भागलपुर: बीते मंगलवार को श्रीनगर के लालबाग में हुए आतंकी हमले (Terrorist Attack in Srinagar) में जगदीशपुर के रहने वाले वीरेंद्र पासवान की मौत (Virendra Paswan died) हो गई थी. मौत के 2 दिन बीत जाने के बाद भी मृतक के परिवार से मिलने के लिए सत्ताधारी दल के नेता और जिला प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा नहीं पहुंचा.
हालांकि तीसरे दिन कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता (Congress Legislature Party Leader) अजीत शर्मा जब पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे. इसकी सूचना मिलने पर बीडीओ तरुण केसरी भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और कहा कि उनके परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी. इस दौरान विधायक अजीत शर्मा (MLA Ajit Sharma) ने पीड़ित परिवार को ढांढस बांधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके साथ है. मुआवजा और वीरेंद्र पासवान के पुत्र को सरकारी नौकरी देने की मांग केंद्र और राज्य सरकार से करेंगे.
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पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे जगदीशपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि तत्काल 20 हजार की धनराशि परिजनों को मुहैया करायी जाएगी. पूरे परिवार का डिटेल्स लिया जा रहा है. यदि राशन कार्ड नहीं होगा तो राशन कार्ड बनवाया जाएगा. विधवा पेंशन का फॉर्म भी भरवाया जाएगा. उनके बच्चे कितने शिक्षित हैं, उसका डिटेल्स लेने के बाद रोजगार को लेकर पहल की जाएगी.
वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने बताया कि वह कल पटना में थे तो उन्हें जानकारी मिली की श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में वीरेंद्र की मौत हुई है. जिसके बाद हम पीड़ित परिजनों से मिलने आए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधिकारी इतने संवेदनहीन हैं कि घटना के 2 दिन बाद भी प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी परिवार का हाल-चाल जानने नहीं आया था. उनके आने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी आए हैं. केंद्र सरकार कहती है कि आतंक को जड़ से मिटा रहे हैं, लेकिन जिस तरह से श्रीनगर में हमले हुआ. इसमें खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल रहा. पीड़ित परिवार को केंद्र सरकार मुआवजा दे और उनके बेटे और बेटियों को सरकारी नौकरी दें.
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मृतक के पुत्र विक्रम कुमार ने बताया कि ढाई साल से पिताजी श्रीनगर में रहकर पानीपुरी बेचकर घर परिवार चलाते थे. हम 6 भाई बहन हैं जिसमें एक बहन की शादी हो गई है. पिताजी परिवार में अकेले कमाने वाले थे और हम सभी भाई-बहन पढ़ाई करते थे. उन्होंने बताया कि उनके परिवार पर 70 हजार रुपये का लोन है.
वहीं, वीरेंद्र पासवान की पत्नी पुतुल देवी ने बताया कि सोमवार को उनके पति ने फोन करके बोले थे कि टिकट कंफर्म हो गया है. दशहरा में घर आएंगे, लेकिन मंगलवार को हमारे देवर ने बताया कि आतंकियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. उनकी मौत से मेरा पूरा परिवार उजड़ गया. बताया कि ढाई साल से श्रीनगर में थे. उसके पहले कोलकाता में रहकर मजदूरी करते थे. मेरे ऊपर जो कर्ज है और तीन बेटियों की शादी का बोझ, उसकी जिम्मेदारी कौन उठाएगा.