बेगूसराय: बिहार के कई जिलों में बाढ़ का कहर जारी है. जिले से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. इस कारण नदी के तटबन्धों में से रिसाव हो रहा है. गांव में बाढ़ का पानी आने के कारण चेरिया बरियारपुर प्रखंड के बसही गांव के लोग पलायन को मजबूर हो गए.
ग्रामीण सड़कों और ऊंची जगहों पर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. वहीं, प्रखंड के बीडीओ कर्पूरी ठाकुर ने तटबन्ध टूटने की अपवाह पर पलायन करने की बात कही है.
पहले भी झेल चुके हैं बाढ़ का दंश
वर्ष 2007 की त्रासदी केे खौफनाक मंजर को भुला नहीं जा सकता है. बसही बासी पर एक बार फिर बुढी गडंक नदी की उफनती धारा ने लोगों को भयभीत कर दिया है. गांव के लोग अपने घरों के समानो के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए. शुक्रवार की सुबह में जैसे ही पानी की तेज धारा बसही गांव से गुजरने वाली तटबंध के कटाव स्थल के समीप टकराने लगी. इस कारण सहमे ग्रामीण गांव छोड़ने को विवश हो गए.
प्रशासन लोंगो को दिलाया भरोसा
हालांकि स्थानीय प्रशासन तटबंध की सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाते रहे. लेकिन गांव के लोग गांव को छोड़कर सुरक्षित स्थान के लिए रवाना हो गए. वहीं, गांव की बची आबादी भी ऊंचे स्थान की तलाश में तटबंध को सुरक्षित मानकर अस्थायी बसेरा बना लिया है. इस गांव में लगभग आबादी गांव को खाली कर चुके हैं. बुजुर्ग ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी साल 2007 में भी यही बात बोल रहे थे. इसके बाबजूद भी तटबन्ध टूट गया.
स्थानीय संवाददाता ने बताया कि साल 2007 में 27 लोगों को अपने साथ बाढ़ बहा कर ले गई थी, जिसमें मात्र 14 लोगों का ही शव ही मिला था. आज भी सरकार की नजर में13 लोग लापता है. उसे सरकार प्रशासन खोज नहीं सका. इस कारण इनके परिजनों को मुआवजा नहीं मिला है.
पलायन न करें ग्रामीण-बीडीओ
बीडीओ कर्पूरी ठाकुर ने बताया कि बसही लोग जरूरत से ज्यादा पैनिक हो गए हैं, जबकि तत्काल तटबंध सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण विभाग पूर्णरूप से सचेत है. साथ ही कहा कि लोगों से निर्भीक होकर गांंव मे रहने की अपील की है.