बेगूसरायः प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती है. यह सच कर दिखाया है, बेगूसराय के गौरव कुमार ने. जिन्होंने ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग गेट 2020 के पेट्रोलिंग इंजीनियरिंग में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. गौरव की इस कामयाबी से ना सिर्फ बेगूसराय बल्कि पूरा बिहार गौरवान्वित हुआ है. गौरव को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
सामान्य परिवार से आते हैं गौरव
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्म भूमि और बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह की कर्मभूमि बेगूसराय के लाल ने एक बार देश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. यहां के छात्र गौरव कुमार ने ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग गेट 2020 पेट्रोलिंग इंजीनियरिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. एक प्राइवेट शिक्षक के पुत्र और एक बेहद ही सामान्य परिवार से आने वाले गौरव ने यह उपलब्धि मात्र 6 महीने की मेहनत से हासिल की है.
यूपीएससी भी करने की है गौरव की इच्छा
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईटीआई दिल्ली से जारी किए गए ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन पेट्रोलिंग के हिंदी विषय में गौरव को 76 पॉइंट में 67% अंक प्राप्त हुआ है. इन्हें देश में प्रथम स्थान मिला है. वहीं, ऑल ओवर ब्रांच में भी गौरव को 1000 में 1000 अंक प्राप्त हुए हैं. रिजल्ट की घोषणा के साथ ही परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई है. वहीं, गौरव भी अपनी इस कामयाबी से काफी खुश हैं. गौरव की इच्छा आगे चलकर यूपीएससी करने की है.
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बेटे की कामयाबी पर भावुक हो गईं मां
गौरव की मां बताती हैं कि गौरव बचपन से ही पढ़ने में मेधावी था. उसे कभी भी पढ़ने के लिए कहना नहीं पड़ता था. उसकी कामयाबी पर मां की आंखों में खुशी के आंसू नहीं थम रह हैं. प्राइवेट शिक्षक के पुत्र गौरव की माली हालत कभी भी अच्छी नहीं रही, इसके बावजूद उसके पिता ने कभी हार नहीं मानी और कभी भी गौरव को कोई कमी नहीं होने दी.
विष्म परिस्थिति में भी नहीं मानी हार
प्राइवेट शिक्षक पिता ने अपने दो बच्चों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करवाई. गौरव के पिता ने कहा कि हमने अपने बच्चों के लिए जो सपना देखा तो वह पूरा हो रहा है. इन्हें अपने बेटे पर गर्व है. कुल मिलाकर गौरव की कामयाबी उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो गरीबी का रोना रोकर अपनी प्रतिभा को कुंठित या समाप्त कर लेते हैं.