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कोरोना महामारी ने तोड़ा मीनू सोरेन का ओलंपिक जाने का सपना - ओलंपिक का सपना

कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते देश की एक उभरती खिलाड़ी मीनू सोरेन का ओलंपिक (Olympic) खेलने का सपना टूट गया. इस महामारी के कारण वह पिछले एक साल अभ्यास ही नहीं कर पायी. अब उसे इस मौके के लिए चार साल इंतजार करना होगा.

meenu soren
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Published : Jul 17, 2021, 7:30 AM IST

Updated : Jul 17, 2021, 7:58 AM IST

भागलपुर: विश्व में शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसका जीवन कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने प्रभावित नहीं किया है. सभी अभी तक इस महामारी की झेल रहे है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके सपने कोरोना के चलते टूट गये. इसी श्रेणी में शामिल हैं बिहार की एकमात्र जैवलिन थ्रो (भाला फेक) (Javelin Throw) खिलाड़ी मीनू सोरेन (Meenu Soren). कोरोना के चलते पिछले डेढ़ साल से प्रैक्टिस नहीं होने के कारण मीनू सोरेन का ओलंपिक (Olympic) खेलने का सपना टूट गया है.

ये भी पढ़ें: आशीर्वाद यात्रा के दौरान नवगछिया में बोले चिराग- गठबंधन का फैसला चुनाव के समय, अभी संगठन पर काम

यब तब हुआ है जब दुनियाभर के एथलीटों का डाटा अपडेट करने वाली संस्था वर्ल्ड एथलेटिक्स ने मीनू को भारत में नंबर 1 रैंक पर रखा है. पिछले एक साल से वह अभ्यास नहीं करने के कारण किसी सीनियर गेम में हिस्सा नहीं ले सकीं. कोरोना के कारण देश में कोई आयोजन ही नहीं हुआ. यदि कोई सीनियर गेम मीनू के हिस्से में आता तो संभव था कि वह अभी टोक्यो (Tokyo) में जैवलिन थ्रो में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही होतीं. बता दें कि मीनू अभी 47 मीटर तक भाला फेंकने में सक्षम हैंं.

मीनू सोरेन
मीनू सोरेन

मीनू सोरेन को 2019 में राज्य खेल सम्मान मिला था. उन्होंने कई आयोजनों में गोल्ड मेडल जीते हैं. ओलंपिक में जाने के लिए पटियाला स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान से मीनू को बेहतर परफॉर्मेंस करने के लिए कहा जाता रहा लेकिन भागलपुर स्थित एकलव्य सेंटर (Eklavya Center Bhagalpur) में कोई अभ्यास नहीं होने के कारण मीनू अपने खेल को और निखार नहीं पाईं. बता दें कि अन्नू रानी का चयन टोक्यो ओलंपिक के लिए किया गया है जबकि वर्ल्ड एथलेटिक्स संस्थान ने अन्नू रानी को रैंक दो पर रखा था.

मीनू सोरेन के कोच और एकलव्य सेंटर के प्रशिक्षक राजीव लोचन ने बताया कि मीनू अब तक जूनियर लेवल पर नेशनल गेम में हिस्सा लेती रही हैं. इस साल मीनू सोरेन 20 वर्ष की हो जाएंगी. 18 साल तक के उम्र वाले जूनियर गेम ही खेलते हैं. 2020 में कोरोना वायरस के कारण कोई गेम नहीं हुआ. ऐसे में मीनू का 2 साल बर्बाद हो गया. उन्होंने कहा कि चयनित खिलाड़ी अन्नू रानी मीनू से काफी सीनियर हैं. उसका स्ट्राइकिंग रेट 63 है.

देखें वीडियो

ओलंपिक के लिए सीनियर खिलाड़ियों का एंट्रेंस 61.22 मीटर होता है. इन दोनों कारणों से मीनू का चयन नहीं हो सका. अब 4 साल बाद ही ओलंपिक में उसकी बारी आएगी. उन्होंने कहा कि मीनू का चयन बीते साल दक्षिण अफ्रीका के कैप्टन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्कूल गेम के लिए हुआ था लेकिन कोरोना वायरस के चलते ट्रायल रद्द हो गया था. यहां परफॉर्मेंस बेहतर होने पर मीनू को वर्ष 2022 में अमेरिका में होने वाले वर्ल्ड एथलेटिक्स में भाग लेने का मौका मिलता लेकिन वहां भी वह चूक गई.

मीनू सोरेन भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के कीर्तिनया गांव के रहने वाले मजदूर मान सिंह की बेटी है. पिता पत्थर तोड़कर घर परिवार चलाते हैं. बता दें कि मीनू सोरेन ने असम के गुवाहाटी में आयोजित 36वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बालिका अंडर 20 वर्ग में सिल्वर पदक जीतकर बिहार का नाम पूरे देश में रोशन किया था.

भागलपुर: विश्व में शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसका जीवन कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने प्रभावित नहीं किया है. सभी अभी तक इस महामारी की झेल रहे है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके सपने कोरोना के चलते टूट गये. इसी श्रेणी में शामिल हैं बिहार की एकमात्र जैवलिन थ्रो (भाला फेक) (Javelin Throw) खिलाड़ी मीनू सोरेन (Meenu Soren). कोरोना के चलते पिछले डेढ़ साल से प्रैक्टिस नहीं होने के कारण मीनू सोरेन का ओलंपिक (Olympic) खेलने का सपना टूट गया है.

ये भी पढ़ें: आशीर्वाद यात्रा के दौरान नवगछिया में बोले चिराग- गठबंधन का फैसला चुनाव के समय, अभी संगठन पर काम

यब तब हुआ है जब दुनियाभर के एथलीटों का डाटा अपडेट करने वाली संस्था वर्ल्ड एथलेटिक्स ने मीनू को भारत में नंबर 1 रैंक पर रखा है. पिछले एक साल से वह अभ्यास नहीं करने के कारण किसी सीनियर गेम में हिस्सा नहीं ले सकीं. कोरोना के कारण देश में कोई आयोजन ही नहीं हुआ. यदि कोई सीनियर गेम मीनू के हिस्से में आता तो संभव था कि वह अभी टोक्यो (Tokyo) में जैवलिन थ्रो में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही होतीं. बता दें कि मीनू अभी 47 मीटर तक भाला फेंकने में सक्षम हैंं.

मीनू सोरेन
मीनू सोरेन

मीनू सोरेन को 2019 में राज्य खेल सम्मान मिला था. उन्होंने कई आयोजनों में गोल्ड मेडल जीते हैं. ओलंपिक में जाने के लिए पटियाला स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान से मीनू को बेहतर परफॉर्मेंस करने के लिए कहा जाता रहा लेकिन भागलपुर स्थित एकलव्य सेंटर (Eklavya Center Bhagalpur) में कोई अभ्यास नहीं होने के कारण मीनू अपने खेल को और निखार नहीं पाईं. बता दें कि अन्नू रानी का चयन टोक्यो ओलंपिक के लिए किया गया है जबकि वर्ल्ड एथलेटिक्स संस्थान ने अन्नू रानी को रैंक दो पर रखा था.

मीनू सोरेन के कोच और एकलव्य सेंटर के प्रशिक्षक राजीव लोचन ने बताया कि मीनू अब तक जूनियर लेवल पर नेशनल गेम में हिस्सा लेती रही हैं. इस साल मीनू सोरेन 20 वर्ष की हो जाएंगी. 18 साल तक के उम्र वाले जूनियर गेम ही खेलते हैं. 2020 में कोरोना वायरस के कारण कोई गेम नहीं हुआ. ऐसे में मीनू का 2 साल बर्बाद हो गया. उन्होंने कहा कि चयनित खिलाड़ी अन्नू रानी मीनू से काफी सीनियर हैं. उसका स्ट्राइकिंग रेट 63 है.

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ओलंपिक के लिए सीनियर खिलाड़ियों का एंट्रेंस 61.22 मीटर होता है. इन दोनों कारणों से मीनू का चयन नहीं हो सका. अब 4 साल बाद ही ओलंपिक में उसकी बारी आएगी. उन्होंने कहा कि मीनू का चयन बीते साल दक्षिण अफ्रीका के कैप्टन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्कूल गेम के लिए हुआ था लेकिन कोरोना वायरस के चलते ट्रायल रद्द हो गया था. यहां परफॉर्मेंस बेहतर होने पर मीनू को वर्ष 2022 में अमेरिका में होने वाले वर्ल्ड एथलेटिक्स में भाग लेने का मौका मिलता लेकिन वहां भी वह चूक गई.

मीनू सोरेन भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के कीर्तिनया गांव के रहने वाले मजदूर मान सिंह की बेटी है. पिता पत्थर तोड़कर घर परिवार चलाते हैं. बता दें कि मीनू सोरेन ने असम के गुवाहाटी में आयोजित 36वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बालिका अंडर 20 वर्ग में सिल्वर पदक जीतकर बिहार का नाम पूरे देश में रोशन किया था.

Last Updated : Jul 17, 2021, 7:58 AM IST
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