भागलपुर: जिले में अलग-अलग जगहों से क्वारंटीन सेंटर में हंगामे की खबरें लगातार आ रही हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से कोई विशेष पहल नहीं की जा रही है. पहल की बात तो छोड़िए सरकार क्वारंटीन सेंटर में रहने की अवधि घटाने पर भी विचार कर रही है.
क्वारंटीन सेंटर में हैं 20 हजार से ज्यादा प्रवासी
जिलेभर में कुल मिलाकर लगभग 300 के आसपास क्वारंटीन सेंटर चलाए जा रहे हैं. इसमें करीब 20 हजार से ज्यादा प्रवासी रह रहे हैं. 14 दिन की अवधि समाप्त होने पर सभी लोगों को अपने-अपने घर भेजा जा रहा है. ज्यादातर क्वारंटीन सेंटर को स्थानीय ठेके पर दे दिया गया है. जिले के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत पीटीसी नगरपारा में अनुमंडलीय पदाधिकारी मुकेश कुमार और प्रखंड विकास पदाधिकारी ने प्रवासी मजदूरों को रहने के लिए जो क्वारंटीन सेंटर बनाया गया था, वह भी एक निजी ठेकेदार के हाथों सौंप दिया गया. बसर्ते, ठेकेदार को हर एक सेंटर पर समुचित व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया गया है. लेकिन, नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत पीटीसी में समुचित व्यवस्था नहीं मिलने से क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों ने हंगामा कर दिया है.
भूख हड़ताल पर क्वारंटीन सेंटर के कर्मचारी
दरअसल, क्वारंटीन सेंटर के ठेकेदार नीरज को प्रखंड विकास पदाधिकारी ने सही समय पर खर्च की गई राशि का भुगतान नहीं किया. जिसके कारण उन्होंने क्वारंटीन सेंटर में काम कर रहे कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया. वेतन नहीं मिलने के कारण रसोईया, सफाई कर्मी और खाना खिलाने वालों ने भूख हड़ताल कर दिया है. सभी का कहना है कि हम लोग इस भयंकर महामारी में दिन-रात कोरोना संदिग्ध मरीजों के बीच रहते हैं. हमें पता नहीं होता कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं. बस हम उनकी सेवा करते हैं. सही समय पर खाना बनाते हैं. खाना खिलाते हैं. लेकिन, जब हमें पैसा नहीं मिलेगा तो घर का चूल्हा कैसे जलेगा?
भूख हड़ताल को देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी नारायणपुर ने फोन कर ठेकेदार को बुलाकर डेढ़ लाख का चेक दिया है और कहा है कि सारी राशि आ गई है. लेकिन अभी वितरण नहीं किया गया है. जल्द ही खर्च की गई सारी राशि दे दी जाएगी.