पटना: बिहार में सुरंग बनाकर रेल इंजन चोरी (Train Engine Stolen In Bihar) करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया था. खबर थी कि चोरों ने मुजफ्फरपुर से लेकर बरौनी तक पहले सुरंग खोदा और फिर रेलवे यार्ड में मरम्मत के लिए आई रेलवे इंजन की चोरी की. अब इस मामले में रेलवे विभाग की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि सुरंग बनाकर रेल इंजन चोरी जैसी कोई वारदात नहीं हुई है, यह एक फेक न्यूज है. यह पूरा मामला पूर्व मध्य रेलवे से जुड़ा हुआ है.
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'सुरंग खोदकर रेल इंजन चोरी का मामला फेक न्यूज': पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर के पीआरओ बीरेंद्र कुमार ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि रेल इंजन चोरी जैसी कोई वारदात नहीं हुई है, यह फेक न्यूज़ है. एक स्पेयर रेल इंजन बरौनी स्टेशन के पास रखा हुआ था जिसके अंदर चोर घुस कर केवल चुरा कर ले गए थे. आठ-दस दिन पहले छापेमारी कर चोरी में शामिल सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. जिसमें चोरी और वह कबाड़ी भी शामिल है, जिसे इंजन के पार्ट्स बेचे गए थे.
"रेल इंजन चोरी जैसी कोई वारदात नहीं हुई है, यह फेक न्यूज़ है. एक स्पेयर रेल इंजन बरौनी स्टेशन के पास रखा हुआ था. जिसके अंदर चोर घुसकर केबल चुरा कर ले गए थे. इस मामले में आठ-दस दिनों पहले ही चोर सहित जिस कबाड़ी वाले से केबल बेचा गया था, उन सबकी गिरफ्तारी हो चुकी है. वहां पर कोई भी सुरंग नहीं है, बाउंड्री के पास मिट्टी हटने से पिलर के नीचे थोड़ा सा रास्ता जैसा (गड्डा) बना था. जो अक्सर बाउंड्री के नीचे पिलर के पास बन जाता है. ना तो कोई सुरंग बना और ना ही कोई इंजन की चोरी हुई है. केबल चोरी करने वाले सभी चोरों की गिरफ्तारी हो चुकी है" - बीरेंद्र कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर
सुरंग खोदकर चोरी की घटना से साफ इंकार: उन्होंने आगे बताया कि वहां पर कोई सुरंग नहीं है. बाउंड्री के पास मिट्टी हटने से पिलर के नीचे थोड़ा सा रास्ता जैसा बना था. जो अक्सर बाउंड्री के नीचे पिलर के पास बन जाता है. ना तो कोई सुरंग बना और ना ही कोई इंजन की चोरी हुई है. जितने भी चोरी करने वाले थे और जिसके पास इंजन के पार्ट्स बेचे गए, उन सभी की गिरफ्तारी हो चुकी है. उन्होंने सुरंग खोदकर चोरी होने की घटना से साफ इंकार कर दिया.
क्या है रेल इंजन चोरी की खबर? : दरअसल, बरौनी यार्ड से रेलवे इंजन चोरी की घटना सामने आई. खबरों में यह बताया गया कि चोरों ने मुजफ्फरपुर से बरौनी यानी करीब 100 किमी लंबी सुरंग खोद डाली और फिर इंजन चोरी की घटना को अंजाम दिया. जबकि रेलवे विभाग का कहना है कि ना तो रेल इंजन की चोरी हुई है और ना ही चोरी के लिए कोई सुरंग बनाया गया. रेलवे के इंजन का केबल चोरी हुआ था. मामले में आरोपी चोर और चोरी का केबल खरीदने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि स्क्रैप मालिक (कबाड़ी) फरार है.
मुजफ्फरपुर से हुई थी गिरफ्तारी : इस मामले की शुरुआत मुजफ्फरपुर से हुई है. जब 18 नवंबर को रेल पुलिस और विशेष विजिलेंस की टीम ने यहां छापेमारी की. जिसमें रेल इंजन से चोरी किए गए लाखों रुपये के तांबा और एल्यूमीनियम का स्क्रैप बरामद किया गया. टीम ने छापेमारी सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही स्थित साहू बर्तन भंडार पर किया था. छापेमारी में मुजफ्फरपुर आरपीएफ के अलावा गरहरा और सोनपुर आरपीएफ की टीम को तैनात किया गया था. इस दौरान तीन चोर को गिरफ्तार किया गया.
खराब इंजन से चोरी करते थे महंगे पार्ट्स : जांच में पता चला कि बरौनी के पास गरहरा रेलवे यार्ड में खराब इंजन लगाया जाता है. जहां से एक संगठित गिरोह के लोगों ने रेल इंजन में लगे तांबा का तार और एलुमिनियम के पार्ट्स को चोरी कर बिहार के विभिन्न जिले के विभिन्न स्क्रैप कारोबारी के हाथों बेच दिया करता था. जब इस बात का खुलासा हुआ तो रेल पुलिस ने चोरी की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी. जिसके बाद रेल पुलिस ने गरहरा के आसपास के इलाकों से तीन चोर को पकड़ा.
रेल इंजन के 13 बोरी पार्ट्स हुए थे बरामद: इस गिरोह के सरगना चंदन कुमार से पूछताछ के आधार पर मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र के प्रभात नगर कॉलोनी के मनोहर लाल साह के स्क्रैप गोदाम पर छापेमारी की गई. जहां से चोरी हुए 13 बोरा रेलवे के इंजन पार्ट्स बरामद किए गए. जिसकी कीमत करीब 30 लाख रुपए से अधिक आंकी गयी. छापेमारी में मुंशी समेत दो आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया था लेकिन भनक लगते ही स्क्रैप गोदाम के मालिक मनोहर लाल साह छत के रास्ते भागने में सफल हो गया था.