बेगूसराय: शहरी क्षेत्र में भारी मात्रा में निकल रहे सूखे और गीले कचरे के निपटारे को लेकर कचरे के प्रबंधन को लेकर चर्चा हुई. कचरा प्रबंधन यूनिट से एक ओर गीले कचरे से बर्मी कंपोस्ट तैयार किये जाने की योजना थी. जबकि सूखे कचरे नगर पंचायत के लिए आय का स्रोत के रूप में देखा जा रहा था. कचरा प्रबंधन यूनिट से एक ओर जहां रोजगार का अवसर पैदा होंगे. साथ ही शहर की स्वच्छता के साथ प्रदूषण से भी मुक्ति मिल सकेगी.
कचरा प्रबंधन यूनिट योजना
शहरी क्षेत्रों की स्वच्छता के साथ प्रदूषण से मुक्ति को लेकर सरकार की ओर से नगर पंचायतों में कचरा प्रबंधन यूनिट की योजना लाई गई. जिस योजना के चालू होने से कई लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकते थे. लेकिन यह योजना पिछले 1 साल से अधिक समय से अधर में लटका हुआ है. जिससे न तो प्रदूषण से ही मुक्ति मिल सकी और ना ही रोजगार के अवसर ही मिल सके.
क्या कहते हैं नगर कार्यपालक अधिकारी?
वहीं, इस संबंध में नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी मो. जफर इकबाल ने बताया कि कचरा प्रबंधन यूनिट के लिये दो बार टेंडर पास भी हुआ. लीज पर जमीन भी ली गयी. जिसमें इंजीनियर की ओर से वार्ड 1 के जमीन को पास किया गया जबकि वार्ड 24 की जमीन को यूनिट के लिये नहीं पास किया गया. विभागीय कारणों से कार्य नहीं हो सका है. चुनाव के बाद दोनों यूनिट का फिर से टेंडर के लिये भेजा जायेगा.