बेगूसराय : बेगूसराय के शहीद लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार (Lt. Rishi Kumar) का शव देर रात पैतृक आवास पहुंच गया. लेफ्टिनेंट ऋषि के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उनके पिपरा स्थित आवास पर मौजूद है. तिरंगे में लिपटे शहीद का शव ज्योंहि बेगूसराय पहुंचा, मौके पर मौजूद जनसैलाब अपने बेटे के अंतिम दर्शन के लिए व्याकुल नजर आया.
ये भी पढ़ें- शहीद लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा, एयरपोर्ट पर दी गई सलामी
शहीद ऋषि के शव को देखते ही लोगों के अंदर में देशभक्ति की लहर दौड़ पड़ी. जिसके बाद लोगों ने भारत माता के जयघोष के साथ-साथ शहीद ऋषि अमर रहे के नारे लगाए. इस दौरान लोगो में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला. शहीद ऋषि के शव को आम लोगों के अंतिम दर्शन के लिए जीडी कॉलेज में रखा जाएगा. जिसके बाद पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिये शव को सिमरिया गंगा घाट ले जाया जाएगा.
सिमरिया में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. फिलहाल 'शहीद ऋषि जिंदाबाद और भारत माता जिंदाबाद' के नारे से पूरा बेगुसराय देश भक्ति के रंग में डूबा हुआ नजर आ रहा है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद होने वाले बेगूसराय के रहने वाले लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार (Rishi Kumar) का पार्थिव शरीर रविवार को पटना लाया गया. एयरपोर्ट पर उन्हें सलामी दी गई. जहां डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, मंत्री मंगल पांडेय, मंत्री जीवेश मिश्रा सहित कई नेता और अधिकारी मौजूद थे. पटना से सड़क मार्ग से उनका शव बेगूसराय लाया गया.
ये भी पढ़ें- शहीद के खून के हर एक कतरा का लिया जाएगा बदला: गिरिराज सिंह
ऋषि के शहीद होने की खबर से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. शहीद ऋषि बेगूसराय जिला मुख्यालय के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी राजीव रंजन कुमार के पुत्र थे. एक साल पहले ही उन्होंने भारतीय सेना में ज्वाइन किया था. 30 अक्टूबर को सुंदरवन सेक्टर के रजौरी नौशेरा में एक ब्लास्ट के दौरान वे शहीद हो गए.
शहिद ऋषि कुमार मूलतः लखीसराय के पिपरिया के निवासी थे. लेकिन कई दशक पूर्व से ही जीडी कॉलेज के समीप पिपरा रोड में घर बना कर रह रहे थे. ऋषि के दादा रिफाइनरी में कार्यरत थे, जो रिटायरमेंट के बाद बेगूसराय में ही बस गए थे. मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया.
वे शनिवार की शाम अपनी टीम के साथ पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके में गश्त कर रहे थे. इसी दौरान शाम करीब छह बजे हुए विस्फोट में ऋषि समेत दो जवान शहीद हो गए. जबकि चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए.
घटना की सूचना मिलने के बाद ऋषि के रिश्तेदार उनके घर पहुंचे. इधर इकलौते पुत्र के निधन से माता-पिता समेत अन्य परिजन का रो-रो कर बुरा हाल है. ऋषि की दो बहनें हैं. वे इकलौता बेटा थे. परिजनों ने बताया कि ऋषि की छोटी बहन की 29 नवंबर को शादी थी. वे 22 नवंबर को आने वाले थे. लेकिन इसी बीच उनके शहीद होने की सूचना मिली.