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भागलपुरः लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन भी गंगा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

अंग प्रदेश की प्रसिद्ध लोकगाथा बिला विषहरी में सती बिहुला ने भी चंपा नदी के रास्ते सूप में मंजूषा उकेर कर अपने संदेश को यमराज तक पहुंचाया था. बिहुला विषहरी दंतकथा में बिहुला की ओर से सूर्य उपासना की भी बात अंग प्रदेश में की जाती है.

महापर्व छठ
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Published : Nov 3, 2019, 10:25 AM IST

भागलपुरः लोक आस्था का महापर्व छठ आज उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ संपन्न हुआ. गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए पहुंची. छठ व्रतियों ने अपने परिवार समेत जगत कल्याण को लेकर भगवान भास्कर से प्रार्थना और अर्घ्य समर्पित किया.

घाट पर रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़

पर्व के मौके पर रविवार की सुबह सभी छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भगवान भास्कर के उदयीमान होने की प्रतीक्षा कर रही थी. भागलपुर की पूर्व डिप्टी मेयर प्रीति शेखर भी छठ घाट पर पहुंची. उन्होंने बताया कि भारत की संस्कृति ही ऐसी है कि हम डूबते हुए सूर्य और उदयीमान सूर्य को पूजते हैं. हमारे लिए दोनों की अहमियत काफी ज्यादा है. परंपरा यह बताती है कि डूबता हुआ सूर्य हम लोगों के लिए कितना उपयोगी था. वहीं, उदयीमान होने वाला सूर्य भी आने वाली आकांक्षाओं को पूरा करेगा.

Mahaparva Chhath
छठ पूजा का दृश्य

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

छठ पर्व के दूसरे दिन भी शासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया था. जिले के सभी छठ घाटों पर बिहार सैन्य पुलिस के साथ-साथ एसडीआरएफ की टुकड़ी भी तैनात थी. इसके साथ ही कई जनप्रतिनिधि घाटों पर भागलपुर की जनता को बधाई देते दिखे. वहीं, श्रद्धालु आत्माराम झुनझुनवाला सुबह अर्घ्य अर्पण करने के साथ ही लोगों में सूर्य चालीसा बांट रहे थे. उन्होंने बताया की उनकी मां सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इसे पढ़ती थी. उनसे मुझे प्रेरणा मिली है. उन्होंने बताया की अबतक वह 120 सूर्य चालीसा लोगों में बांट चुके हैं. चालीसा बाटने के पीछे उन्होंने कहा की लोग सूर्य की उपासना करने के साथ ही सूर्य के महत्व को समझ सके.

Mahaparva Chhath
सूर्य चालीसा बाटते श्रद्धालु आत्माराम झुनझुनवाला

यमराज तक पहुंचाया था संदेश

वहीं, पर छठ घाट से लौट रही महिला ने भगवान भास्कर की महत्व को लेकर लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाने की बात कही. आपको बता दें कि अंग प्रदेश की प्रसिद्ध लोकगाथा बिला विषहरी में सती बिहुला ने भी चंपा नदी के रास्ते सूप में मंजूषा उकेर कर अपने संदेश को यमराज तक पहुंचाया था. बिहुला विषहरी दंतकथा में बिहुला की ओर से सूर्य उपासना की भी बात अंग प्रदेश में की जाती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

भागलपुरः लोक आस्था का महापर्व छठ आज उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ संपन्न हुआ. गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए पहुंची. छठ व्रतियों ने अपने परिवार समेत जगत कल्याण को लेकर भगवान भास्कर से प्रार्थना और अर्घ्य समर्पित किया.

घाट पर रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़

पर्व के मौके पर रविवार की सुबह सभी छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भगवान भास्कर के उदयीमान होने की प्रतीक्षा कर रही थी. भागलपुर की पूर्व डिप्टी मेयर प्रीति शेखर भी छठ घाट पर पहुंची. उन्होंने बताया कि भारत की संस्कृति ही ऐसी है कि हम डूबते हुए सूर्य और उदयीमान सूर्य को पूजते हैं. हमारे लिए दोनों की अहमियत काफी ज्यादा है. परंपरा यह बताती है कि डूबता हुआ सूर्य हम लोगों के लिए कितना उपयोगी था. वहीं, उदयीमान होने वाला सूर्य भी आने वाली आकांक्षाओं को पूरा करेगा.

Mahaparva Chhath
छठ पूजा का दृश्य

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

छठ पर्व के दूसरे दिन भी शासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया था. जिले के सभी छठ घाटों पर बिहार सैन्य पुलिस के साथ-साथ एसडीआरएफ की टुकड़ी भी तैनात थी. इसके साथ ही कई जनप्रतिनिधि घाटों पर भागलपुर की जनता को बधाई देते दिखे. वहीं, श्रद्धालु आत्माराम झुनझुनवाला सुबह अर्घ्य अर्पण करने के साथ ही लोगों में सूर्य चालीसा बांट रहे थे. उन्होंने बताया की उनकी मां सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इसे पढ़ती थी. उनसे मुझे प्रेरणा मिली है. उन्होंने बताया की अबतक वह 120 सूर्य चालीसा लोगों में बांट चुके हैं. चालीसा बाटने के पीछे उन्होंने कहा की लोग सूर्य की उपासना करने के साथ ही सूर्य के महत्व को समझ सके.

Mahaparva Chhath
सूर्य चालीसा बाटते श्रद्धालु आत्माराम झुनझुनवाला

यमराज तक पहुंचाया था संदेश

वहीं, पर छठ घाट से लौट रही महिला ने भगवान भास्कर की महत्व को लेकर लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाने की बात कही. आपको बता दें कि अंग प्रदेश की प्रसिद्ध लोकगाथा बिला विषहरी में सती बिहुला ने भी चंपा नदी के रास्ते सूप में मंजूषा उकेर कर अपने संदेश को यमराज तक पहुंचाया था. बिहुला विषहरी दंतकथा में बिहुला की ओर से सूर्य उपासना की भी बात अंग प्रदेश में की जाती है.

देखें पूरी रिपोर्ट
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लोक आस्था के महान पर्व छठ के दूसरे दिन भी गंगा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पूरे बिहार उत्तर प्रदेश झारखंड एवं देश के कई इलाकों में लोक आस्था का महापर्व छठ आज उदयीमान सूर्य के अर्ध्य के साथ समाप्त हो गया गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे छठ व्रतियों ने अपने परिवार समेत जगत कल्याण को लेकर भगवान भास्कर से प्रार्थना की एवं अर्द्ध समर्पित किया छठ को लेकर सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होकर भगवान भास्कर के उदयीमान होने की प्रतीक्षा कर रहा था छठ के दूसरे दिन भी लोगों ने भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर परिवार एवं जन कल्याण के प्रार्थना की भागलपुर की पूर्व डिप्टी मेयर प्रति शेखर ने बताया कि भारत की संस्कृति ही ऐसी है कि हम डूबते हुए सूर्य को भी पूछते हैं और उदयीमान सूर्य को भी जो इस बात का द्योतक है कि हमारे लिए दोनों की अहमियत काफी ज्यादा है यह परंपरा यह बताती है कि डूबता हुआ सूर्य जी हम लोगों के लिए कितना उपयोगी था और उदयीमान होने वाला सूर्य भी आने वाली आकांक्षाओं को उम्मीद को पूरा करेगा ।


Body:छठ पर्व के दूसरे दिन भी शासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिले बिहार सैन्य पुलिस के साथ-साथ रेफ की टुकड़ी भी तैनात थी सभी घाटों पर प्रशासनिक व्यवस्था चाक-चौबंद देखी साथ ही साथ एसडीआरएफ की टीम लगातार छठ घाटों पर भ्रमणशील दिख रही थी कई जनप्रतिनिधि भी घाटों पर भागलपुर की जनता को बधाई देते दिखे और साथ ही साथ उदयीमान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व का आज समापन हो गया कई घाटों पर लोग चार्ट और गोलगप्पे का लुफ्त उठाते भी दिखे तो कोई लोग सूर्य चालीसा मुफ्त में श्रद्धालुओं को बांट रहा था ताकि लोग सूर्य की उपासना करते हुए सूर्य के महत्व को समझ सकें।


Conclusion:वहीं पर छठ घाट से लौट रही महिला ने भगवान भास्कर की महत्व को लेकर लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाने की बात कही आपको बता दें कि अन्य प्रदेश की प्रसिद्ध लोकगाथा बिला बिसहरी में सती बिहुला ने भी चंपा नदी के रास्ते सूप में मंजूषा उकेर कर अपने संदेश को यमराज तक पहुंचाया था बिहुला विषहरी दंतकथा में बिहुला के द्वारा सूर्य उपासना की भी बात अंग प्रदेश में की जाती है।


बाइट प्रीति शेखर पूर्व उपमहापौर भागलपुर
बाइट अंजू झुनझुनवाला
बाइट आत्माराम झुनझुनवाला
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