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भागलपुर विधायक अजीत शर्मा सहित 7 दोषी को कोर्ट ने सुनाई सजा, जानिए क्या है मामला

बिहार के भागलपुर विधायक अजीत शर्मा को एक साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही सात अन्य अभियुक्तों को भी सजा के साथ-साथ आर्थिक जुर्माना लगाया गया है. अजीत शर्मा पर चुनाव कार्य बाधित करने का आरोप था. पढ़ें पूरी खबर...

भागलपुर विधायक अजीत शर्मा
भागलपुर विधायक अजीत शर्मा
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Published : Jan 5, 2023, 8:40 PM IST

भागलपुरः बिहार के भागलपुर विधायक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई (Action against Bhagalpur MLA Ajit Sharma) की गई है. कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कुछ लोगों के साथ लोकसभा चुनाव कार्य बाधित करने का काम किया था. इसी मामले में भागलपुर एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह की अदालत ने सजा सुनाई है. मामले में भागलपुर विधायक अजीत शर्मा सहित सात दोषी को एक साल की सजा सुनाई गई. साथ ही सभी को आर्थिक जुर्माना लगाया गया है.

यह भी पढ़ेंः हम प्रवक्ता दानिश रिजवान आरा कोर्ट के बाहर गिरफ्तार, ट्रांजिट रिमांड पर रांची लेकर जाएगी झारखंड पुलिस

4 जनवरी को सुनाई सजाः भागलपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने 4 जनवरी को यह सजा सुनाई. मामला इसाकचक थाना क्षेत्र के 3 नवंबर 2020 का है. कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कुछ लोगों के साथ चुनाव कार्य बाधित किया था. इसको लेकर थाने में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा समेत सात लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. निर्वाचन कार्य में बाधा पहुंचाने, सेक्टर पदाधिकारी तथा पुलिस टीम के समर्थकों के साथ घेराबंदी करने और पदाधिकारियों से बहस करने का आरोप है.

बांड भराकर मुक्त कियाः विधायक अजीत शर्मा के अलावा मो. रियाज उल्लाह अंसारी, मो. इरफान खान उर्फ पिंटू, मो. नियाज उद्दीन, मो. मंजर उद्दीन उर्फ चुनना, मो. शफकत उल्लाह, मो. नियाज उल्ला उर्फ आजाद हैं. हालांकि अभी सभी अभियुक्तों को भागलपुर न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह ने सजा के बाद बांड भराकर मुक्त कर दिया है. सरकार की तरफ से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बहस में भाग लिया था.

नेता और कार्यकर्ताओं में खलबलीः कोर्ट ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 353 के तहत अजीत शर्मा समेत सात अभियुक्तों को एक साल की साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं विशेष न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 341 में 15 दिनों की साधारण कारावास और 250 रुपये जुर्माना लगाया है. इस सजा में डिफॉल्ट होने पर 500 रुपये का अधिक जुर्माना देना होगा. बता दें इस कार्रवाई से भागलपुर के नेता और कार्यकर्ताओं में खलबली मच गई है.

विधानसभा चुनाव का मामलाः विधानसभा चुनाव 2020 (Assembly elections 2020) में विधायक अजीत शर्मा पूरी जमात लेकर एक साथ शाम के 4:30 पदाधिकारियों का घेराव किया था. अजीत शर्मा ने चलंत मतदान केंद्र के साथ चल रहे दंडाधिकारी वाल्मीकि कुमार से तू-तू मैं-मैं की थी. अजीत शर्मा का यह कहना था कि उनकी गाड़ी में ईवीएम मशीन कैसे रखी हुई है. दंडाधिकारी वाल्मीकि कुमार ने उन्हें समझाने का प्रयास किया था कि आकस्मिक सेवा के लिए ईवीएम मशीन रखी है. इसके बाद प्रत्याशी अजीत शर्मा समेत कई लोग काफी हंगामा करने लगे थे. इस मामले में विधायक सहित सात लोगों पर मामला दर्ज कराया गया था.

भागलपुरः बिहार के भागलपुर विधायक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई (Action against Bhagalpur MLA Ajit Sharma) की गई है. कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कुछ लोगों के साथ लोकसभा चुनाव कार्य बाधित करने का काम किया था. इसी मामले में भागलपुर एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह की अदालत ने सजा सुनाई है. मामले में भागलपुर विधायक अजीत शर्मा सहित सात दोषी को एक साल की सजा सुनाई गई. साथ ही सभी को आर्थिक जुर्माना लगाया गया है.

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4 जनवरी को सुनाई सजाः भागलपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने 4 जनवरी को यह सजा सुनाई. मामला इसाकचक थाना क्षेत्र के 3 नवंबर 2020 का है. कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कुछ लोगों के साथ चुनाव कार्य बाधित किया था. इसको लेकर थाने में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा समेत सात लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. निर्वाचन कार्य में बाधा पहुंचाने, सेक्टर पदाधिकारी तथा पुलिस टीम के समर्थकों के साथ घेराबंदी करने और पदाधिकारियों से बहस करने का आरोप है.

बांड भराकर मुक्त कियाः विधायक अजीत शर्मा के अलावा मो. रियाज उल्लाह अंसारी, मो. इरफान खान उर्फ पिंटू, मो. नियाज उद्दीन, मो. मंजर उद्दीन उर्फ चुनना, मो. शफकत उल्लाह, मो. नियाज उल्ला उर्फ आजाद हैं. हालांकि अभी सभी अभियुक्तों को भागलपुर न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह ने सजा के बाद बांड भराकर मुक्त कर दिया है. सरकार की तरफ से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बहस में भाग लिया था.

नेता और कार्यकर्ताओं में खलबलीः कोर्ट ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 353 के तहत अजीत शर्मा समेत सात अभियुक्तों को एक साल की साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं विशेष न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 341 में 15 दिनों की साधारण कारावास और 250 रुपये जुर्माना लगाया है. इस सजा में डिफॉल्ट होने पर 500 रुपये का अधिक जुर्माना देना होगा. बता दें इस कार्रवाई से भागलपुर के नेता और कार्यकर्ताओं में खलबली मच गई है.

विधानसभा चुनाव का मामलाः विधानसभा चुनाव 2020 (Assembly elections 2020) में विधायक अजीत शर्मा पूरी जमात लेकर एक साथ शाम के 4:30 पदाधिकारियों का घेराव किया था. अजीत शर्मा ने चलंत मतदान केंद्र के साथ चल रहे दंडाधिकारी वाल्मीकि कुमार से तू-तू मैं-मैं की थी. अजीत शर्मा का यह कहना था कि उनकी गाड़ी में ईवीएम मशीन कैसे रखी हुई है. दंडाधिकारी वाल्मीकि कुमार ने उन्हें समझाने का प्रयास किया था कि आकस्मिक सेवा के लिए ईवीएम मशीन रखी है. इसके बाद प्रत्याशी अजीत शर्मा समेत कई लोग काफी हंगामा करने लगे थे. इस मामले में विधायक सहित सात लोगों पर मामला दर्ज कराया गया था.

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