बेगूसराय: देश की सेवा करते हुए मात्र 23 वर्ष की उम्र में पाकिस्तान की नापाक हरकत का शिकार हुए शहीद लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार (Lieutenant Rishi Kumar) सोमवार को गंगा तट सिमरिया में पंचतत्व में विलीन हो गए. हजारों शोकाकुल लोगों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोचार के साथ पिता राजीव रंजन सिंह ने शहीद पुत्र को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार से पहले सेना के जवानों और बिहार पुलिस ने गंगा तट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
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इस दौरान जुटे हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी. इसके पहले बेगूसराय के डीएम, एसपी एवं सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर अंतिम विदाई दी. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh), बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार, तेघड़ा विधायक रामरतन सिंह सहित बड़ी संख्या में सेना प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद थे.
इससे पहले बेगूसराय जिला मुख्यालय के जीडी कॉलेज से शुरू अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब ऐतिहासिक था. इस दौरान भीड़ के मद्देनजर प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे, लेकिन भीड़ इतनी थी कि सुरक्षा व्यवस्था कम पर गई. इस जनसैलाब में बेगूसराय शहर ही नहीं बल्कि पूरे जिले के लोग शामिल थे. भीड़ को काबू करने के लिए एनसीसी कैडेट, विभिन्न संगठनों और युवाओं की टोली ने प्रशासन को भरपूर सहयोग कर भीड़ को नियंत्रित किया.
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इस दौरान मौजूद सेना के अधिकारी भी उमड़ी भीड़ को नियंत्रित कर रहे थे. युवा तिरंगा लहराते हुए पाकिस्तान होश में आओ, पाकिस्तान मुर्दाबाद-हिंदुस्तान जिंदाबाद, वीर ऋषि अमर रहें आदि का जमकर नारा लगाया. जीडी कॉलेज परिसर से जब अंतिम यात्रा शुरू हुई तो हजारों लोगों ने सड़क के किनारे दोनों ओर खड़े होकर पुष्प वर्षा करते हुए अपने लाल को अंतिम विदाई दी.
वहीं, हजारों लोगों की भीड़ पार्थिव शरीर लदे सेना के वाहन के साथ पैदल ही 20 किलोमीटर दूर सिमरिया घाट पहुंची. इस दौरान विभिन्न स्कूल के बच्चे, युवाओं, एनसीसी कैडेट, साइकिल पर संडे की टीम, दिनकर पुस्तकालय सिमरिया सहित विभिन्न संघ-संगठनों, निजी स्कूल तथा एनएच के बगल में स्थित सरकारी स्कूलों के बच्चों द्वारा पूरे रास्ते तिरंगा के साथ मानव श्रृंखला बनाई गई थी. दूसरी ओर सेंट जोसेफ समेत तमाम स्कूलों में श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया है.
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