बेगूसराय: गंगा किनारे बसे होने के कारण बेगूसराय जिले की पहचान इस नदी से जुड़ी हुई है और गंगा की वजह से जिले को कई उपलब्धियां भी प्राप्त हुई हैं. लेकिन वर्तमान समय में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है और विभिन्न इलाकों में कटाव चरम पर है.
रतजगा कर रहे ग्रामीण
इन इलाकों में लोग दहशत में हैं और रतजगा कर किनारे की पहरेदारी कर रहे हैं. वहीं ग्रामीण महिलाएं गंगा मइया की विशेष पूजा अर्चना कर रही हैं. इसके साथ ही पाठी (बकरी) चढ़ाकर प्रसन्न करने में जुटी हैं ताकि गंगा मैया की धाराएं थम जाएं.
डूबने की कगार पर हजारों लोग
मटिहानी प्रखंड के कई क्षेत्रों में गंगा का तेज कटाव हो रहा है. वैसे कुछ इलाकों में बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कटाव निरोधक काम शुरू भी किया गया है. लेकिन काम जिस रफ्तार से किया जा रहा है उससे न कटाव रुकेगा न ही नदी की धाराओं को अन्य गांवों में फैलने से रोका जा सकेगा. अगर समय रहते गंभीरता से उपाय नहीं निकाला गया तो हजारों की आबादी जगमग्न हो जाएगी.
गीत गाकर पूजा-पाठ
स्थानीय महिलाओं का मानना है कि गंगा का इतना भयंकर रूप वर्षों बाद देखने को मिल रहा है. इसे शांत करने के लिए अब महिलाएं रोज गीत-नाद गाकर पूजा पाठ कर रही हैं. साथ ही वर्षों से चली आ रही मान्यता कि गंगा माता को पाठी कबूला जाए तो वह शांत हो जाती हैं इसे भी उन्होंने कबूल लिया है ताकि नदी का धाराप्रवाह वेग वापस लौट जाए. महिलाओं ने इन मान्यताओं को लेकर अपनी आस्था और अनुभव को ईटीवी भारत से साझा किया.
क्या कहते हैं विभागीय लोग?
वहीं, कटाव के बाबत पूछे गए सवालों के जवाब में बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि उस गांव में कटाव निरोधक काम शुरू कर दिया गया है. लेकिन जलस्तर में कमी आने के बाद ही काम पूर्ण किया जा सकता है.