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सृजन घोटाला: आरोपियों पर कसा शिकंजा, अमित और रजनी प्रिया की संपत्ति सील करेगी CBI

Bhagalpur News बिहार के चर्चित सृजन घोटाला में सीबीआई की कार्रवाई जारी है. सीबीआई की टीम ने किंगपिन रही स्वर्गीय मनोरमा देवी के आरोपी बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की संपत्ति पर कोर्ट की ओर से जारी नोटिस चिपका दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 23, 2022, 2:55 PM IST

भागलपुर: बिहार के भागलपुर सृजन घोटाला (Bhagalpur Srijan scam) में कार्रवाई तेज हो गई है. घोटाले के किंगपिन स्वर्गीय मनोरमा देवी के बेटे और बहू की संपत्तियों पर कोर्ट का नोटिस लगाया गया है. गुरुवार को दोनों को कोर्ट में हाजिर होना था लेकिन अदालत में पेश नहीं होने पर यह कार्रवाई की गई है. आरोपियों के मकानों पर नोटिस चस्पा करने से जिले खलबली मच गई है.

यह भी पढ़ेंः सृजन घोटाले में CBI की बड़ी कार्रवाई, भागलपुर से DRDA के निलंबित क्लर्क अरुण कुमार को किया गिरफ्तार

22 दिसंबर को कोर्ट में पेश होना थाः बताया जा रहा है कि 22 दिसंबर को दोनों को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन हाजिर नहीं होने पर सीबीआई की टीम ने तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी में तीन मकानों पर नोटिस चस्पा कर दिया है. घोटाले की मास्टरमाइंड मनोरमा देवी थी. जिनका साल 2017 में निधन हो गया. मनोरमा देवी की मौत के बाद उनकी बहू प्रिया और बेटा अमित कुमार सूत्रधार बने. रजनी प्रिया सृजन महिला विकास समिति की सचिव हैं. दोनों घोटाले से जुड़े कई मामलों में फरार चल रहे हैं.

अब तक 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिलः बता दें कि सृजन घोटाला मामले में पहले ही 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी अपने स्‍तर पर जांच कर रहा है. सीबीआई की विशेष अदालत ने जिन 9 आरोपियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. उनमें कई अब तक फरार हैं. गुरुवार को घोटाले मामले में अमित और रजनी प्रिया को कोर्ट में हाजिर होना था लेकिन नहीं हुए.

''अमित कुमार और रजनी प्रिया के खिलाफ कोर्ट की कार्रवाई है. हमने घर के बाहर चिपका दिया है. साथ ही लोगों से अपील भी है, कि इनके बारे में जो कोई भी जानकारी मिले हमें (स्थानीय पुलिस या सीबीआई) सूचित करें. इसके बाद में अगर दोनों कोर्ट में नहीं प्रस्तुत नहीं होते है तो 83 की कार्रवाई होगी'' - पुलिस अधिकारी

क्या है सृजन घोटालाः बैंक की प्रतिक्रिया से डीएम हैरान रह गए, क्योंकि उनको जानकारी थी कि सरकारी खाते में पर्याप्त पैसे हैं. इसके बाद उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी. कमेटी की जांच में इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा स्थित सरकारी ख़ातों में पैसे नहीं होने की पुष्टि हुई. इसके बाद कलेक्‍टर ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी. इसका नाम ‘सृजन घोटाला’ इस कारण पड़ा क्योंकि कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय ख़ातों में न जाकर या वहां से निकालकर ‘सृजन महिला विकास सहयोग समिति’ नाम के एनजीओ के 6 बैंक ख़ातों में ट्रांसफ़र कर दी जाती थी.

भागलपुर: बिहार के भागलपुर सृजन घोटाला (Bhagalpur Srijan scam) में कार्रवाई तेज हो गई है. घोटाले के किंगपिन स्वर्गीय मनोरमा देवी के बेटे और बहू की संपत्तियों पर कोर्ट का नोटिस लगाया गया है. गुरुवार को दोनों को कोर्ट में हाजिर होना था लेकिन अदालत में पेश नहीं होने पर यह कार्रवाई की गई है. आरोपियों के मकानों पर नोटिस चस्पा करने से जिले खलबली मच गई है.

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22 दिसंबर को कोर्ट में पेश होना थाः बताया जा रहा है कि 22 दिसंबर को दोनों को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन हाजिर नहीं होने पर सीबीआई की टीम ने तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी में तीन मकानों पर नोटिस चस्पा कर दिया है. घोटाले की मास्टरमाइंड मनोरमा देवी थी. जिनका साल 2017 में निधन हो गया. मनोरमा देवी की मौत के बाद उनकी बहू प्रिया और बेटा अमित कुमार सूत्रधार बने. रजनी प्रिया सृजन महिला विकास समिति की सचिव हैं. दोनों घोटाले से जुड़े कई मामलों में फरार चल रहे हैं.

अब तक 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिलः बता दें कि सृजन घोटाला मामले में पहले ही 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी अपने स्‍तर पर जांच कर रहा है. सीबीआई की विशेष अदालत ने जिन 9 आरोपियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. उनमें कई अब तक फरार हैं. गुरुवार को घोटाले मामले में अमित और रजनी प्रिया को कोर्ट में हाजिर होना था लेकिन नहीं हुए.

''अमित कुमार और रजनी प्रिया के खिलाफ कोर्ट की कार्रवाई है. हमने घर के बाहर चिपका दिया है. साथ ही लोगों से अपील भी है, कि इनके बारे में जो कोई भी जानकारी मिले हमें (स्थानीय पुलिस या सीबीआई) सूचित करें. इसके बाद में अगर दोनों कोर्ट में नहीं प्रस्तुत नहीं होते है तो 83 की कार्रवाई होगी'' - पुलिस अधिकारी

क्या है सृजन घोटालाः बैंक की प्रतिक्रिया से डीएम हैरान रह गए, क्योंकि उनको जानकारी थी कि सरकारी खाते में पर्याप्त पैसे हैं. इसके बाद उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी. कमेटी की जांच में इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा स्थित सरकारी ख़ातों में पैसे नहीं होने की पुष्टि हुई. इसके बाद कलेक्‍टर ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी. इसका नाम ‘सृजन घोटाला’ इस कारण पड़ा क्योंकि कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय ख़ातों में न जाकर या वहां से निकालकर ‘सृजन महिला विकास सहयोग समिति’ नाम के एनजीओ के 6 बैंक ख़ातों में ट्रांसफ़र कर दी जाती थी.

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