बेगूसराय: बरौनी रिफाइनरी की प्रबंधक निदेशक शुक्ला मिस्त्री आज महिला सशक्तिकरण की एक नायाब उदाहरण हैं. शुक्ला मिस्त्री देश की आर्थिक और औद्योगिक विकास में ना सिर्फ अपनी महती भूमिका निभा रही हैं, बल्कि इसे नई ऊंचाइयों पर भी ले जा रही हैं.
आयरन लेडी के नाम से मशहूर शुक्ला मिस्त्री एक बेहद ही गरीब परिवार से हैं. गरीबी के बीच अपनी जिंदगी की शुरुआत करने वाली इस महिला ने पंखों से नहीं, बल्कि हौसलों की उड़ान से समाज और देश की महिलाओं के बीच एक मिसाल पेश की है. ये अपने गांव की पहली महिला हैं, जिन्होंने पढ़ाई के लिए शहर का रुख किया. आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछडे़ गांव में जन्म लेने वाली इस महिला ने इंजीनियरिंग की न सिर्फ पढ़ाई पूरी की, बल्कि इंजीनियर बनकर लोगों की प्रेरणाश्रोत बनीं.
बरौनी रिफाइनरी की बढ़ेगी क्षमता
शुक्ला मिस्त्री को केंद्र सरकार ने करोड़ों की लागत से बरौनी रिफाइनरी की क्षमता विस्तार की जवाबदेही सौंपी है. अब तक छह हजार मैट्रिक टन का उत्पादन करने की क्षमता रखने वाले बरौनी रिफाइनरी में आज नौ हजार मैट्रिक टन का उत्पादन करने का काम चल रहा है. बरौनी रिफाइनरी को एक बार फिर से देश का नंबर वन रिफाइनरी बनाने के लिए शुक्ला मिस्त्री रात दिन एक कर रही हैं.
सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से हैं शुक्ला मिस्त्री
बता दें कि बरौनी रिफाइनरी की प्रबंधक निदेशक शुक्ला मिस्त्री का जन्म पश्चिम बंगाल के 24 परगना के सुंदरवन इलाके में पड़ने वाले बसंती गांव में हुआ है. ये जंगलों से भरा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र है. पढ़ाई के प्रति गहरे लगाव के कारण ही शुक्ला मिस्त्री ने गांव के बाद पढ़ाई के लिए शहर का रुख किया. ये गांव की पहली महिला बनीं, जिन्होंने शहर जाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. कठिन मेहनत और डेडिकेशन के बल पर इन्होंने रिफाइनरी की नौकरी में अपनी उपयोगिता साबित की.
टीम वर्क में रखती हैं यकीन
शुक्ला मिस्त्री का कहना है कि इन्होंने खुद को एक व्यक्ति मानकर जिंदगी जिया है. जितने भी काम करने वाले लोग है उनके अंदर असीम संभावनाएं हैं. जरूरत इस बात की है कि इसका सही दिशा में उपयोग किया जाए. शुक्ला मिस्त्री टीम वर्क में यकीन रखती हैं, इनका मानना है कि कोई भी काम कठिन नहीं है. जरूरत है कि इसे बेहतर ढंग से किया जाए.
'कठिन परिश्रम के बिना कुछ भी संभव नहीं'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में शुक्ला मिस्त्री ने बताया कि जीवन में हार्ड वर्क और टीम मंत्र उन्हें आगे बढ़ने में काफी मदद करती है. कठिन परिश्रम और लीडरशिप की प्रवृति कार्य दक्षता प्रदान करती है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि जब आपके अंदर नेतृत्व क्षमता मजबूत होगी, तभी अब अपने सुंदर भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं. इसके लिए दृढ इच्छाशक्ति का होना आवश्यक है.
'महिला पुरूष से कम नहीं'
उन्होंने कहा कि हमारा समाज सोचता है कि पुरुषों के लिए कुछ काम करना आसान होता है और यही हमारी सामाजिक संरचना भी है. लेकिन जहां तक मेरा प्रश्न है, मैं इस प्रकार के विवाद में विश्वास नहीं करती हूं. कोई भी महिला किसी भी कार्य को कर सकती है.
अन्य महिलाओं के लिये प्रेरणा स्रोत बनीं शुक्ला मिस्त्री
फिलहाल शुक्ला मिस्त्री 24 घंटे रिफाइनरी के विस्तारीकरण की योजना पर काम कर रही हैं. इनकी इन कोशिशों का ही नतीजा है कि शुक्ला मिस्त्री दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं. शिक्षाविद सह बीपी हाईस्कूल की पूर्व प्रधानाध्यापिका डॉ. चंद्र पुनीता ने कहा कि शुक्ला मिस्त्री की कार्यशाली से काफी प्रभावित हूं. मैं चाहती हूं कि अन्य महिलाएं भी इनसे प्रभावित हो.
रिफाइनरी की क्षमता विस्तार का हो रहा काम
बता दें कि बरौनी रिफाइनरी देश के आर्थिक और औद्योगिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी है. वर्तमान में रिफाइनरी की क्षमता विस्तार का काम चल रहा है. आने वाले दिनों में ये 6 हजार मैट्रिक टन से आगे बढ़कर नौ हजार मैट्रिक टन तेल का उत्पादन करेगी. वर्तमान में बरौनी रिफाइनरी में दो हजार से अधिक कर्मचारी और ठेका कर्मचारी काम करते हैं, जिनकी देखरेख की जिम्मेवारी भी शुक्ला मिस्त्री के हाथों में हैं.