते हैं. हमारे लिए दोनों की अहमियत काफी ज्यादा है. परंपरा यह बताती है कि डूबता हुआ सूर्य हम लोगों के लिए कितना उपयोगी था. वहीं, उदयीमान होने वाला सूर्य भी आने वाली आकांक्षाओं को पूरा करेगा.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
छठ पर्व के दूसरे दिन भी शासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया था. जिले के सभी छठ घाटों पर बिहार सैन्य पुलिस के साथ-साथ एसडीआरएफ की टुकड़ी भी तैनात थी. इसके साथ ही कई जनप्रतिनिधि घाटों पर भागलपुर की जनता को बधाई देते दिखे. वहीं, श्रद्धालु आत्माराम झुनझुनवाला सुबह अर्घ्य अर्पण करने के साथ ही लोगों में सूर्य चालीसा बांट रहे थे. उन्होंने बताया की उनकी मां सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इसे पढ़ती थी. उनसे मुझे प्रेरणा मिली है. उन्होंने बताया की अबतक वह 120 सूर्य चालीसा लोगों में बांट चुके हैं. चालीसा बाटने के पीछे उन्होंने कहा की लोग सूर्य की उपासना करने के साथ ही सूर्य के महत्व को समझ सके.
यमराज तक पहुंचाया था संदेश
वहीं, पर छठ घाट से लौट रही महिला ने भगवान भास्कर की महत्व को लेकर लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाने की बात कही. आपको बता दें कि अंग प्रदेश की प्रसिद्ध लोकगाथा बिला विषहरी में सती बिहुला ने भी चंपा नदी के रास्ते सूप में मंजूषा उकेर कर अपने संदेश को यमराज तक पहुंचाया था. बिहुला विषहरी दंतकथा में बिहुला की ओर से सूर्य उपासना की भी बात अंग प्रदेश में की जाती है.