भागलपुरः कहते हैं कि इरादे अगर नेक हों तो अपकी कोशिश एक दिन रंग जरूर लाती है. भागलपुर के युवा राकेश ने एक ऐसी क्रिकेट पिच बनाने की तैयारी कर ली है, जहां एक ही मैदान पर मिनटों में दूसरी पिच बदल जाएगी. 'पावरप्ले ओवर' के तर्ज पर 'पावर पिच प्ले ओवर' जल्द ही क्रिकेट के मैदान पर देखने को मिलेगा. राकेश ने इस मॉर्डन पिच का मॉडल तैयार कर लिया है, जिसका पेटेंट भी हो चुका है.
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2016 में शुरू किया मॉडल पर कामः क्रिकेट की दुनिया में बड़ी क्रांति लाने के लिए भागलपुर के राकेश प्रियदर्शी सालों से लगे हुए हैं. पावर पिच प्ले ओवर तैयार करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. दरअसल पहले खिलाड़ी पावर प्ले ओवर लेते थे, लेकिन अब वह पावर पिच प्ले ओवर भी ले सकेंगे. जिसमें पिच मिनटों में चेंज हो जाएगा. अब एक ही दिन में मैदान में कई तरह के पिच पर प्लेयर खेल सकेंगे. इस प्रोजेक्ट पर राकेश प्रियदर्शी ने 2016 में काम करना शुरू किया था, जो मॉडल अब पूरी तरह तैयार हो गया. है उनके प्रोजेक्ट को भारत सरकार के पेटेंट विभाग ने इसी साल 25 जनवरी में मंजूरी भी दे दी है.
आईआईटी पटना भी कर रहा सहयोगः राकेश बताते हैं कि आईआईटी पटना जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर सहयोग करना शुरू कर देगी. इसमें केंद्र सरकार के निधि ईआईआर के सहयोग से मॉडल बनाने के लिए फंड भी मुहैया कराया जा रहा है, अपने इस आइडिया को पेटेंट करने के बाद राकेश इस प्रोजेक्ट में पूरी तरह से लग गए हैं. दरअसल राकेश एक अच्छे क्रिकेटर खिलाड़ी भी हैं.
"इस मॉडल में मैदान के बीच वाले स्थान पर जमीन के नीचे एक बड़ा रोलर रोलर लगा रहेगा. जिसके चारों तरफ अलग-अलग पिच बने रहेंगे. जैसे ही रोलर घूमेगा यह पिच बदल जाएगा. इस मॉडल को लेकर दुनिया के विभिन्न जगहों की मिट्टी को लाकर बेहतरीन पिच बनाया जा सकता है. खेल के दौरान अगर पिच खराब हो जाए तो उसे बदला भी जा सकता है"- राकेश प्रियदर्शी. मॉर्डन पिच अविष्कारक
मिनटों में मिलेगा खिलाड़ियों को मनपसंद पिचः इस मॉडल के सक्सेस होने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा और क्रिकेट के लिए एक नई चीज होगी. इस मॉडल में सबसे बड़ी खासियत यह है कि जिस देश का पिच चाहिए उस देश की मिट्टी से बनाया हुआ पिच आपको मिनटों में मिलेगा. जिस पर क्रिकेटर खेल पाएंगे. आपको बता दें कि राकेश के इस मॉडल की कई विभागों ने काफी तारीफ की है.
प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए मिले दस लाख रुपयेः राकेश प्रियदर्शी भागलपुर नाथनगर के रहने वाले हैं. राकेश के पिता विजय प्रसाद यादव सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर हैं और मां माता नीलम देवी ग्रहणी हैं. वो महिला शांतिदूत की प्रमुख भी हैं राकेश के परिवार वाले भी अन्हें इस काम में भरपूर सहयोग कर रहे हैं. राकेश के इस प्रोजेक्ट से प्रभावित होकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने उन्हें 30 हजार रुपये प्रति माह देने की बात कही है. साथ ही प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए दस लाख रुपये भी दिए गए हैं.