भागलपुर: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले (srijan scam in bhagalpur) के एक मामले में पटना स्थित सीबीआई के एक विशेष अदालत का आदेश आया है. आदेश के बाद तत्कालीन बैंक प्रबंधक को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद जेल भेज दिया गया है. दरअसल सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन प्रबंधक आनंद चंद्र गोरई को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उन्हें ट्रांजिट रिमांड के आधार पर पटना सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के अदालत में पेश किया था. जहां आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद अदालत ने 2 दिसंबर तक के लिए जेल भेजने का आदेश दिया गया था.
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भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ भी वारंट जारी: भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी केपी रमैया के हस्ताक्षर से आरबीआई के अनुमति लिए बिना बैंक खाते खोले गए और फिर उन खातों के माध्यम से सृजन संस्थानों के खाते से करोड़ो का स्थानांतरण किया गया. इसमें सीबीआई ने मामले को प्राथमिकता 14 /2017 के रूप में दर्ज करने के बाद 28 लोगों के खिलाफ 18 मार्च 2020 को आरोप पत्र जारी किया था. समन के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण केपी रमैया समेत 10 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था.
जिलाधिकारी समेत 7 आरोपी फरार: इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी केपी रमैया समेत सात आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं. गौरतलब है कि भागलपुर के महिला सशक्तिकरण एवं शुद्धिकरण की विभिन्न सरकारी योजनाओं की राशि का एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत बैंक कर्मियों की मिलीभगत से विजय नामक स्वयंसेवी संस्थान के माध्यम से धोखाधड़ी एवं जालसाजी किया गया था.
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