भागलपुर: जिले में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच अब आरटी पीसीआर मशीन (रिवर्स ट्रांसमिशन पॉलीमर्स चैन रिएक्शन) से होगी. भागलपुर और आसपास के जिलों के लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट अब 2 घंटे में मिल जाएगी. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने इस मशीन को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को टेस्ट के लिए दिया है. ये मशीन अमेरिका निर्मित है.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजय कुमार ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कृषि विश्वविद्यालय को चना की पैदावार बढ़ाने वाले जिन की तलाश के लिए आरटी पीसीआर मशीन दी थी. फिलहाल कोरोना जांच के लिए मेडिकल कॉलेज को ये मशीन दे दी गई है. इस अत्याधुनिक मशीन से कोरोना के संक्रमण की भी जांच की जा सकती है.
कुलपति ने कहा कि कोरोना से लड़ाई सिर्फ सरकार की ही नहीं सबकी है. आरटी पीसीआर मशीन के जरिए पौधे के आरएनए और डीएनए की जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है. इसी आधार पर वायरस का पता लगाकर उसका ट्रीटमेंट होता है. अब उसी आधार पर कोरोना वायरस की जांच भी की जाएगी. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मशीन देने के लिए मैंने खुद विभाग से बात की थी, जिससे अधिक से अधिक लोगों की जांच भागलपुर में हो सके.
'1 दिन में 180 सैंपलों की होगी जांच'
वहीं, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल के डॉक्टर शिव शंकर शर्मा ने कहा कि आरटी पीसीआर मशीन लाई गई है. विशेषज्ञों की टीम इसके सिस्टम को अपडेट करेगी, फिर इसका इस्तेमाल कोरोना जांच में किया जाएगा. ये काफी कारगर साबित होगा. 1 दिन में 180 से अधिक लोगों की रिपोर्ट मिल जाएगी, जिससे इलाज में काफी सुविधा मिलेगी.
कई शिक्षा संस्थानों के पास है आरटी पीसीआर मशीन
बता दें कि आरटी पीसीआर मशीन दिन भर में 180 कोरोना नमूनों की जांच कर सकता है. इस मशीन को बीएयू ने 2018 में यूएसए से खरीदा था. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बिहार सरकार ने मशीन को मेडिकल कॉलेज में देने को कहा. इसके बाद मशीन कॉलेज को सौंप दी गई. हालांकि आरटीपीसीआर मशीन पूसा कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, पटना विमेंस कॉलेज, पटना वेटनरी कॉलेज और बिहार कृषि विश्वविद्यालय सहित बिहार शिक्षा संस्थानों के पास भी है.