बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में बदमाशों ने दो मासूम भाइयों की अपहरण के बाद निर्मम हत्या (Two Children Murdered in Begusarai) कर दी. अपराधियों ने बच्चों को पीट-पीटकर और तेजाब डालकर (Murder of Children by Pouring acid) मार डाला. घटना परिहार थाना क्षेत्र के बहुआरा पंचायत के चमराही गांव की है. दोनों मृतक बच्चे आपस में चचेरे भाई थे. दोनों शनिवार सुबह गांव से गुजर रहे एक प्रचार गाड़ी के पीछे भागे थे. इसके बाद से लापता थे.
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मृतक बच्चों की पहचान सूर्यनारायण महतो के सात वर्षीय बेटे हिमांशु उर्फ गोलू और रामज्ञान महतो के 11 वर्षीय पुत्र हर्ष कुमार के रूप में हुई है. परिजनों ने शनिवार को दिन-रात बच्चों की खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला. आरोप है कि इसकी सूचना देने परिजन थाना पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गाली-गलौज कर भगा दिया. काफी फोन करने पर शनिवार की रात 12 बजे पुलिस पीड़ित के घर पहुंची और खोजबीन की बात कहकर वापस लौट गई.
बच्चों के लापता होने और पुलिस की लापरवाही से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को सड़क जाम कर हंगामा किया. इसके थोड़ी देर बाद पुलिस को खबर मिली कि बूढ़ी गंडक नदी में एक बच्चे का शव है. स्थानीय लोगों की मदद से शव निकाला गया तो परिजनों में कोहराम मच गया. मौके पर मौजूद लोगों का आक्रोश पुलिस के खिलाफ उबल पड़ा. लोगों ने पुलिसकर्मियों को खूब खरी खोटी सुनाई.
स्थानीय लोगों के सहयोग से खोजबीन की गई तो एक घंटे बाद दूसरे बच्चे का भी शव नदी से बरामद कर लिया गया. बच्चे के पिता रामज्ञान महतो ने कहा, 'दोनों बच्चों की हत्या बेरहमी से पीटकर और तेजाब डालकर की गई है. अगर समय पर पुलिस जांच करती तो आज दोनों बच्चे जिंदा होते.' हत्या के कारण का पता नहीं चल पाया है. परिजनों का कहना है कि गांव के किसी व्यक्ति से कोई दुश्मन नहीं है.
हालांकि परिजनों को आशंका है कि वर्षों पूर्व पड़ोस के एक परिवार से बकरी द्वारा अनाज खाने को लेकर हुए विवाद के बाद मारपीट की घटना हुई थी. उनका शक है कि उन्हीं लोगों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया. परिजनों ने बताया कि 5 साल पहले परिवार का एक बच्चा रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था, जिसका आज तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा.
"सरकार पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए. मृतक के परिजनों को सरकार मुआवजा दे."- रामज्ञान महतो, निवर्तमान उपप्रमुख, परिहार प्रखंड
"पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. परिहार थाना की पूरी टीम को सरकार बदले. अगर ये थाना प्रभारी पदस्थापित रहे तो अपराध की ऐसी और घटनाएं हो सकती हैं."- सूर्यकांत पासवान, सीपीआई विधायक, बखरी
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