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कन्हैया कुमार को काला झंडा दिखाना पड़ा महंगा, समर्थकों ने लाठी-डंडे से की पिटाई

कन्हैया कुमार के रोश शो में मारपीट हुई है. रोड शो में शामिल उनके समर्थकों ने काले झंडे दिखाने वाले युवाओं को जमकर पीटा.

Violance in Election Campaign of Kanhaiya Kumar
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Published : Apr 21, 2019, 6:51 PM IST

Updated : Apr 21, 2019, 7:01 PM IST

बेगूसराय: सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार की रैली में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब उनके विरोध में कुछ लोगों ने काले झंडे दिखाए. इसके बाद कन्हैया समर्थकों और विरोधियों में जमकर झड़प हुई. इस झड़प में लाठी डंडे भी चले. हालांकि इसके बाद कन्हैया का काफिला आगे बढ़ गया.

कन्हैया कुमार चुनाव प्रचार के दौरान बेगूसराय के गढ़पुरा प्रखंड के कोरेई गांव पहुंचे. यहां उन्हें कुछ लड़कों ने काला झंडा दिखाकर अपना विरोध दर्ज कराया. इस घटना के बाद कन्हैया के काफिले में शामिल समर्थक हिंसक हो उठे. उन्होंने काले झंडे दिखाने वाले युवाओं से जमकर झड़प की. बात लाठी डंडे तक आ पहुंची. कन्हैया समर्थकों ने युवाओं की जमकर पिटाई कर दी.

कन्हैया की रैली में हिंसा

हो रहा है कन्हैया का विरोध

देश की हॉट सीट मानी जा रही बेगूसराय में सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार का इससे पहले भी कई बार विरोध हो चुका है. वहीं, हुए विरोध में हिंसा का ये पहला मामला है, जो कन्हैया कुमार के समर्थकों ने किया. बता दें कि इससे पहले कन्हैया मटिहानी विधानसभा के रामदीरी, महाजी, सिहमा समेत कई गांवों में रोड शो कर लोगों से जनसंपर्क कर अपने पक्ष में वोट मांग रहे थे. लेकिन रामदीरी में उस समय अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब यहां उनका जमकर विरोध किया गया.

ये आरोप लगाए गए थे
रामदारी में एक युवक ने कन्हैया से सीधे पूछा था कि आखिर उन्हें किस बात की आजादी चाहिए. वहीं, गांव के युवकों ने कन्हैया के विरोध में जोरदार नारेबाजी की. इन लोगों का कहना था कि कन्हैया कुमार ने अपने पहले के बयानों में सेना का अपमान किया था. फौजियों को रेपिस्ट बताया था. भला ऐसे उम्मीदवार को हम क्यों समर्थन करें. आज चुनाव आया है तो वे वोट मांगने आए हैं, लेकिन इसके पहले कब वे हमारी खोज-खबर लेने आए हैं.

यहां से बेरंग लौटा था काफिला
कम्युनिस्ट पार्टी उम्मीदवार कन्हैया कुमार को जिले के नीमा चंदपूरा गांव वोट मांगने जाना महंगा पड़ गया. यहां पहुंचे कन्हैया कुमार के काफिले को लोगों ने गांव में घुसने से रोक दिया. जिसके बाद उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा था.

त्रिकोणीय मुकाबले में कन्हैया का विरोध
गंगा नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित उत्तर बिहार के बेगूसराय को 'बिहार के लेनिनग्राद' और 'लिटिल मॉस्को' जैसे नामों से भी जाना जाता है. ये सीट देश की चर्चित सीट बन गई है. यहां से एनडीए उम्मीदवार बीजेपी के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह, महागठबंधन से आरजेडी के तनवीर हसन और सीपीआई से कन्हैया कुमार मैदान में हैं.

बेगूसराय: सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार की रैली में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब उनके विरोध में कुछ लोगों ने काले झंडे दिखाए. इसके बाद कन्हैया समर्थकों और विरोधियों में जमकर झड़प हुई. इस झड़प में लाठी डंडे भी चले. हालांकि इसके बाद कन्हैया का काफिला आगे बढ़ गया.

कन्हैया कुमार चुनाव प्रचार के दौरान बेगूसराय के गढ़पुरा प्रखंड के कोरेई गांव पहुंचे. यहां उन्हें कुछ लड़कों ने काला झंडा दिखाकर अपना विरोध दर्ज कराया. इस घटना के बाद कन्हैया के काफिले में शामिल समर्थक हिंसक हो उठे. उन्होंने काले झंडे दिखाने वाले युवाओं से जमकर झड़प की. बात लाठी डंडे तक आ पहुंची. कन्हैया समर्थकों ने युवाओं की जमकर पिटाई कर दी.

कन्हैया की रैली में हिंसा

हो रहा है कन्हैया का विरोध

देश की हॉट सीट मानी जा रही बेगूसराय में सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार का इससे पहले भी कई बार विरोध हो चुका है. वहीं, हुए विरोध में हिंसा का ये पहला मामला है, जो कन्हैया कुमार के समर्थकों ने किया. बता दें कि इससे पहले कन्हैया मटिहानी विधानसभा के रामदीरी, महाजी, सिहमा समेत कई गांवों में रोड शो कर लोगों से जनसंपर्क कर अपने पक्ष में वोट मांग रहे थे. लेकिन रामदीरी में उस समय अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब यहां उनका जमकर विरोध किया गया.

ये आरोप लगाए गए थे
रामदारी में एक युवक ने कन्हैया से सीधे पूछा था कि आखिर उन्हें किस बात की आजादी चाहिए. वहीं, गांव के युवकों ने कन्हैया के विरोध में जोरदार नारेबाजी की. इन लोगों का कहना था कि कन्हैया कुमार ने अपने पहले के बयानों में सेना का अपमान किया था. फौजियों को रेपिस्ट बताया था. भला ऐसे उम्मीदवार को हम क्यों समर्थन करें. आज चुनाव आया है तो वे वोट मांगने आए हैं, लेकिन इसके पहले कब वे हमारी खोज-खबर लेने आए हैं.

यहां से बेरंग लौटा था काफिला
कम्युनिस्ट पार्टी उम्मीदवार कन्हैया कुमार को जिले के नीमा चंदपूरा गांव वोट मांगने जाना महंगा पड़ गया. यहां पहुंचे कन्हैया कुमार के काफिले को लोगों ने गांव में घुसने से रोक दिया. जिसके बाद उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा था.

त्रिकोणीय मुकाबले में कन्हैया का विरोध
गंगा नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित उत्तर बिहार के बेगूसराय को 'बिहार के लेनिनग्राद' और 'लिटिल मॉस्को' जैसे नामों से भी जाना जाता है. ये सीट देश की चर्चित सीट बन गई है. यहां से एनडीए उम्मीदवार बीजेपी के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह, महागठबंधन से आरजेडी के तनवीर हसन और सीपीआई से कन्हैया कुमार मैदान में हैं.

Intro:अपने चुनाव प्रचार के दौरान बेगूसराय के गढ़पुरा प्रखंड के कोरेई गावँ में उस बक्त बबल मच गया जब कुछ लड़कों ने कन्हैया कुमार को काला झंडा दिखाकर अपना बिरोध दर्ज कराया। इस घटना के बाद दिनों पशॉ में मारपीट भी हुई ।


Body:बेगूसराय में आज कन्हैया कुमार को तीसरी बार विरोध का सामना करना पड़ा है। विरोध की यह तीसरी घटना उस वक्त घाटी जब रामपुरा प्रखंड के कोराई पंचायत में कन्हैया कुमार के काफिले के सामने कन्हैया कुमार को काला झंडा दिखाया और विरोध में नारे लगाए। त अचानक घटित घटना के बाद कन्हैया कुमार के समर्थकों और काला झंडा दिखाने वालों के बीच मारपीट शुरू हो गई। घटना के बाद मौके पर पुलिस भी मौजूद थी। बाद में पुलिस के हादसे के बाद मामला शांत हुआ। जिसके बाद कन्हैया कुमार का काफिला तब जाकर आगे बढ़ा।


Conclusion:
Last Updated : Apr 21, 2019, 7:01 PM IST
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