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भागलपुर के तेलौधा पंचायत में नहीं हुआ विकास कार्य, जनता ने वोट से चोट करने की कही बात - सनहौला प्रखंड में विकास कार्य ठप

भागलपुर के तेलौधा पंचायत के ग्रामीण विकास कार्य न होने से काफी नाराज हैं. ग्रामीणों ने इस बार पंचायत चुनाव में प्रतिनिधि के खिलाफ वोट से चोट करने की बात कही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

वपी
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Published : Sep 18, 2021, 2:05 PM IST

भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले में भी चुनावी (Bihar Panchayat Election 2021) पारा धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. भागलपुर के सनौली प्रखंड में नामांकन प्रक्रिया (Panchayat Chunav Nomination) 16 सितंबर से शुरू हो गई है. वहीं, प्रत्याशियों के हार और जीत की चर्चा अभी से ही होने लगी है. इस वर्ष मतदाता काम नहीं करने वाले वर्तमान प्रतिनिधि के खिलाफ वोट से चोट करने वाले हैं.

इसे भी पढ़ें: चुनाव आते ही परेशान हुए इस पंचायत के लोग, साजिश रचने और अवैध वसूली का लगाया आरोप

ईटीवी भारत की टीम सनहौला प्रखंड में चुनावी सरगर्मी की हकीकत जानने पहुंची. जहां टीम ने तेलौधा पंचायत (Telaudha Panchayat In Bhagalpur) के लोगों से किए गए काम के बारे में जानकारी ली. वहां पाया गया कि वर्तमान मुखिया के काम से जनता काफी नाराज है. जनता अपनी-अपनी नाराजगी का बदला 29 सितंबर को मतदान के दिन लेने को कह रही है.

देखें रिपोर्ट.
ये भी पढ़ें: पंचायत चुनाव को लेकर कटिहार SP का एक्शन, बदले गये बंगाल सीमा से सटे इलाके के थानाध्यक्ष

पंचायत के वार्ड नंबर-3 के रहने वाले रतन मिश्रा ने बताया कि गली-नाली पक्की योजना से बने नाला गुणवत्तापूर्ण नहीं है. नाले की गहराई कम होने की वजह से पानी नहीं निकल पाता है. उन्होंने कहा कि पानी नाले में जमा रहने की वजह से दुर्गंध फैल रहा है. उस दुर्गंध से आसपास के घरों में रहने वाले लोग सांस संबंधित बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं.

'दुर्भाग्य है कि मेरा घर वार्ड नंबर-1में है. मतदान वार्ड नंबर-3 में करने जाना पड़ता है. मेरे घर के चारों तरफ वार्ड नंबर-1 के लोग रहते हैं. मैं बीच में अकेले वार्ड नंबर-3 में रहता हूं. इस वजह से मुझे हर-घर-नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल पाया. मेरे घर से वार्ड नंबर- 3 काफी दूर है.' -रतन मिश्रा, स्थानीय

'जब से होश संभाले हैं तब से हम अपने घर के आगे मुख्य सड़क का हाल जस का तस देख रहे हैं. घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. सड़क चलने लायक नहीं है. बारिश के दिनों में सड़क पर पानी लबालब भर जाता है. जिस वजह से सड़क कीचड़-कीचड़ हो जाता है. इस सड़क का निर्माण करीब 40 वर्षों से नहीं हुआ है. जबकि यह पंचायत का हेड ऑफिस है.' -नीलकांत मिश्रा, स्थानीय

नीलकांत मिश्रा ने बताया कि पंचायत में गली-गली काम हुआ है. लेकिन मुख्य सड़क पर काम नहीं हुआ है. इस सड़क पर कोई पदाधिकारी भी ध्यान नहीं देते हैं. कागज पर बिल पास कर चले जाते हैं. जिसके बाद झेलना गांव वालों को पड़ता है. कच्चा सड़क होने से सभी कार्य करने में परेशानी होती है. लेकिन कोई सुध लेने वाला ही नहीं है.

'सभी चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करते आए हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि मेरे घर के आगे सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. मैंने जब से होश संभाला है, तब से इस सड़क की दुर्दशा ऐसी ही है. गांव में काफी बदलाव हुए लेकिन मेरे घर के आगे सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. मैं आशान्वित हूं. एक दिन मेरे घर के आगे जरूर सड़क का निर्माण होगा. वोट देना बंद नहीं करेंगे. वोट देना हम सभी का अधिकार और कर्तव्य है. मैं अपने जैसे और अपने से छोटे सभी लोगों से कहता हूं मतदान जरूर करें.' -उमाकांत मिश्रा, स्थानीय

पंचायत के मुखिया शिव कुमार साह ने कहा कि वे जब से मुखिया बने हैं, तब से पंचायत में रोड, नाला, समुदायिक भवन का निर्माण कराया जा रहा है. पंचायत के 700 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है. पंचायत के 14 वार्ड में 19 जगहों पर नल जल योजना का काम कराया गया है. उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में सबसे महत्वपूर्ण काम 1200 फिट का सड़क निर्माण कराया गया.

पंचायत के नया टोला से झारखंड को जोड़ने वाली एक सड़क है. इस सड़क से पंचायत के अलावा आसपास के दर्जनों पंचायत के लोगों को लाभ मिल रहा है. यहां रहने वाले लोगों को महागामा, पीरपैंती और गोड्डा जाना आसान हुआ है. उन्होंने कहा कि पंचायत के पकड़िया में मनरेगा योजना के तहत दो सड़क का निर्माण कराया गया है. मनरेगा योजना से चेक डैम बनवाया गया है. बांध का खुदाई करवाया गया है. जिससे कि सैकड़ों एकड़ भूमि को सिंचाई में मदद मिल रही है.

'पंचायत में मनरेगा योजना के अधिक से अधिक पौधारोपण करवाया गया है. जिसमें सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है. मेरे कार्यकाल में जितना सरकार के माध्यम से फंड आया सभी का उपयोग पंचायत के विकास में किया गया है. जहां भी काम बाकी रह गया है, वे सभी कार्य कराए जाएंगे. पंचायत में डिजिटाइजेशन भी हुआ है. बहुत जल्द ही इसका लाभ लोगों को मिलेगा.' -शिव कुमार साह, मुखिया, तेलौधा पंचायत

मुखिया ने कहा कि वह पहली बार निर्वाचित हुए थे. इसलिए सिस्टम को समझने में वक्त लगा. जब सिस्टम को समझ लिया और काम शुरू किया, तो बीच में कोरोना के कारण काम बाधित हुआ. इस बार यदि वे निर्वाचित होते हैं, तो जनता के विश्वास पर खरा उतरते हुए काम को पूरा करेंगे.


बता दें कि तेलौधा पंचायत में नामांकन की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू हो गई है, जो 21 सितंबर तक चलेगी. स्कूटनी 25 सितंबर को होगी नाम वापसी प्रक्रिया 27 सितंबर को होनी है. मतदान 29 सितंबर को और मतगणना 10 या 11 अक्टूबर को होगा. यहां 8,928 मतदाता में से पुरुष मतदाता 4,172 हैं, जबकि महिला मतदाता 3,856 हैं.

भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले में भी चुनावी (Bihar Panchayat Election 2021) पारा धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. भागलपुर के सनौली प्रखंड में नामांकन प्रक्रिया (Panchayat Chunav Nomination) 16 सितंबर से शुरू हो गई है. वहीं, प्रत्याशियों के हार और जीत की चर्चा अभी से ही होने लगी है. इस वर्ष मतदाता काम नहीं करने वाले वर्तमान प्रतिनिधि के खिलाफ वोट से चोट करने वाले हैं.

इसे भी पढ़ें: चुनाव आते ही परेशान हुए इस पंचायत के लोग, साजिश रचने और अवैध वसूली का लगाया आरोप

ईटीवी भारत की टीम सनहौला प्रखंड में चुनावी सरगर्मी की हकीकत जानने पहुंची. जहां टीम ने तेलौधा पंचायत (Telaudha Panchayat In Bhagalpur) के लोगों से किए गए काम के बारे में जानकारी ली. वहां पाया गया कि वर्तमान मुखिया के काम से जनता काफी नाराज है. जनता अपनी-अपनी नाराजगी का बदला 29 सितंबर को मतदान के दिन लेने को कह रही है.

देखें रिपोर्ट.
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पंचायत के वार्ड नंबर-3 के रहने वाले रतन मिश्रा ने बताया कि गली-नाली पक्की योजना से बने नाला गुणवत्तापूर्ण नहीं है. नाले की गहराई कम होने की वजह से पानी नहीं निकल पाता है. उन्होंने कहा कि पानी नाले में जमा रहने की वजह से दुर्गंध फैल रहा है. उस दुर्गंध से आसपास के घरों में रहने वाले लोग सांस संबंधित बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं.

'दुर्भाग्य है कि मेरा घर वार्ड नंबर-1में है. मतदान वार्ड नंबर-3 में करने जाना पड़ता है. मेरे घर के चारों तरफ वार्ड नंबर-1 के लोग रहते हैं. मैं बीच में अकेले वार्ड नंबर-3 में रहता हूं. इस वजह से मुझे हर-घर-नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल पाया. मेरे घर से वार्ड नंबर- 3 काफी दूर है.' -रतन मिश्रा, स्थानीय

'जब से होश संभाले हैं तब से हम अपने घर के आगे मुख्य सड़क का हाल जस का तस देख रहे हैं. घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. सड़क चलने लायक नहीं है. बारिश के दिनों में सड़क पर पानी लबालब भर जाता है. जिस वजह से सड़क कीचड़-कीचड़ हो जाता है. इस सड़क का निर्माण करीब 40 वर्षों से नहीं हुआ है. जबकि यह पंचायत का हेड ऑफिस है.' -नीलकांत मिश्रा, स्थानीय

नीलकांत मिश्रा ने बताया कि पंचायत में गली-गली काम हुआ है. लेकिन मुख्य सड़क पर काम नहीं हुआ है. इस सड़क पर कोई पदाधिकारी भी ध्यान नहीं देते हैं. कागज पर बिल पास कर चले जाते हैं. जिसके बाद झेलना गांव वालों को पड़ता है. कच्चा सड़क होने से सभी कार्य करने में परेशानी होती है. लेकिन कोई सुध लेने वाला ही नहीं है.

'सभी चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करते आए हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि मेरे घर के आगे सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. मैंने जब से होश संभाला है, तब से इस सड़क की दुर्दशा ऐसी ही है. गांव में काफी बदलाव हुए लेकिन मेरे घर के आगे सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. मैं आशान्वित हूं. एक दिन मेरे घर के आगे जरूर सड़क का निर्माण होगा. वोट देना बंद नहीं करेंगे. वोट देना हम सभी का अधिकार और कर्तव्य है. मैं अपने जैसे और अपने से छोटे सभी लोगों से कहता हूं मतदान जरूर करें.' -उमाकांत मिश्रा, स्थानीय

पंचायत के मुखिया शिव कुमार साह ने कहा कि वे जब से मुखिया बने हैं, तब से पंचायत में रोड, नाला, समुदायिक भवन का निर्माण कराया जा रहा है. पंचायत के 700 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है. पंचायत के 14 वार्ड में 19 जगहों पर नल जल योजना का काम कराया गया है. उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में सबसे महत्वपूर्ण काम 1200 फिट का सड़क निर्माण कराया गया.

पंचायत के नया टोला से झारखंड को जोड़ने वाली एक सड़क है. इस सड़क से पंचायत के अलावा आसपास के दर्जनों पंचायत के लोगों को लाभ मिल रहा है. यहां रहने वाले लोगों को महागामा, पीरपैंती और गोड्डा जाना आसान हुआ है. उन्होंने कहा कि पंचायत के पकड़िया में मनरेगा योजना के तहत दो सड़क का निर्माण कराया गया है. मनरेगा योजना से चेक डैम बनवाया गया है. बांध का खुदाई करवाया गया है. जिससे कि सैकड़ों एकड़ भूमि को सिंचाई में मदद मिल रही है.

'पंचायत में मनरेगा योजना के अधिक से अधिक पौधारोपण करवाया गया है. जिसमें सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है. मेरे कार्यकाल में जितना सरकार के माध्यम से फंड आया सभी का उपयोग पंचायत के विकास में किया गया है. जहां भी काम बाकी रह गया है, वे सभी कार्य कराए जाएंगे. पंचायत में डिजिटाइजेशन भी हुआ है. बहुत जल्द ही इसका लाभ लोगों को मिलेगा.' -शिव कुमार साह, मुखिया, तेलौधा पंचायत

मुखिया ने कहा कि वह पहली बार निर्वाचित हुए थे. इसलिए सिस्टम को समझने में वक्त लगा. जब सिस्टम को समझ लिया और काम शुरू किया, तो बीच में कोरोना के कारण काम बाधित हुआ. इस बार यदि वे निर्वाचित होते हैं, तो जनता के विश्वास पर खरा उतरते हुए काम को पूरा करेंगे.


बता दें कि तेलौधा पंचायत में नामांकन की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू हो गई है, जो 21 सितंबर तक चलेगी. स्कूटनी 25 सितंबर को होगी नाम वापसी प्रक्रिया 27 सितंबर को होनी है. मतदान 29 सितंबर को और मतगणना 10 या 11 अक्टूबर को होगा. यहां 8,928 मतदाता में से पुरुष मतदाता 4,172 हैं, जबकि महिला मतदाता 3,856 हैं.

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