भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले में सोमवार को राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन के बैनर तले जिले की रसोइयों ने जिलाधिकारी गेट के सामने एक दिवसीय धरना का आयोजन किया. संगठन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बिहार प्रदेश प्रभारी उमाशंकर प्रसाद के नेतृत्व में जिले के 16 प्रखंडों से पहुंची सैकड़ों रसोइयों ने आक्रोश जुलूस निकाला. इस दौरान नीतीश कुमार के खिलाफ 'नीतीश कुमार का बेटा तोता है मेरा बेटा रोता है' और '2 हजार में दम नहीं 10 हजार कम नहीं' जैसे नारे लगाये.
वोट बहिष्कार की चेतावनीः सैंडिस कंपाउंड से आक्रोश जुलूस निकालकर डीएम कार्यालय होते हुए कचहरी चौक पर समापन किया गया. इस दौरान जुलूस में शामिल महिलाओं ने बताया कि उन लोगों का मानदेय 1500 रुपया है. इससे परिवार नहीं चल पाता है. रसोइयाओं ने सरकार इसको बढ़ाकर 10 हजार करने की मांग की. इस दौरान नीतीश सरकार पर हमला भी बोला. साथ ही चेतावनी दी कि अगर उन लोगों की मांग पूरी नहीं की जाती है तो वोट का बहिष्कार किया जाएगा.
रसोइया का आर्थिक शोषणः संगठन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश प्रभारी उमाशंकर प्रसाद ने कहा कि वर्तमान में रसोइयों की हालत बद से बदतर हो गई है. क्योंकि महंगाई के अनुपात में मानदेय बहुत कम है. जिसके कारण रसोइया भुखमरी का शिकार हो रही हैं. सरकार महिला सशक्तीकरण का ढोल पीट रही है. यहां मध्याह्न भोजन में महिलाओं का आर्थिक शोषण हो रहा है. इन्हें उचित सम्मान नहीं मिल है.
"संगठन ने 2 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया है. अगर नीतीश सरकार हम लोगों की मांग पूरी नहीं करती है तो 8 नवंबर को सभी रसोइया गर्दनीबाग पटना में 'रसोइयों की भुखमरी मिटाओ-अधिकार दिलाओ' महाधरना का आयोजन किया जाएगा".- उमाशंकर प्रसाद, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश प्रभारी, रसोइया संघ
इसे भी पढ़ेंः PDS Shopkeeper Protest: 'सरकार हमारा मानदेय 30 हजार तय करे, नहीं तो एक दिसंबर से करेंगे हड़ताल'