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अब दिल्ली नहीं जाना चाहता 'Lockdown का वायरल चेहरा' रामपुकार

लॉकडाउन के वक्त रामपुकार पंडित की तस्वीर काफी वायरल हुई थी. रोते हुए इस तस्वीर के पीछे की कहानी भी काफी वायरल हुई. रामपुकार लॉकडाउन में फंसे थे औऱ इधर उनके इकलौते पुत्र का देहांत हो गया था. बदमाशों ने जमा किए हुए 5000 रुपए छीन लिए. पुलिस से पिटे, कुछ समाजसेवियों ने मदद की. तब वे घर पहुंचे. अब वे बाहर नहीं जाना चाहते. उनकी पत्नी कहती है कि अब यहीं रहकर मेहनत मजदूरी करेंगे.

रामपुकार पंडित और उसका परिवार
रामपुकार पंडित और उसका परिवार
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Published : Mar 29, 2021, 7:00 PM IST

Updated : Mar 29, 2021, 8:59 PM IST

बेगूसराय: Lockdown का नाम सुनते ही रामपुकार पंडित की पत्नी की आंखों से आंसू छलक जाते हैं. वह नहीं चाहती कि रामपुकार दिल्ली जाएं. रामपुकार पंडित, बेगूसराय के रहने वाले एक प्रवासी मजदूर हैं जिनकी तस्वीर लॉकडाउन में काफी वायरल हुई थी. जिसके बाद हजारों लोंगो ने उनकी मदद की थी. आज एक साल बीत जाने के बाद भी दिल्ली जाने से रामपुकार को डर लगता है. उनकी पत्नी का कहना है उन्हें कभी दिल्ली जाने नहीं देंगे.

यह भी पढ़ें- भागलपुरी सिल्क: 600 करोड़ का कारोबार 150 करोड़ में सिमटा, इस वजह से बड़े ऑर्डर लेने से कतरा रहे हैं बुनकर

पैदल ही अपने गांव की ओर चल दिया
कहानी उस वक्त की है, जब बेगूसराय जिला मुख्यालय से करीब 32 किलोमीटर दूर खोदावंदपुर थाना के तारा बरियारपुर निवासी रामपुकार पंडित दिल्ली में मजदूरी करते थे. अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए गांव से करीब 1100 किलोमीटर दूर गए थे. उसी वक्त कोरोना जैसी महामारी ने पूरे देश को अपने जाल में जकड़ लिया था. पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था. जिसके कारण हजारों परिवार पैदल या अपने विभिन्न माध्यमों से अपने घरों की ओर रवाना हो गए थे.

देखें पूरी रिपोर्ट

बदमाशों ने छीन लिए थे रुपए
लॉकडाउन के वक्त रामपुकार को उसकी पत्नी ने फोन किया कि उसका इकलौता पुत्र काफी बीमार है. वह दिल्ली से पैदल ही अपने गांव की ओर चल पड़े थे. मगर दिल्ली की सीमा पार करते वक्त उसे कई परेशानियों से जूझना पड़ा. यहां तक कि उसके पास जो मजदूरी से कमाये करीब 5 हजार रुपये थे, उसे भी कुछ बदमाशों द्वारा छीन लिया गया. दिल्ली की सीमा पार करते वक्त उसे पुलिस की लाठी भी खानी पड़ी.

रामपुकार पंडित
रामपुकार पंडित

पुत्र की मौत की सूचना पर रोने लगा
इसी वक्त उसे सूचना मिली कि उसका पुत्र अब इस दुनिया में नही रहा. ये आपबीती रोते हुए वहां के अधिकारियों को सुनायी. मगर अधिकारियों ने एक न सुनी. जिसके बाद वह दिल्ली की सड़कों पर बैठकर रोने लगा. इसी समय रोते हुए फोटो मीडिया में वायरल होनी शुरू हो गयी. किसी तरह वह अपने घर पहुंचा. अपने उस समय की कहानी को सुनाते-सुनाते रामपुकार और उसकी पत्नी की आंखें डबडबा जाती हैं. रामपुकार पंडित और उनकी पत्नी कहते हैं, अब कभी हम दिल्ली नही जाएंगे और न ही हम पुलिस की मार खाएंगे.

रामपुकार पंडित की पत्नी
रामपुकार पंडित की पत्नी

यह भी पढ़ें- स्ट्रॉबेरी ने बदली पूर्णिया के किसान की तकदीर, दूसरों को भी कर रहे खेती के लिए प्रेरित

मदद की राशि से गांव में बनाया आशियाना
जब राम पुकार पंडित का दिल्ली की सीमा पर रोते-बिलखते एक फोटो वायरल हुआ था. तब कई लोगों ने उनकी आर्थिक मदद की थी. आज उसी मदद से उन्होंने खुद का आशियाना बनाया और कुछ जमीन भी खरीदी. रामपुकार पंडित अब गांव में ही मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करेंगे मगर बाहर नहीं जाना चाहते.

रामपुकार की पत्नी और बच्ची
रामपुकार की पत्नी और बच्ची

बेगूसराय: Lockdown का नाम सुनते ही रामपुकार पंडित की पत्नी की आंखों से आंसू छलक जाते हैं. वह नहीं चाहती कि रामपुकार दिल्ली जाएं. रामपुकार पंडित, बेगूसराय के रहने वाले एक प्रवासी मजदूर हैं जिनकी तस्वीर लॉकडाउन में काफी वायरल हुई थी. जिसके बाद हजारों लोंगो ने उनकी मदद की थी. आज एक साल बीत जाने के बाद भी दिल्ली जाने से रामपुकार को डर लगता है. उनकी पत्नी का कहना है उन्हें कभी दिल्ली जाने नहीं देंगे.

यह भी पढ़ें- भागलपुरी सिल्क: 600 करोड़ का कारोबार 150 करोड़ में सिमटा, इस वजह से बड़े ऑर्डर लेने से कतरा रहे हैं बुनकर

पैदल ही अपने गांव की ओर चल दिया
कहानी उस वक्त की है, जब बेगूसराय जिला मुख्यालय से करीब 32 किलोमीटर दूर खोदावंदपुर थाना के तारा बरियारपुर निवासी रामपुकार पंडित दिल्ली में मजदूरी करते थे. अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए गांव से करीब 1100 किलोमीटर दूर गए थे. उसी वक्त कोरोना जैसी महामारी ने पूरे देश को अपने जाल में जकड़ लिया था. पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था. जिसके कारण हजारों परिवार पैदल या अपने विभिन्न माध्यमों से अपने घरों की ओर रवाना हो गए थे.

देखें पूरी रिपोर्ट

बदमाशों ने छीन लिए थे रुपए
लॉकडाउन के वक्त रामपुकार को उसकी पत्नी ने फोन किया कि उसका इकलौता पुत्र काफी बीमार है. वह दिल्ली से पैदल ही अपने गांव की ओर चल पड़े थे. मगर दिल्ली की सीमा पार करते वक्त उसे कई परेशानियों से जूझना पड़ा. यहां तक कि उसके पास जो मजदूरी से कमाये करीब 5 हजार रुपये थे, उसे भी कुछ बदमाशों द्वारा छीन लिया गया. दिल्ली की सीमा पार करते वक्त उसे पुलिस की लाठी भी खानी पड़ी.

रामपुकार पंडित
रामपुकार पंडित

पुत्र की मौत की सूचना पर रोने लगा
इसी वक्त उसे सूचना मिली कि उसका पुत्र अब इस दुनिया में नही रहा. ये आपबीती रोते हुए वहां के अधिकारियों को सुनायी. मगर अधिकारियों ने एक न सुनी. जिसके बाद वह दिल्ली की सड़कों पर बैठकर रोने लगा. इसी समय रोते हुए फोटो मीडिया में वायरल होनी शुरू हो गयी. किसी तरह वह अपने घर पहुंचा. अपने उस समय की कहानी को सुनाते-सुनाते रामपुकार और उसकी पत्नी की आंखें डबडबा जाती हैं. रामपुकार पंडित और उनकी पत्नी कहते हैं, अब कभी हम दिल्ली नही जाएंगे और न ही हम पुलिस की मार खाएंगे.

रामपुकार पंडित की पत्नी
रामपुकार पंडित की पत्नी

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मदद की राशि से गांव में बनाया आशियाना
जब राम पुकार पंडित का दिल्ली की सीमा पर रोते-बिलखते एक फोटो वायरल हुआ था. तब कई लोगों ने उनकी आर्थिक मदद की थी. आज उसी मदद से उन्होंने खुद का आशियाना बनाया और कुछ जमीन भी खरीदी. रामपुकार पंडित अब गांव में ही मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करेंगे मगर बाहर नहीं जाना चाहते.

रामपुकार की पत्नी और बच्ची
रामपुकार की पत्नी और बच्ची
Last Updated : Mar 29, 2021, 8:59 PM IST
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