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बेगूसराय: खादी ग्राम उद्योग की जमीन हुई नीलाम, लोग सरकार से लगा रहे मदद की गुहार

खादी के मुख्य बिक्री केंद्र में कार्यरत सदस्य ग्रामीण इलाकों में जाकर ठेला पर सूती कपड़ा बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. ऐसे में वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

खादी ग्राम उद्योग
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Published : Feb 7, 2020, 12:48 PM IST

बेगूसराय: केंद्र सरकार की ओर से खादी वस्त्रों को प्रमोट करने के लिए पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण शहर के कॉलेजिएट स्कूल स्थित खादी के मुख्य बिक्री केंद्र की जमीन बैंक की ओर से नीलाम हो गई है.

क्या है मामला?
दरअसल, बेगूसराय में खादी ग्राम उद्योग को कुटीर उद्योग के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई थी. जिसका प्रचार-प्रसार गांव-गांव में किया गया था. इसकी शुरुआत जिले के कई गांवों में सूत काटने से की गई थी. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण इस योजना को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पाया. लिहाजा, सूत काटने के कई सेंटर बंद हो गए. जिससे वहां कार्यरत कर्मचारी बेरोजगार हो गए. हालांकि अपने दम पर कर्मचारियों ने किसी तरह इसे जिंदा रखने की कोशिश की. लेकिन कर्ज नहीं चुका पाने के कारण बैंक ने दुकान की जमीन को नीलाम कर दिया.

देखें रिपोर्ट

सरकार से लगा रहे मदद की गुहार
कर्मचारियों ने खादी व्यवसाय विस्तार के लिए ग्रामीण बैंक से लोन लिया था. जो चुकता नहीं किए जाने पर बैंक ने केंद्र की 1 कट्ठा जमीन नीलाम कर दिया. जिस पर वहां कार्यरत लोगों ने डीएम और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्राचार किया. लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिला. खादी के मुख्य बिक्री केंद्र में कार्यरत सदस्य ग्रामीण इलाकों में जाकर ठेला पर सूती कपड़ा बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. ऐसे में वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

बेगूसराय: केंद्र सरकार की ओर से खादी वस्त्रों को प्रमोट करने के लिए पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण शहर के कॉलेजिएट स्कूल स्थित खादी के मुख्य बिक्री केंद्र की जमीन बैंक की ओर से नीलाम हो गई है.

क्या है मामला?
दरअसल, बेगूसराय में खादी ग्राम उद्योग को कुटीर उद्योग के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई थी. जिसका प्रचार-प्रसार गांव-गांव में किया गया था. इसकी शुरुआत जिले के कई गांवों में सूत काटने से की गई थी. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण इस योजना को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पाया. लिहाजा, सूत काटने के कई सेंटर बंद हो गए. जिससे वहां कार्यरत कर्मचारी बेरोजगार हो गए. हालांकि अपने दम पर कर्मचारियों ने किसी तरह इसे जिंदा रखने की कोशिश की. लेकिन कर्ज नहीं चुका पाने के कारण बैंक ने दुकान की जमीन को नीलाम कर दिया.

देखें रिपोर्ट

सरकार से लगा रहे मदद की गुहार
कर्मचारियों ने खादी व्यवसाय विस्तार के लिए ग्रामीण बैंक से लोन लिया था. जो चुकता नहीं किए जाने पर बैंक ने केंद्र की 1 कट्ठा जमीन नीलाम कर दिया. जिस पर वहां कार्यरत लोगों ने डीएम और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्राचार किया. लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिला. खादी के मुख्य बिक्री केंद्र में कार्यरत सदस्य ग्रामीण इलाकों में जाकर ठेला पर सूती कपड़ा बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. ऐसे में वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

Intro:एंकर-महात्मा गांधी की 150 वी जयंती पूरे देश मे धूमधाम से मनाई जा रही है और खाधी वस्त्रों को प्रमोट करने के लिए पूरे देश मे अभियान चलाने की बात केंद्र सरकाए द्वारा किया जा रहा है लेकिन बात बेगूसराय की करें तो सरकारी सिस्टम की लापरवाही से खाधीग्रामोद्योग की जमीन नीलम हो गयी।नीलामी तब हुई जब गिरिराज सिंह केंद्र में लघु एवं सूक्ष्म उद्योग राज्य मंत्री हुआ करते थे।


Body:vo- एक समय था जब बेगूसराय में खादी ग्राम उद्योग को कुटीर उद्योग के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई थी गांव गांव में इसका प्रचार प्रसार किया गया था। जिले के कई गांव में लघु उद्योग के रूप में सूत काटने सत्तू बनाने से इसकी शुरुआत की गई थी, इतना ही नहीं जागरूकता के लिए इसकी प्रदर्शनी भी लगाई गई थी लेकिन एक बार शुरू करने के बाद इसके तरफ ना ही नेता और ना ही अधिकारी दोबारा लौटकर देखने आए और ना ही इस कार्यालय को किसी प्रकार का सहयोग मिल पाया।

प्रशासन की उपेक्षा के कारण रोजगार तो दूर जितने भी सूत काटने के सेंटर थे सभी बंद हो गए। शहर के कॉलेजिएट स्कूल स्थित मुख्य बिक्री केंद्र में बैंक ने ताला लगा दिया। इसमें 6 कर्मचारी कार्यरत हैं जो अपने दम पर किसी तरह इसे जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं। कर्ज नहीं चुकाने से बैंक ने जमीन तक नीलाम कर दिया है।
खाधी ग्राम उद्योग बेगूसराय ईकाई के द्वारा व्यवसाय विस्तार के लिए ग्रामीण बैंक से लोन लिया गया था जो चुकता नहीं किए जाने पर बैंक ने एक कट्ठा जमीन को नीलाम कर दिया है। खादी ग्राम उद्योग में कार्यरत लोगों ने जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक कई बार पत्राचार किया लेकिन जमीन की नीलामी रोक पाने में अक्षम रहे।
इस बाबत खादी ग्राम उद्योग के सचिव बताते हैं कि बैंक ने उनके साथ बहुत अन्याय किया है जितनी राशि की लोन ली गई थी बैंक ने जमीन नीलाम कर वह राशि तो ले ही ली ऊपर से ₹51लाख पर होल्ड लगा दिया जिस वजह से खादी ग्राम उद्योग उसका इस्तेमाल नहीं कर सकती है ।
खादी ग्राम उद्योग के सदस्यों के मुताबिक बैंक की नीलामी रोकने के लिए उन्होंने खादी ग्राम उद्योग विभाग से लेकर मुख्यमंत्री बिहार ,देश के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री तक को कई बार पत्र लिखा लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल सका, जिस वजह से बैंक के द्वारा एक कट्ठा जमीन को नीलाम कर दिया गया।
इसमें कार्यरत सदस्य ग्रामीण इलाकों में जाकर ठेला पर सूती कपड़ा बेच कर जीवन यापन कर रहे हैं।

वन टू वन विथ राणा रणधीर सिंह,सचिव खाधी ग्रामोद्योग

vo-दुखद पहलू यह है कि जिस समय बैंक ने खादी ग्राम उद्योग की जमीन को नीलाम किया उस समय बेगूसराय के वर्तमान सांसद गिरिराज सिंह केंद्र में लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री हुआ करते थे और बेगूसराय दौरे के दौरान उन्होंने खादी ग्राम उद्योग के जीर्णोद्धार का वादा किया था लेकिन जीर्णोद्वार तो नहीं हो पाया उल्टे खादी ग्राम उद्योग की जमीन जरूर नीलाम हो गई।

क्लोजिंग पीटीसी-आशीष कुमार,संवाददाता


Conclusion:fvo- देखने वाली बात यह होगी की खादी ग्राम उद्योग से जुड़े लोगों के दर्द को जिला प्रशासन या भारत सरकार के वर्तमान केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह कितना कम पर कर पाते हैं क्योंकि खादी ग्राम उद्योग से जुड़े लोग स्थानीय सांसद होने के नाते अब उनसे मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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