ETV Bharat / state

असम डिटेंशन कैंप में 27 लोगों की मौत पर बवाल, भाकपा माले ने किया प्रदर्शन

नगर प्रभारी मुकेश मुक्त ने बताया कि असम में एनआरसी लिस्ट में जिन लोगों का नाम नहीं था, उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा गया था. उनमें से 27 लोगों की मौत हो गई है. जिनकी मौत को लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ता देश भर में राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध कर रहे हैं.

भाकपा माले ने किया प्रदर्शन
author img

By

Published : Nov 6, 2019, 10:30 PM IST

भागलपुर: असम के डिटेंशन कैंपों में 27 लोगों की मौत के खिलाफ नगर प्रभारी मुकेश मुक्त के नेतृत्व में भाकपा माले ने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला भी फूंका. साथ ही कार्यकर्ताओं ने सरकार से पूरे देश में एनआरसी लागू करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की है.

राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध
नगर प्रभारी मुकेश मुक्त ने बताया कि असम में एनआरसी लिस्ट में जिन लोगों का नाम नहीं था, उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा गया था. उनमें से 27 लोगों की मौत हो गई है. जिनकी मौत को लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ता देश भर में राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू होने से आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी. आम लोगों का यदि भारत सरकार के नागरिकता वाले लिस्ट में नाम नहीं होगा, तो उसे डिटेंशन कैंप में डाला जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार को एनआरसी लागू करने के निर्णय को वापस लेना ही होगा.

सरकार के खिलाफ भाकपा माले ने किया प्रदर्शन

सरकार को बताया जिम्मेदार
बता दें कि डिटेंशन कैंप में अब तक 27 लोग की मौत हो गई है. फाइनल सूची के पहले 25 लोग मारे गए और उसके बाद 2 लोग की मौत हुई है. इन 2 लोगों में 70 वर्षीय फालु दास और 65 वर्षीय दुल्ला चंद्रपाल शामिल हैं. दुल्ला पाल और फालु दास के परिवार ने उनके शव लेने से इनकार करते हुए कहा कि अगर वे बांग्लादेशी थे. तो बांग्लादेश में उनके परिवार को तलाशिये और सबको बांग्लादेश भेजिए. नहीं तो मानिए कि यह भारत के नागरिक थे. जिनकी हत्या सरकार के डिटेंशन कैंप में हुई. वहीं उन्होंने इन सभी की मौतों का जिम्मेदार सरकार को बताया है.

भागलपुर: असम के डिटेंशन कैंपों में 27 लोगों की मौत के खिलाफ नगर प्रभारी मुकेश मुक्त के नेतृत्व में भाकपा माले ने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला भी फूंका. साथ ही कार्यकर्ताओं ने सरकार से पूरे देश में एनआरसी लागू करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की है.

राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध
नगर प्रभारी मुकेश मुक्त ने बताया कि असम में एनआरसी लिस्ट में जिन लोगों का नाम नहीं था, उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा गया था. उनमें से 27 लोगों की मौत हो गई है. जिनकी मौत को लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ता देश भर में राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू होने से आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी. आम लोगों का यदि भारत सरकार के नागरिकता वाले लिस्ट में नाम नहीं होगा, तो उसे डिटेंशन कैंप में डाला जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार को एनआरसी लागू करने के निर्णय को वापस लेना ही होगा.

सरकार के खिलाफ भाकपा माले ने किया प्रदर्शन

सरकार को बताया जिम्मेदार
बता दें कि डिटेंशन कैंप में अब तक 27 लोग की मौत हो गई है. फाइनल सूची के पहले 25 लोग मारे गए और उसके बाद 2 लोग की मौत हुई है. इन 2 लोगों में 70 वर्षीय फालु दास और 65 वर्षीय दुल्ला चंद्रपाल शामिल हैं. दुल्ला पाल और फालु दास के परिवार ने उनके शव लेने से इनकार करते हुए कहा कि अगर वे बांग्लादेशी थे. तो बांग्लादेश में उनके परिवार को तलाशिये और सबको बांग्लादेश भेजिए. नहीं तो मानिए कि यह भारत के नागरिक थे. जिनकी हत्या सरकार के डिटेंशन कैंप में हुई. वहीं उन्होंने इन सभी की मौतों का जिम्मेदार सरकार को बताया है.

Intro:भागलपुर के स्टेशन चौक पर भाकपा माले के नगर इकाई द्वारा नगर प्रभारी मुकेश मुक्त के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में भाकपा माले के कार्यकर्ता ने असम के डिटेंशन कैंप में 27 लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया । इस दौरान अपनी मांगों के पक्ष में जमकर नारेबाजी की तो वहीं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में एनआरसी लागू करने के केंद्र सरकार के निर्णय को वापस लेने की मांग की ।


Body:नगर प्रभारी मुकेश मुक्त ने बताया कि असम में एनआरसी लागू किया गया , जिसमें कई लोगों का नाम लिस्ट में नहीं है जिन लोगों का लिस्ट में नाम नहीं है उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा गया था ,उनमें से 27 लोगों की मौत हुई है । जिसमें अधिकतर हिंदू है । डिटेंशन कैंप में हुए मौत को लेकर आज हम लोग पूरे देश भर में राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मैं पूछना चाहता हूं कि एनआरसी पूरे देश में आप लागू कर रहे हैं ,जिस देश में लोग वोटर कार्ड ,राशन कार्ड और आधार कार्ड में नाम नहीं जुड़ पाते हैं वहां एनआरसी लागू करने का क्या औचित्य है , उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू होने से आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी , आम लोगों का यदि भारत सरकार के नागरिकता वाले लिस्ट में नाम नहीं होता है तो उसे डिटेंशन कैंप में डाल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में सरकार द्वारा एनआरसी लागू करने के निर्णय को वापस लेना होगा ।


Conclusion:visual

byte - मुकेश मुक्त ( नगर प्रभारी भाकपा माले )
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.