बेगूसराय: केंद्र सरकार की ओर से खादी वस्त्रों को प्रमोट करने के लिए पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण शहर के कॉलेजिएट स्कूल स्थित खादी के मुख्य बिक्री केंद्र की जमीन बैंक की ओर से नीलाम हो गई है.
क्या है मामला?
दरअसल, बेगूसराय में खादी ग्राम उद्योग को कुटीर उद्योग के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई थी. जिसका प्रचार-प्रसार गांव-गांव में किया गया था. इसकी शुरुआत जिले के कई गांवों में सूत काटने से की गई थी. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण इस योजना को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पाया. लिहाजा, सूत काटने के कई सेंटर बंद हो गए. जिससे वहां कार्यरत कर्मचारी बेरोजगार हो गए. हालांकि अपने दम पर कर्मचारियों ने किसी तरह इसे जिंदा रखने की कोशिश की. लेकिन कर्ज नहीं चुका पाने के कारण बैंक ने दुकान की जमीन को नीलाम कर दिया.
सरकार से लगा रहे मदद की गुहार
कर्मचारियों ने खादी व्यवसाय विस्तार के लिए ग्रामीण बैंक से लोन लिया था. जो चुकता नहीं किए जाने पर बैंक ने केंद्र की 1 कट्ठा जमीन नीलाम कर दिया. जिस पर वहां कार्यरत लोगों ने डीएम और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्राचार किया. लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिला. खादी के मुख्य बिक्री केंद्र में कार्यरत सदस्य ग्रामीण इलाकों में जाकर ठेला पर सूती कपड़ा बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. ऐसे में वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.