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गर्व है..! बेगूसराय की तीन सगी बहनों ने एक साथ निकाली दारोगा भर्ती परीक्षा

बेगूसराय के बखरी अनुमंडल के सलौना गांव की तीन सगी ( Bihar sub inspector recruitment ) बहनों ने एक साथ दारोगा प्रारंभिक परीक्षा में सफल होकर अपने और अपने गांव का नाम रोशन किया है. पढ़िए पूरी खबर...

तीन सगी बहनें दारोगा पीटी परीक्षा में हुईं सफल
तीन सगी बहनें दारोगा पीटी परीक्षा में हुईं सफल
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Published : Feb 4, 2022, 7:48 AM IST

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय जिले के बखरी अनुमंडल के सलौना गांव की रहने वाली तीन सगी (3 Sisters Passed PT Exam Of Inspector In Begusarai) बहनों ने एक साथ (Bihar Police Daroga PT Exam) दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास कर एक मिसाल पेश की है. गांव के ही स्कूल में तीनों ने अपनी शुरुआती पढ़ाई की है, जिसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल कर अपने और गांव के नाम को रोशन किया है. किसान परिवार से आने वाले ये तीनों बहने पहले से ही पुलिस सेवा में हैं और आगे चलकर तीनों डीएसपी बनना चाहती हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार के छात्र ने पकड़ी गूगल की गलती

तीन सगी बहनें दारोगा पीटी परीक्षा में हुईं सफल

बता दें कि, बखरी अनुमंडल के सलौना गांव की रहने वाली तीन सगी बहनों ने एक साथ दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास कर अपने घर और बखरी का नाम इलाके में रोशन किया है. गांव के निम्नवर्गीय किसान के घर जन्मी और ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी तीनों बहने आगे चलकर डीएसपी बनना चाहती हैं. तीनो ने गांव के ही स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर ये कामयाबी पाई है. परिवार के साथ गांव का नाम भी रोशन करने वाली ये तीनों बहनें किसान फुलेना दास की पुत्रियां हैं. गृहिणी मां और किसान फुलेना दास की पांच संतानें हैं, जिनमें चार बेटियां और एक पुत्र है.

किसान फुलेना दासा की इन चार बेटियों में सबसे बड़ी पुत्री ज्योति कुमारी है वहीं, दूसरे नंबर पर सोनी कुमारी और तीसरे पर मुन्नी कुमारी ने दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास की है. तीनों की प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय सलौना में हुई है. ज्योति व उनकी दोनों बहनें फिलहाल बिहार पुलिस सेवा में कार्यरत हैं. ज्योति मोतिहारी और मुन्नी जयनगर में पोस्टेड हैं. वहीं एक बहन पुलिस सेवा में ही सार्जेंट मेजर के पद पर कार्यरत बताई जाती है.

ये भी पढ़ें- बिहार 90 हजार शिक्षक बहाली मामला: दस्तावेजों की पुष्टि के लिए नहीं मिल रही मेरिट लिस्ट, कोर्ट को बताएगी सरकार

फिलहाल एक साथ तीनों बहनों की इस कामयाबी से घर के लोग फुले नहीं समा रहे हैं. वहीं, बधाई देने वालों का घर में तांता लगा हुआ है. सफल छात्राओं की मां ने कहा कि, तीनों ही बहनें बचपन से ही मेघावी और अपने जुनून की पक्की हैं, जिसके दम पर वो आगे बढ़ रही हैं. वहीं, चाचा बताते है कि वो लोग बेहद ही साधारण परिवार से आते हैं और तीनों बहनें समाज की लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गईं हैं.

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बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय जिले के बखरी अनुमंडल के सलौना गांव की रहने वाली तीन सगी (3 Sisters Passed PT Exam Of Inspector In Begusarai) बहनों ने एक साथ (Bihar Police Daroga PT Exam) दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास कर एक मिसाल पेश की है. गांव के ही स्कूल में तीनों ने अपनी शुरुआती पढ़ाई की है, जिसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल कर अपने और गांव के नाम को रोशन किया है. किसान परिवार से आने वाले ये तीनों बहने पहले से ही पुलिस सेवा में हैं और आगे चलकर तीनों डीएसपी बनना चाहती हैं.

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तीन सगी बहनें दारोगा पीटी परीक्षा में हुईं सफल

बता दें कि, बखरी अनुमंडल के सलौना गांव की रहने वाली तीन सगी बहनों ने एक साथ दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास कर अपने घर और बखरी का नाम इलाके में रोशन किया है. गांव के निम्नवर्गीय किसान के घर जन्मी और ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी तीनों बहने आगे चलकर डीएसपी बनना चाहती हैं. तीनो ने गांव के ही स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर ये कामयाबी पाई है. परिवार के साथ गांव का नाम भी रोशन करने वाली ये तीनों बहनें किसान फुलेना दास की पुत्रियां हैं. गृहिणी मां और किसान फुलेना दास की पांच संतानें हैं, जिनमें चार बेटियां और एक पुत्र है.

किसान फुलेना दासा की इन चार बेटियों में सबसे बड़ी पुत्री ज्योति कुमारी है वहीं, दूसरे नंबर पर सोनी कुमारी और तीसरे पर मुन्नी कुमारी ने दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास की है. तीनों की प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय सलौना में हुई है. ज्योति व उनकी दोनों बहनें फिलहाल बिहार पुलिस सेवा में कार्यरत हैं. ज्योति मोतिहारी और मुन्नी जयनगर में पोस्टेड हैं. वहीं एक बहन पुलिस सेवा में ही सार्जेंट मेजर के पद पर कार्यरत बताई जाती है.

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फिलहाल एक साथ तीनों बहनों की इस कामयाबी से घर के लोग फुले नहीं समा रहे हैं. वहीं, बधाई देने वालों का घर में तांता लगा हुआ है. सफल छात्राओं की मां ने कहा कि, तीनों ही बहनें बचपन से ही मेघावी और अपने जुनून की पक्की हैं, जिसके दम पर वो आगे बढ़ रही हैं. वहीं, चाचा बताते है कि वो लोग बेहद ही साधारण परिवार से आते हैं और तीनों बहनें समाज की लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गईं हैं.

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