बेगूसराय: लाख कोशिशों के बावजूद बिहार में पकड़ुवा शादी (Veterinarian Pakadua Marriage In Begusarai) पर विराम नहीं लग रहा है. एक बार फिर से जबरिया शादी का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले में एक पशु चिकित्सक को लोगों के द्वारा पकड़कर शादी करवा देने का आरोप लगा है. मामला बेगूसराय ( Pakadua Vivah In Bihar) के तेघरा थाना क्षेत्र के पिधौली गांव (Pidhauli Village) का है. इस मामले में पिधौली गांव निवासी सुबोध कुमार झा ने तेघरा थाना में आवेदन देकर अपने पुत्र सत्यम कुमार के अपहरण कर शादी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई है.
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पशु चिकित्सक की जबरिया शादी: सत्यम कुमार के परिजनों ने आरोप लगाया कि सोमवार की दोपहर सत्यम मवेशी का इलाज करने घर से निकले थे जिसके बाद देर शाम तक वापस नहीं आए तो परिजनों ने काफी खोजबीन की. इस बीच सत्यम के परिजन के पास एक वीडियो पहुंचा जिसमें सत्यम की शादी हो रही थी. सत्यम के परिजनों ने अपहरण कर उसकी शादी करा देने का आरोप लगाया है.
पकड़ुआ शादी का वीडियो वायरल: हालांकि वीडियो में यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि लड़के की अपहरण कर शादी हुई है या लड़के की मर्जी से शादी हो रही है. बताया जा रहा है कि शादी गढ़पुरा थाना क्षेत्र में हुई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं सत्यम अभी तक घर नहीं लौटा है. फिलहाल जांच के बाद ही सबकुछ स्पष्ट हो पायेगा.
"जब सत्यम शाम तक घर नहीं लौटा, तो हमने उसकी तलाश शुरू कर दी. वह रात में भी नहीं लौटा. मंगलवार की सुबह, मेरे फोन पर एक वीडियो क्लिप आई, जिसमें मेरा बेटा एक लड़की के साथ बैठा था और शादी हो रही थी. हमने इस संबंध में तेघरा पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है."- सुबोध कुमार झा, सत्यम के पिता
पुलिस कर रही जांच: दरअसल एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. जानकारी के अनुसार, तेघरा थाना क्षेत्र के पिधौली गांव के निवासी पशु चिकित्सक सत्यम कुमार झा सोमवार दोपहर मवेशियों के इलाज के लिए गए थे, तभी कुछ लोगों ने उनका अपहरण कर लिया और जबरन एक लड़की से शादी करवा दी.
"हमें पकड़ुवा शादी से संबंधित शिकायत मिली है. मामले की जांच चल रही है. परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे की जबरिया शादी करायी गयी है. शादी का एक वीडियो सामने आया है."- संजय कुमार,एसएचओ, तेघड़ा थाना
बिहार में पकड़ुआ विवाह के औसतन 3000 केस : बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 में पकड़ुआ विवाह से संबंधित 2526 मामले दर्ज हुए. वहीं, साल 2015 में 3000 पकड़ुआ विवाह की घटनाएं दर्ज की गईं. वहीं, साल 2016 में 3070 मामले दर्ज कराए गए थे. इधर, साल 2017 में 3405 शादी के लिए अपहरण की घटनाएं दर्ज की गईं. औसतन तीन हजार ऐसी घटनाएं बिहार में होती हैं. बिहार में 70 प्रतिशत अपहरण की घटनाएं साधना या प्रेम प्रसंग से संबंधित होती हैं.
पकड़ुआ विवाह की वजह : ऐसे विवाह को प्रोत्साहन उन इलाकों में मिलता है जहां बेहद गरीबी है. लड़की पक्ष अगर सक्षम नहीं होता है, तो वैसी स्थिति में किसी होनहार, धनाढ्य या नौकरी पेशे वाले लड़के की पहचान कर अपहरण कर लिया जाता है और उसकी शादी करा दी जाती है. ऐसे विवाह में रिश्तेदारों की भूमिका अहम होती है. बाद में सामाजिक मान्यता भी मिल जाती है.
पकड़ुआ विवाह एक सामाजिक बुराई : इस विवाह से सबसे ज्यादा लड़का-लड़की को नुकसान उठाना पड़ता है. लड़की के पिता कम खर्च में लड़की को अच्छे घर में विदा कर देते हैं. लेकिन ससुराल पहुंचकर लड़की का जीवन नर्क बन जाता है. ससुराल में उसे कोई पसंद नहीं करता. उसे घर में घुलने मिलने में काफी वक्त लगता है. इसके नाकारात्मक असर भी दिखाई देने लगते हैं. लड़की को पूरे जीवन काल में पति का प्यार नहीं मिल पाता. लड़का भी मानसिक रूप से परेशान रहता है. इसे सामाजिक साख से जोड़कर कभी कभी लड़का और लड़की की हत्या तक हो जाती है.
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नोट: ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.