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बेगूसराय में तीनों कृषि कानून की प्रतियां जलाकर किया गया अनिश्चितकालीन धरना का समापन

कृषि कानून के खिलाफ समाहरणालय के सामने 11 जनवरी से जारी अनिश्चितकालीन धरना को कृषि कानून की प्रतियां जलाकर समाप्त कर दिया गया. इस दौरान सरकार से कानून को रद्द करने की मांग की गई. वहीं, मांगें नहीं मानने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी गई.

indeterminate protest ends after burned copies of three farm laws in Begusarai
indeterminate protest ends after burned copies of three farm laws in Begusarai
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Published : Jan 13, 2021, 10:38 PM IST

बेगूसराय: अखिल भारतीय किसान महासभा ने कृषि कानून के खिलाफ समाहरणालय के सामने 11 जनवरी से जारी अनिश्चितकालीन धरना को समाप्त कर दिया है. इस धरना प्रदर्शन की समाप्ति कृषि कानून की प्रतियां जलाकर की गई. इस मौके पर किसान महासभा के कई नेताओं ने लोगों और किसानों को संबोधित किया.

इस दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि मोदी सरकार कोर्ट के जरिए पूंजीवादी के पक्ष में किसान विरोधी कृषि कानून को किसानों के उपर थोपना चाहती है. ये किसानो को मंजूर नहीं है. सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ देश में किसान विद्रोह की प्रबल संभावना बन रही है. इसके साथ ही दिवाकर कुमार ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार दमन और धोखा का रास्ता बंद कर संविधान के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए कृषि कानून को अविलंब रद्द करे, नहीं तो देश में आन्दोलन और तेज होगा.

कोर्ट का निर्णय सरकार के पक्ष में- बैजू सिंह
इसके अलावा किसान महासभा के जिला सचिव बैजू सिंह ने कहा कि कोर्ट का निर्णय सरकार के पक्ष में है. कृषि कानून बनाने वालों को ही समिति में शामिल करना दुर्भाग्यपूर्ण है. ये किसानों के साथ बड़ा धोखा है. कृषि कानून के खिलाफ किसान महासभा पंचायतों और गांवों में मोदी सरकार के खिलाफ रजनीतिक भंडाफोड़ अभियान चलाएगा.

25 जनवरी को मशाल जुलूस
किसान नेताओं ने बताया कि खेग्रामस, किसान महासभा और भाकपा माले गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को मशाल जुलूस निकालेगी. वहीं, 30 जनवरी को महागठबंधन की ओर से आयोजित मानव श्रृंखला के कार्यक्रम को पूरे दमखम के साथ सफल करेगी.

बेगूसराय: अखिल भारतीय किसान महासभा ने कृषि कानून के खिलाफ समाहरणालय के सामने 11 जनवरी से जारी अनिश्चितकालीन धरना को समाप्त कर दिया है. इस धरना प्रदर्शन की समाप्ति कृषि कानून की प्रतियां जलाकर की गई. इस मौके पर किसान महासभा के कई नेताओं ने लोगों और किसानों को संबोधित किया.

इस दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि मोदी सरकार कोर्ट के जरिए पूंजीवादी के पक्ष में किसान विरोधी कृषि कानून को किसानों के उपर थोपना चाहती है. ये किसानो को मंजूर नहीं है. सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ देश में किसान विद्रोह की प्रबल संभावना बन रही है. इसके साथ ही दिवाकर कुमार ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार दमन और धोखा का रास्ता बंद कर संविधान के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए कृषि कानून को अविलंब रद्द करे, नहीं तो देश में आन्दोलन और तेज होगा.

कोर्ट का निर्णय सरकार के पक्ष में- बैजू सिंह
इसके अलावा किसान महासभा के जिला सचिव बैजू सिंह ने कहा कि कोर्ट का निर्णय सरकार के पक्ष में है. कृषि कानून बनाने वालों को ही समिति में शामिल करना दुर्भाग्यपूर्ण है. ये किसानों के साथ बड़ा धोखा है. कृषि कानून के खिलाफ किसान महासभा पंचायतों और गांवों में मोदी सरकार के खिलाफ रजनीतिक भंडाफोड़ अभियान चलाएगा.

25 जनवरी को मशाल जुलूस
किसान नेताओं ने बताया कि खेग्रामस, किसान महासभा और भाकपा माले गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को मशाल जुलूस निकालेगी. वहीं, 30 जनवरी को महागठबंधन की ओर से आयोजित मानव श्रृंखला के कार्यक्रम को पूरे दमखम के साथ सफल करेगी.

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