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पटना HC का अनोखा आदेश- 3 महीने तक कोरोना मरीजों की सेवा करने की शर्त पर मिली जमानत

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Published : Jun 10, 2020, 9:18 PM IST

पटना हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को इस शर्त पर जमानत दी है कि वह तीन महीने तक आइसोलेशन वार्ड में कोरोना मरीजों की सेवा करेगा. कोर्ट के आदेश के बाद व्यक्ति की ड्यूटी कोविड सेंटर पर लगा दी गई है.

begusarai
बेगूसराय

बेगूसराय: पटना उच्च न्यायालय ने बेगूसराय के एक व्यक्ति को जमानत देने के लिए अनोखी शर्त रखी. न्यायालय ने ये आदेश दिया है कि आरोपी शख्स को 3 महीने तक कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करनी पड़ेगी. कोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी व्यक्ति की ड्यूटी 3 महीने के लिए कोविड सेंटर पर लगा दी है.

दरअसल, नाव कोठी थाना क्षेत्र के महेश्वरा गांव निवासी मनोज सिंह पर गांव के ही एक दलित परिवार ने मारपीट करने और जातिसूचक शब्द इस्तेमाल करने के संबंध में नावकोठी थाना में मामला दर्ज कराया था. इस मामले में मनोज सिंह बेगूसराय जेल में बंद थे. व्यक्ति ने पटना उच्च न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने 3 महीने तक कोरोना मरीजों की अस्पताल में सेवा करने के आधार पर मनोज सिंह को जमानत दे दी है. अब व्यक्ति कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बने आइसोलेशन सेंटर में अपनी सेवा दे रहा है.

देखें रिपोर्ट

व्यक्ति ने किया फैसले का स्वागत
मनोज सिंह ने बताया कि इससे पहले भी वो सामाजिक कार्यों में योगदान देते रहे हैं और अदालत के इस फैसले से उन्हें काफी खुशी हुई है. अब वह पूरे तन मन से कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा कर रहे हैं. वहीं बेगूसराय व्यवहार न्यायालय के लोक अभियोजक बताते हैं कि हाईकोर्ट कई बार आश्चर्यजनक फैसले सुनाता है जिसका दूरगामी प्रभाव समाज के लोगों पर होता है. न्यायालय का उद्देश्य समाज में कानून की साख को स्थापित करना और मिलजुल कर रहने की प्रेरणा देना होता है. मनोज सिंह के मामले में न्यायालय का जो आदेश आया है वह स्वागत योग्य है. ऐसे फैसलों से इस तरह के काम करने वाले लोग परहेज करेंगे.

begusarai
बेगूसराय व्यवहार न्यायालय

कोर्ट का आदेश बना चर्चा का विषय
आइसोलेशन सेंटर पर मौजूद चिकित्सकों के अनुसार मनोज सिंह रोज सेंटर पहुंचते हैं. मनोज सिंह को मरीजों का टेंपरेचर लेना सिखाया जा रहा है. साथ ही मरीजों का अटेंडेंस सहित बाकी कई सुविधाओं का भी ख्याल मनोज सिंह रख रहे हैं. सदर अस्पताल के अधीक्षक आनंद शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी दी गई है. फिलहाल गेट पर आने जाने वालों के नाम पता लिखने का काम दिया गया है. साथ ही उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग करना भी सिखाया जा रहा है. बहरहाल हाई कोर्ट का ये आदेश जिले में चर्चा का विषय बन गया है. हर कोई हाई कोर्ट के इस तरह के फैसले का स्वागत कर रहा है.

बेगूसराय: पटना उच्च न्यायालय ने बेगूसराय के एक व्यक्ति को जमानत देने के लिए अनोखी शर्त रखी. न्यायालय ने ये आदेश दिया है कि आरोपी शख्स को 3 महीने तक कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करनी पड़ेगी. कोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी व्यक्ति की ड्यूटी 3 महीने के लिए कोविड सेंटर पर लगा दी है.

दरअसल, नाव कोठी थाना क्षेत्र के महेश्वरा गांव निवासी मनोज सिंह पर गांव के ही एक दलित परिवार ने मारपीट करने और जातिसूचक शब्द इस्तेमाल करने के संबंध में नावकोठी थाना में मामला दर्ज कराया था. इस मामले में मनोज सिंह बेगूसराय जेल में बंद थे. व्यक्ति ने पटना उच्च न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने 3 महीने तक कोरोना मरीजों की अस्पताल में सेवा करने के आधार पर मनोज सिंह को जमानत दे दी है. अब व्यक्ति कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बने आइसोलेशन सेंटर में अपनी सेवा दे रहा है.

देखें रिपोर्ट

व्यक्ति ने किया फैसले का स्वागत
मनोज सिंह ने बताया कि इससे पहले भी वो सामाजिक कार्यों में योगदान देते रहे हैं और अदालत के इस फैसले से उन्हें काफी खुशी हुई है. अब वह पूरे तन मन से कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा कर रहे हैं. वहीं बेगूसराय व्यवहार न्यायालय के लोक अभियोजक बताते हैं कि हाईकोर्ट कई बार आश्चर्यजनक फैसले सुनाता है जिसका दूरगामी प्रभाव समाज के लोगों पर होता है. न्यायालय का उद्देश्य समाज में कानून की साख को स्थापित करना और मिलजुल कर रहने की प्रेरणा देना होता है. मनोज सिंह के मामले में न्यायालय का जो आदेश आया है वह स्वागत योग्य है. ऐसे फैसलों से इस तरह के काम करने वाले लोग परहेज करेंगे.

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बेगूसराय व्यवहार न्यायालय

कोर्ट का आदेश बना चर्चा का विषय
आइसोलेशन सेंटर पर मौजूद चिकित्सकों के अनुसार मनोज सिंह रोज सेंटर पहुंचते हैं. मनोज सिंह को मरीजों का टेंपरेचर लेना सिखाया जा रहा है. साथ ही मरीजों का अटेंडेंस सहित बाकी कई सुविधाओं का भी ख्याल मनोज सिंह रख रहे हैं. सदर अस्पताल के अधीक्षक आनंद शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी दी गई है. फिलहाल गेट पर आने जाने वालों के नाम पता लिखने का काम दिया गया है. साथ ही उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग करना भी सिखाया जा रहा है. बहरहाल हाई कोर्ट का ये आदेश जिले में चर्चा का विषय बन गया है. हर कोई हाई कोर्ट के इस तरह के फैसले का स्वागत कर रहा है.

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