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बोले MLA अजीत शर्मा- सुशील मोदी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण, बिहार में संसाधन की नहीं है कोई कमी - भागलपुर

प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद उपमुख्य मंत्री सुशील मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का यह बयान कि बिहार के पास संसाधन की कमी है. जिस वजह से बाहर फंसे मजदूर और स्टूडेंट्स को लाने में सक्षम नहीं है. यह काफी दुर्भाग्य की बात है.

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Published : Apr 30, 2020, 11:29 PM IST

Updated : May 1, 2020, 10:14 AM IST

भागलपुर: प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूर और छात्रों को अपने-अपने राज्य और घर जाने की छूट की घोषणा की है. वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पर्याप्त संसाधन की कमी के कारण राज्य के मजदूरों और छात्रों को वापस नहीं लाने की बात कही है. इससे नाराज कांग्रेस विधायक अजीत शर्मी ने सुशील मोदी पर जमकर तंज कसा है.

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का यह बयान कि बिहार के पास संसाधन की कमी है. जिस वजह से बाहर फंसे मजदूर और स्टूडेंट्स को लाने में सक्षम नहीं है. यह काफी दुर्भाग्य की बात है.

इसके साथ ही अजीत शर्मा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इसी तरह बिहार सरकार राज्य के बाहर फंसे छात्रों और मजदूरों को लाने में आनाकानी करेगी तो जिस तरह से दिल्ली में एक बिहार के रहने वाले छात्र ने आत्महत्या कर ली. उसी तरह और भी आत्महत्याएं होगी. इसलिए सरकार को चाहिए कि बाहर फंसे सभी छात्र, मजदूर और लोगों को वापस ले आए.

देखें रिपोर्ट

बिहार सरकार पर लगाया आरोप

विधायक अजीत शर्मा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के पास लाखों बसे हैं. यदि इच्छा शक्ति होती तो जरूर बाहर फंसे लोगों को लाया जा सकता था. लेकिन बस से बेहतर ट्रेन होगी. ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन हो पाएगा और वहां खाने-पीने की व्यवस्था भी सही तरीके से की जा सकती है. साथ ही स्टेशन पर ट्रेन लगने के बाद वहां से बसों से लोगों को उनके घर तक पहुंचाया जा सकता है. इसे व्यवस्थित तरीके से करने पर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.

केंद्र सरकार से ट्रेन चलने की अपील

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 1 महीने 10 दिन के बाद राज्य के बाहर फंसे छात्र और मजदूरों को घर जाने की घोषणा पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि यह छूट लॉकडाउन लगाने के दौरान भी किया जा सकता था. उस समय ही एक-दो दिन की सभी लोगों को छूट दी जानी चाहिए थी और कहना चाहिए था कि सभी अपने-अपने घर चले जाएं तो यह स्थिति नहीं होती. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि अभी भी प्रधानमंत्री को चाहिए कि दो-तीन दिन के लिए ट्रेनों का परिचालन करवाए. इससे जो जहां फंसे हैं, वो अपने-अपने घर जा सकते हैं.

भागलपुर: प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूर और छात्रों को अपने-अपने राज्य और घर जाने की छूट की घोषणा की है. वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पर्याप्त संसाधन की कमी के कारण राज्य के मजदूरों और छात्रों को वापस नहीं लाने की बात कही है. इससे नाराज कांग्रेस विधायक अजीत शर्मी ने सुशील मोदी पर जमकर तंज कसा है.

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का यह बयान कि बिहार के पास संसाधन की कमी है. जिस वजह से बाहर फंसे मजदूर और स्टूडेंट्स को लाने में सक्षम नहीं है. यह काफी दुर्भाग्य की बात है.

इसके साथ ही अजीत शर्मा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इसी तरह बिहार सरकार राज्य के बाहर फंसे छात्रों और मजदूरों को लाने में आनाकानी करेगी तो जिस तरह से दिल्ली में एक बिहार के रहने वाले छात्र ने आत्महत्या कर ली. उसी तरह और भी आत्महत्याएं होगी. इसलिए सरकार को चाहिए कि बाहर फंसे सभी छात्र, मजदूर और लोगों को वापस ले आए.

देखें रिपोर्ट

बिहार सरकार पर लगाया आरोप

विधायक अजीत शर्मा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के पास लाखों बसे हैं. यदि इच्छा शक्ति होती तो जरूर बाहर फंसे लोगों को लाया जा सकता था. लेकिन बस से बेहतर ट्रेन होगी. ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन हो पाएगा और वहां खाने-पीने की व्यवस्था भी सही तरीके से की जा सकती है. साथ ही स्टेशन पर ट्रेन लगने के बाद वहां से बसों से लोगों को उनके घर तक पहुंचाया जा सकता है. इसे व्यवस्थित तरीके से करने पर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.

केंद्र सरकार से ट्रेन चलने की अपील

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 1 महीने 10 दिन के बाद राज्य के बाहर फंसे छात्र और मजदूरों को घर जाने की घोषणा पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि यह छूट लॉकडाउन लगाने के दौरान भी किया जा सकता था. उस समय ही एक-दो दिन की सभी लोगों को छूट दी जानी चाहिए थी और कहना चाहिए था कि सभी अपने-अपने घर चले जाएं तो यह स्थिति नहीं होती. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि अभी भी प्रधानमंत्री को चाहिए कि दो-तीन दिन के लिए ट्रेनों का परिचालन करवाए. इससे जो जहां फंसे हैं, वो अपने-अपने घर जा सकते हैं.

Last Updated : May 1, 2020, 10:14 AM IST
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