बेगूसराय: केंद्रीय श्रमिक संघ और भारतीय खेतिहर मजदूर संघ के माध्यम से सरकारी संसाधनों और खेती के निजीकरण के खिलाफ निजीकरण दिवस मनाया गया. यह मार्च पावर हाउस से लेकर रेलवे स्टेशन तक निकाला गया. यह मार्च बाद में सभा में तब्दील हो गया.
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सरकार की जमकर आलोचना
बता दें कि सभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने सरकार की जमकर आलोचना की. साथ ही कहा कि सरकारी संस्थानों को कौड़ी के भाव बेचा जा रहा है. देश के विकास की धुरी के रूप में जिस सार्वजनिक क्षेत्र को स्थापित किया गया था, अब उसे कौड़ी के भाव बेचा जा रहा है.
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मंहगाई चरम सीमा पर
नेताओं ने कहा कि एक तरफ जहां बेरोजगार की फौज खड़ी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ अकूत सम्पत्ति निजी व्यक्तियों के हाथ लग रही है. जिससे महंगाई चरम सीमा पर है. वर्तमान सरकार किसानों के खेत को भी निजीकरण के गोद में धकेल रही है, जो पूंजीपति को सहयोग करने के लिए है.