भागलपुर: जिले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. भागलपुर, कहलगांव और नवगछिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिले के 16 ब्लॉक के 64 पंचायत के करीब 250 गांव पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला प्रशासन ने राहत शिविर लगाने के दावे किऐ हैं, लेकिन उसका असर नहीं दिख रहा है.
भागलपुर नगर निगम के कई सरकारी स्कूल बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. बाढ़ की वजह से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, जिसमें 30 हजार पशु भी बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के प्रतिनिधि और पीड़ित डीएम से मिलने आ रहे हैं. डीएम से मिलकर उन्होंने जल्द से जल्द राहत मुहैया कराने की मांग की है.
सड़क पर गुजारा कर रहे हैं लोग
नाथनगर के प्राथमिक विद्यालय लालूचक, सीएमएस स्कूल, मध्य विद्यालय उपकार छठ घाट, प्राथमिक विद्यालय दिलदार, पूर्व मध्य विद्यालय बैरिया समेत कई स्कूल पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ प्रभावित बबीता देवी हाथ में आवेदन लिए हुए डीएम से मिलने पहुंची थी. उन्होंने बताया कि वह सबौर प्रखंड की रहने वाली हैं और उनका गांव पूरी तरह से पानी में डूब गया है. गांव वाले बेघर हो गए हैं. मजबूरन लोगों को सड़क पर ही गुजारा करना पड़ रहा है. वहीं, प्रशासन की तरफ से अभी तक उनके गांव में कोई भी राहत नहीं पहुंचाई गई है. लगातार हो रही बारिश के कारण और तकलीफ बढ़ गई है.
बाढ़ पीड़ितों ने की राहत शिविर की मांग
पिरपैंती विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामविलास पासवान भी बाढ़ प्रभावित परिवार को राहत मुहैया कराने को लेकर जिलाधिकारी से मिले. उन्होंने डीएम से मिलकर पिरपैंती क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत शिविर की मांग की है. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र के करीब 20 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं. वहां रह रहे परिवार के लिए खाने की व्यवस्था कराई जाए. पिरपैंती विधानसभा क्षेत्र हर साल बाढ़ की मार झेलता है. लेकिन इसके बाद भी अधिकारी इस मामले पर गौर नहीं करते.
बाढ़ से प्रभावित इलाकों में 5 राहत कैंप
विधायक ने कहा कि 2 महीने पहले बैठक हुई थी. जिसमें उच्च अधिकारी की ओर से जिला प्रशासन को बाढ़ से पहले सारी तैयारी कर लेने का निर्देश दिया गया था. लेकिन उस निर्देश का पालन नहीं हुआ. बाढ़ के कारण उनके क्षेत्र की कई सड़कें पानी में डूब गई हैं. जिसके कारण आवागमन में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें भागलपुर आने के लिए काफी घूम कर आना पड़ रहा है. इस दौरान कई बार जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. वहीं, जिलाधिकारी प्रणब कुमार ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में 5 राहत कैंप चल रहे हैं. वहीं 8 अतिरिक्त कैंप का संचालन शुरू कर दिया गया है. सभी जगह रौशनी, भोजन आदि की व्यवस्था की गई है. साथ ही जिले में कई राहत कैंप का दौरा स्वयं कर जिलाधिकारी ने वहां की स्थिति का जायजा लिया है.
नांव परिचालन किया गया शुरू
नाथनगर के महाशय ड्योड़ी का कैंप स्कूल में और सबौर पंचायत सरकार भवन में राहत कैंप चल रहा है. सभी राहत कैंप में आईसीडीएस की तरफ से आंगनबाड़ी केंद्र चलाए जा रहे हैं. नगर निगम क्षेत्र में राहत कैंप में हर समय सफाई करवाई जा रही है. जहां शौचालय नहीं बना है वहां पर मोबाइल टॉयलेट पीएचईडी निगम स्थापित किए गए हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रखंड के पंचायतों में नांव परिचालन शुरू कर दिया गया है. साथ ही चूड़ा, गुड़ और पॉलिथीन आदि का वितरण किया जा रहा है.